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लॉकडाउन की मार: गर्मी के मौसम में मटकों के व्यापार पर असर, नहीं बिक रहे मटके

सतना में लॉकडाउन के चलते मटका व्यापारियों का धंधा पूरी तरह चौपट हो गया है. गर्मी के मौसम में जहां हर कोई मटका खरीदता था, वहीं आज बिक्री न के बराबर हो गई है.

Lockdown ruined the business of matka traders in satna
गर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा बिकने वाले मटको पर लॉकडाउन की मार
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Published : Apr 10, 2020, 8:12 PM IST

सतना। कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन जारी है. वहीं इस लॉकडाउन के चलते बड़े से बड़े और छोटे से छोटे व्यवसाय में इसका असर देखने को मिल रहा है. जहां एक ओर बड़े संस्थान बंद हैं तो छोटे-मोटे व्यवसाय भी प्रभावित हो रहे हैं. गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है और इस मौसम में सबसे ज्यादा घड़ों का व्यापार होता है. लेकिन लॉकडाउन के चलते घड़े का व्यापार करने वालों को घरों में खाली बैठना पड़ रहा है. दो वक्त की रोटी खाने का संकट भी सामने आ खड़ा हुआ है.

लॉकडाउ से मटका व्यापारियों पर संकट

इक्का-दुक्का व्यापारी बेच रहे घड़े

सतना में प्रेम नगर के किनारे बैठे घड़े का व्यापार करने वाले शिवम केशरवानी नाम के व्यापारी ने बताया कि यहां व्यापार करने दूर गांव मैहर, ऊचेहरा, लगरगवां, कटनी आदि जगह से कुम्हार अन्य वर्ग के लोग आते थे, लेकिन इन दिनों लॉकडाउन की वजह से कोई भी दिखाई नहीं दे रहा है. इक्का-दुक्का व्यापारी सड़क के किनारे बैठे हुए हैं.उन्होंने बताया कि वो मटके बाहर से लाते हैं जिन्हें लाते वक्त वो टूट जाते हैं. ऐसे में उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

लॉकडाउन में पूंजी निकालना भी मुश्किल

गर्मी का सीजन शुरू होते ही इनके चार चांद लग जाते थे, लेकिन इस साल इन्हें पूंजी निकालना भी बड़ा मुश्किल पड़ रहा है. जहां हर साल घड़े की मांग मार्च,अप्रैल महीने से शुरू हो जाती थी.वहीं इस साल पूरे नवरात्रि में धार्मिक स्थल के पट बंद थे ऐसे में उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. घड़े की कीमत 20 रुपये से शुरू होती है और करीब 100 रुपये तक के घड़े, इन व्यापारी के यहां मिलते हैं. इस मंदी में भी सभी व्यापारी इस लॉकडाउन में अपना समर्थन दे रहे हैं.

सतना। कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन जारी है. वहीं इस लॉकडाउन के चलते बड़े से बड़े और छोटे से छोटे व्यवसाय में इसका असर देखने को मिल रहा है. जहां एक ओर बड़े संस्थान बंद हैं तो छोटे-मोटे व्यवसाय भी प्रभावित हो रहे हैं. गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है और इस मौसम में सबसे ज्यादा घड़ों का व्यापार होता है. लेकिन लॉकडाउन के चलते घड़े का व्यापार करने वालों को घरों में खाली बैठना पड़ रहा है. दो वक्त की रोटी खाने का संकट भी सामने आ खड़ा हुआ है.

लॉकडाउ से मटका व्यापारियों पर संकट

इक्का-दुक्का व्यापारी बेच रहे घड़े

सतना में प्रेम नगर के किनारे बैठे घड़े का व्यापार करने वाले शिवम केशरवानी नाम के व्यापारी ने बताया कि यहां व्यापार करने दूर गांव मैहर, ऊचेहरा, लगरगवां, कटनी आदि जगह से कुम्हार अन्य वर्ग के लोग आते थे, लेकिन इन दिनों लॉकडाउन की वजह से कोई भी दिखाई नहीं दे रहा है. इक्का-दुक्का व्यापारी सड़क के किनारे बैठे हुए हैं.उन्होंने बताया कि वो मटके बाहर से लाते हैं जिन्हें लाते वक्त वो टूट जाते हैं. ऐसे में उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

लॉकडाउन में पूंजी निकालना भी मुश्किल

गर्मी का सीजन शुरू होते ही इनके चार चांद लग जाते थे, लेकिन इस साल इन्हें पूंजी निकालना भी बड़ा मुश्किल पड़ रहा है. जहां हर साल घड़े की मांग मार्च,अप्रैल महीने से शुरू हो जाती थी.वहीं इस साल पूरे नवरात्रि में धार्मिक स्थल के पट बंद थे ऐसे में उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. घड़े की कीमत 20 रुपये से शुरू होती है और करीब 100 रुपये तक के घड़े, इन व्यापारी के यहां मिलते हैं. इस मंदी में भी सभी व्यापारी इस लॉकडाउन में अपना समर्थन दे रहे हैं.

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