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किसानों को नोटिस पर बैंक ने मानी चूक, ईटीवी भारत की खबर का असर

कर्जमाफी के बाद बैंक द्वारा नोटिस भेजने के मामले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर ने बैंक मैनेजर को किसानों को दिये गये नोटिस वापस लेने के आदेश दिए हैं.

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Published : Apr 15, 2019, 11:22 PM IST

ईटीवी भारत की खबर का असर

सतना। उचेहरा तहसील क्षेत्र में किसानों के कर्जमाफी के बाद बैंक द्वारा नोटिस भेजने के मामले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर ने बैंक मैनेजर को किसानों को दिये गये नोटिस वापस लेने के आदेश दिए हैं.

ईटीवी भारत की खबर का असर

बैंक के मैनेजर पीसी वर्मा ने खुद स्वीकार किया है कि लगरगवा मध्यांचल ग्रामीण बैंक शाखा से नोटिस जारी करने में चूक हुई है. ऋण माफी के बाद किसानों को बैंक द्वारा नोटिस जारी नहीं करना था.चुनावी सभा में बीजेपी ने किसानों को नोटिस जारी करने के मुद्दे पर सियासत शुरु कर दी है. बीजेपी ने किसानों से वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. सतना मध्यांचल बैंक की चूक से पूरे प्रदेश के किसानों के बीच कमलनाथ सरकार की किरकिरी हो गई है.

सतना। उचेहरा तहसील क्षेत्र में किसानों के कर्जमाफी के बाद बैंक द्वारा नोटिस भेजने के मामले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर ने बैंक मैनेजर को किसानों को दिये गये नोटिस वापस लेने के आदेश दिए हैं.

ईटीवी भारत की खबर का असर

बैंक के मैनेजर पीसी वर्मा ने खुद स्वीकार किया है कि लगरगवा मध्यांचल ग्रामीण बैंक शाखा से नोटिस जारी करने में चूक हुई है. ऋण माफी के बाद किसानों को बैंक द्वारा नोटिस जारी नहीं करना था.चुनावी सभा में बीजेपी ने किसानों को नोटिस जारी करने के मुद्दे पर सियासत शुरु कर दी है. बीजेपी ने किसानों से वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. सतना मध्यांचल बैंक की चूक से पूरे प्रदेश के किसानों के बीच कमलनाथ सरकार की किरकिरी हो गई है.

Intro:"सतना etv भारत की खबर का असर"

एंकर इंट्रो ----
सतना ईटीवी भारत की खबर का असर,, सतना जिले के उचेहरा तहसील अंतर्गत कई पंचायतों में कर्ज माफी के बाद भी किसानों को पैसा जमा करने के लिए बैंक द्वारा नोटिस भेजा गया,,कांग्रेस सरकार की जय किसान ऋण माफी योजना के तहत किसानों का कर्जा माफ किया गया था,, उसके बाद भी नोटिस भेजना किसानों के लिए एक सर दर्द बन गया था,,जिसकी खबर ईटीवी भारत में प्रमुखता से दिखाई थी,,इसके बाद मामला जिला कलेक्टर के संज्ञान में पहुंचा तो कलेक्टर ने मामले पर टीम गठित की जिसमें सहकारी बैंक लीड डिस्ट्रिक मैनेजर, डिप्टी डायरेक्टर कृषि विभाग,सहकारी बैंक मैनेजर यह तीनों की टीम बनाकर मामले की निष्पक्ष जांच करने के लिए आदेश दिए गए,, जिसके बाद टीम मध्यांचल ग्रामीण बैंक शाखा लगरगवा पहुंचकर मामले की जांच में जुट गई है और बैंक मैनेजर द्वारा भेजे गए नोटिस को वापस लेने के लिए आदेश दिए गए ।


Body:VO 1---
जय किसान ऋण माफी योजना में पात्र किसानों की नोटिस जारी करने की खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई जिससे जिला प्रशासन सख्ती पर आया,, कलेक्टर ने 3 सदस्य टीम गठित कर मौके पर जांच के लिए भेज दिया,, जांच के बाद टीम के मुखिया ने माना कि मध्यांचल बैंक से चूक हुई है,, मध्यांचल बैंक की यह चूक लोकसभा कांग्रेश पर भारी पड़ सकती है,, चुनावी सभा में भाजपा और उसके प्रत्याशी हर मंच पर किसानों से सरकार की वादाखिलाफी बताते हुए इस सुलगते मुद्दे को भुनाने लगी है,, किसानों ने ही मध्यप्रदेश में कांग्रेस का 15 साल का वनवास खत्म कराया था,, किसानों के ऋण माफी योजना के दम पर लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस फतह हासिल करने की जुगत में थी,, लेकिन सतना मध्यांचल बैंक की चूक से पूरे प्रदेश के किसानों के बीच कमलनाथ सरकार की किरकिरी हो गई है ।

