सतना। हिंदुस्तान का चंद्रयान-2 जल्द ही चांद की सतह पर कदम रखने वाला है, इसरो की इस कामयाबी पर भारत की क्षमता का लोहा पूरी दुनिया मान रही है. चंद्रयान-2 के रवाना होने के साथ ही पूरी दुनिया से भारत और इसरो को खूब बधाई मिली, उसी इसरो में चयनित होकर सतना की बेटी स्वप्निल ने प्रदेश का मान बढ़ाया है. जिसका चयन इसरो में बतौर वैज्ञानिक हुआ हैं.
स्वप्निल की बचपन में खुले आसमान के नीचे लेट कर तारे गिनने की आदत कब रूचि में तब्दील हो गई. स्वप्निल बताती है कि विज्ञान में रूचि कक्षा पांच से ही से शुरू हो गई थी. तारामंडल के रहस्य को जानने के लिए किताबें पढ़नी शुरू की. स्कूल में शिक्षिकों से सवाल पूछने शुरू किये तो शिक्षक किताब ही भेट कर दिया करते थे.
स्वप्निल बेंगलुरु स्थिति यू .आर.राव सेटेलाइट सेंटर में साइंटिस्ट पद पर सेलेक्ट हुई हैं. इस सेंटर में जितनी भी सैटेलाइट बनती है उनको बनाने में और उनकी टेंस्टिंग में स्वप्निल अपना हाथ बटाएगी.गांव से लेकर अंतरिक्ष का सफर करने वाली स्वप्निल के सपना पूरे होने से पूरा परिवार गौरवान्वित महसूस कर रहा है.चंद्रयान-2 के सफलतापूर्वक प्रक्षेपण के बाद इसरो की कामयाबी का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है. उसी इसरो का हस्सा बनना अपने आप में गर्व की बात है.