सतना| जिला अस्पताल की एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिले के रामनगर थाना क्षेत्र से मेडिकल चेकअप के लिए आई एक रेप पीड़िता को पुलिस के साथ हॉस्पिटल में ढाई घंटे तक इंतजार करना पड़ा. बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल के मातृत्व वॉर्ड में कोई भी डॉक्टर अपने स्थान पर नहीं पाये जाते. इससे अंदाजा लगाया सकता है कि जब पुलिस को मेडिकल के लिए ढाई घंटे इंतजार करना पड़ता है तो आम जनता का क्या होगा.
रामनगर थाना क्षेत्र में 15 साल की रेप पीड़िता अपने 10 दिन के बच्चे को लेकर पुलिस के साथ जिला अस्पताल गई थी. जिसके बाद पीड़िता को ढाई घंटे तक डॉक्टर का इंतजार करना पड़ा. जैसे तैसे डॉक्टर ने आकर मेडिकल परीक्षण किया तो डीएनए जांच के लिए ब्लड सैंपल लेने से मना कर दिया. जब अस्पताल के सिविल सर्जन और अन्य डॉक्टरों से संपर्क किया तब एक घंटे बाद ब्लड का सैंपल लिया गया. स्वास्थ्य विभाग की ये लापरवाही एक नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता को परेशान करती रही. रेप पीड़िता के सिर से मां-बाप का साया उठने के बाद वो अपने ननिहाल में रह रही है.
नाबालिग बलात्कार का शिकार हो गई. जब वो गर्भवती हुई तो बुजुर्ग नाना-नानी लोक लज्जा के डर से बात को दबाए रहे. हाल ही में जब पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया तो गांव में बात उजागर हो गई. आरोपी ने भी पीड़िता का साथ देने से मना दिया. ऐसे में पीड़ित परिवार रामनगर थाना पुलिस के पास पहुंचा. पुलिस ने गंभीरता बरती और आरोपी संदीप सिंह गोड़ के खिलाफ बलात्कार व पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया. अस्पताल में परेशान हो रही पीड़िता के लिए पुलिस ने कई प्रयास किए, जिसके बाद डॉ. मंजू सिंह ने शाम को एमएलसी किया.
इस मामले में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात की गई है. वहीं इस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि ये मामला ईटीवी भारत द्वारा संज्ञान में लाया गया है, इस मामले पर टीम गठित कर जांच की जाएगी और जो भी डॉक्टर दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.