Vo 2---
प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले जय किसान ऋण माफी योजना का करीब से करीब हर मंच से ढिंढोरा पीटा था,, प्रदेश के किसान ने विश्वास जताया था और सरकार बनाकर कांग्रेस का 15 सालों का वनवास खत्म कर दिया था,, जिस योजना ने प्रदेश सरकार की सरकार बना दी थी, उसी योजना के जरिए उन्हीं के अधिकारी कर्मचारी इस लोकसभा चुनावी समर में सरकार पर संकट खड़ा कर दिया है,, दरअसल दो लाख से ऋणी जिन किसानों ने मध्यांचल ग्रामीण बैंक से क्रेडिट कार्ड में कर्ज लिया था,, बैंक किसानों को रजिस्टर्ड नोटिस जारी करते हुए वसूली की फिराक में था,, मामला उचेहरा तहसील के लगरगवा,गोवराव कला,गोवराव खुर्द,भटनवारा, भरहुत सहित आधा दर्जन बड़ी पंचायतों के सैकड़ों किसानों को नोटिस जारी कर दिया,, अकेले गोवराव खुर्द में 175 किसानों को नोटिस जारी किया गया, नोटिस मिलने से किसानों की चिंताएं बढ़ गई,, मैं अपने आप को कांग्रेस सरकार द्वारा छला हुआ महसूस करने लगा,, ईटीवी भारत को मामले की भनक लगने के बाद मामला सुर्खियां बन गया,, किसानों के साथ कांग्रेस सरकार की वादाखिलाफी जैसा सुलगते मुद्दे को भाजपा और उनके प्रत्याशियों ने लपक लिया,, और हर चुनावी सभा में किसानों को कांग्रेस सरकार द्वारा छलने की बात कह रहे हैं ।

byte ---
गणेश सिंह -- भाजपा प्रत्याशी लोक सभा सतना ।

Vo 3---
किसानों से जुड़े मुद्दे इस चुनावी समर में सरकार की वादाखिलाफी की खबर से प्रदेश की कमलनाथ सरकार हिल गई,, फौरन कलेक्टर की क्लास लगा दी,, कलेक्टर ने 3 सदस्य जांच कमेटी गठित कर मौके पर भेज दी,, जांच टीम के मुखिया जिला लीड बैंक के मैनेजर पीसी वर्मा ने खुद स्वीकार किया की लगरगवा मध्यांचल ग्रामीण बैंक शाखा से नोटिस जारी करने में चूक हुई है,, ऋण माफी के बाद किसानों को बैंक द्वारा नोटिस जारी नहीं करना था ।

byte --
पीसी वर्मा -- लीड डिस्ट्रिक मैनेजर (एलडीएम) सहकारी बैंक सतना ।


Conclusion:VO 4---
कहते हैं इस बार लोकसभा चुनाव देश के साथ कई पार्टियों का भविष्य तय करेगा,, सतना में चुनावी माहौल चरम पर है,, इस भीषण गर्मी में किसानों के सुलगते मुद्दे ने चुनावी पारा और बढ़ा दिया,, ऐसे में सरकार के मातहत अधिकारी कर्मचारी कांग्रेस की लुटिया डुबाने,, भाजपा और उसके प्रत्याशी जिस तरह से इस मामले को किसानों के बीच कैश करा रहे हैं,, आने वाली 6 मई की चुनाव में कांग्रेसो खामियाजा भुगतना पड़ सकता है,, इस चुनाव में एक तरफ कांग्रेस और उनके सरकारों का भविष्य दांव पर लगा है,, जांच टीम के मुखिया केवल मध्यांचल बैंक की चूक बता रहे हैं,, ऐसे में यही कहा जा सकता है कि... "किसी की जान गई,और उनकी अदा ठहरी" ।
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