MP Ajab Gajab: मैहर। एमपी विधानसभा चुनाव 2023 बिल्कुल पास आ गए हैं, ऐसे में ज्यादातर सरकारी कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी लगी है. लेकिन मैहर जिले का एक सरकारी शिक्षक चुनाव ड्यूटी पर जाने से साफ मना कर दिया है, इसकी जानकारी के बाद राज्य सरकार ने शिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया. शिक्षक ने जवाब में कहा कि पहले उसकी शादी करवाओ, तभी वह चुनाव ड्यूटी करेगा. हालांकि बाद में कलेक्टर ने उन्हें सस्पेंड कर दिया, आइए जानते हैं पूरा मामला-
चुनाव ट्रेनिंग से गायब शिक्षक को नोटिस जारी: दरअसल पूरा मामला नवनिर्मित मैहर जिले के अमरपाटन में महुदर हायर सेकेंडरी विद्यालय का हैं, जहां 35 वर्षीय शिक्षक अखिलेश कुमार मिश्रा संस्कृत पढ़ाते हैं. स्कूल के दूसरे शिक्षकों की तरह उन्हें भी चुनाव ड्यूटी पर रिपोर्ट करने का आदेश मिला था, इसके लिए प्रशासन की ओर से 16-17 अक्टूबर को ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया था, लेकिन अखिलेश मिश्रा उसे कैंप में नहीं पहुंचे.
प्रशासन की ओर से 27 अक्टूबर को अखिलेश कुमार मिश्रा को नोटिस भेजा गया, उस नोटिस में कहा गया कि "राष्ट्रीय महत्व के काम में लापरवाही बरतने पर उन्हें क्यों न नौकरी से सस्पेंड कर दिया जाए?" इस नोटिस के जवाब में शिक्षक ने 31 अक्टूबर को सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा को जवाब भेजा है, 'पॉइंट टू पॉइंट रिप्लाई' नाम के उस लेटर में शिक्षक ने अपने अधेड़ अवस्था में पहुंच जाने और अब भी शादी न हो पाने को दुख का उल्लेख किया है.
टीचर ने शो कोज नोटिस का दिया अजब गजब जवाब: टीचर अखिलेश कुमार मिश्रा ने नोटिस के जवाब में लिखा कि "मेरी पूरी जिंदगी पत्नी के बिना कट रही है, मेरी सारी रातें अकेले कट रही हैं. पहले मेरी शादी कराओ, उसके बाद ही मैं चुनाव ड्यूटी करूंगा. इसी पत्र में शिक्षक ने कथित रूप से 3.5 लाख रुपये दहेज और सिंगरौली टावर या समदरिया में फ्लैट के लिए लोन मंजूर करने की मांग भी की है. इसके अलावा अपने पत्र के अंत में अखिलेश मिश्रा लिखते हैं कि "क्या करें, मेरे पास शब्द नहीं हैं. आप ज्ञान के सागर हैं."
अजब गजब पत्र के बाद टीचर हुआ सस्पेंड: टीचर का यह अजब गजब पत्र मिलने के बाद जिला प्रशासन ने 2 नवंबर को उन्हें सेवा से सस्पेंड कर दिया है. मामले पर कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कहा कि "राष्ट्रीय महत्व के कार्य से इनकार करने और दहेज की मांग करने पर शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है, दहेज लेना और देना एक साजिक बुराई है और इसे किसी भी हालात में मंजूर नहीं किया जा सकता."
तनाव में हैं अखिलेश कुमार मिश्रा: शिक्षक अखिलेश कुमार मिश्रा के एक सहकर्मी ने कहा कि "अखिलेश कुमार मिश्रा पिछले कुछ सालों से तनाव में हैं, अगर ऐसा नहीं होता तो ऐसा विचित्र पत्र कौन लिखता है. वह भी तब, जब उन्हें प्रशासन की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया हो. अखिलेश कुमार मिश्रा ने 1 वर्ष पहले अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल बंद कर दिया था."