सतना। मध्यप्रदेश के कई जिलों में अवैध रूप से खदानें संचालित हो रही हैं. जिनके धंसने से कई मजदूरों की मौत भी हो चुकी है. ऐसे मामले दर्ज तो हो जाते हैं, लेकिन कार्रवाई जमीन पर नहीं दिखती, बल्कि फाइलों में दबकर दम तोड़ देती है. वन भूमि पर दिनदहाड़े खनन और परिवहन हो रहा है. कुछ खनन कारोबारी निजी भूमि पर भी खनन कर रहे हैं, जिसके बावजूद खनिज विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.
सतना जिले में चल रहे अवैध खनन की तुलना कर्नाटक के बेल्लारी से की गई थी. जिले के मझगवां, नागौद, उचेहरा, मैहर, रामनगर में अवैध खदानें संचालित हो रही हैं. जिनसे रसूखदार-दबंग अवैध मुरम का व्यापार कर रहे हैं और खदान धंसने से मरने वाले मजदूरों के परिवार की खदान संचालक सहायता भी नहीं करते, ऐसे कई मामले खनिज विभाग के संज्ञान में होने के बावजूद भी कार्रवाई नहीं की जाती है.
जब खनिज अधिकारियों से बात की गई है तो उन्हें खुद भी नहीं पता की, जिले में कितनी खदानें अवैध रूप से चल रही हैं. उनके पास कोई आंकड़ा नहीं है. उनका कहना है कि जो भी खदानें है, वो खुले तौर पर चल रही हैं, लेकिन जल्द ही अवैध खदानों पर कार्रवाई होगी. हाल ही में नागौद के सितपुरा गांव में खदान को लेकर दो महिलाओं और एक पुरुष के ऊपर गोलियां चलाई गई थी, जिसमें 2 महिलाओं की मौत हो गई थी, जबकि पुरुष अभी भी जबलपुर में इलाजरत है.