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वहां भी नहीं रुकी 'तबादला एक्सप्रेस', जहां महीनों से कुर्सी तोड़ रहे थे दो-दो गुरूजी

सतना जिले की उचेहरा तहसील के गोवराओखुर्द गांव की प्राथमिक शाला में एक भी छात्र नहीं होने के बावजूद दो शिक्षक पदस्थ थे. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने दोनों शिक्षकों का ट्रांसफर कर दिया है.

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Published : Oct 15, 2019, 7:48 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 2:44 AM IST

शासकीय प्राथमिक विद्यालय

सतना। मध्यप्रदेश में सरकार बदलते ही तबादला एक्सप्रेस की रफ्तार अचानक तेज हो गयी थी, जिस पर विपक्ष ने कई बार ब्रेक लगाने की भी कोशिश की थी, इसके बावजूद तबादला एक्सप्रेस को जिन विभागीय स्टेशनों पर रुकना था, तेज रफ्तार की वजह से वहां से आगे निकल गई. जिसके बाद ईटीवी भारत ने प्रशासन को आईना दिखाया, तब जाकर शून्य छात्रों की संख्या वाले स्कूलों में पदस्थ सरकारी शिक्षकों का दूसरे स्कूलों में तबादला किया गया.

शिक्षकों का हुआ ट्रांसफर

ईटीवी भारत ने अपने ग्राउंड रिपोर्ट में पाया कि उचेहरा तहसील के गोवराओखुर्द गांव के प्राथमिक शाला में एक भी छात्र ने दाखिला नहीं लिया था, इसके बावजूद वहां दो-दो शिक्षक पदस्थ थे. जिनमें से महिला शिक्षक का ट्रांसफर इस स्कूल में किया गया था, जबकि स्कूल में एक शिक्षक अमृतलाल चौधरी पहले से ही पदस्थ थे.

महिला ने अपने ही बेटे का नाम प्राथमिक शाला में दर्ज कर लिया था और स्कूल खोलकर आराम फरमा रहीं थी. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी टीपी सिंह ने कार्रवाई करते हुए दोनों शिक्षकों का ट्रांसफर उन स्कूलों में कर दिया, जहां शिक्षकों की कमी थी. इसके अलावा उन्होंने ऐसे हालात वाले स्कूलों की जांच करने का भी आश्वासन दिया है.

सतना। मध्यप्रदेश में सरकार बदलते ही तबादला एक्सप्रेस की रफ्तार अचानक तेज हो गयी थी, जिस पर विपक्ष ने कई बार ब्रेक लगाने की भी कोशिश की थी, इसके बावजूद तबादला एक्सप्रेस को जिन विभागीय स्टेशनों पर रुकना था, तेज रफ्तार की वजह से वहां से आगे निकल गई. जिसके बाद ईटीवी भारत ने प्रशासन को आईना दिखाया, तब जाकर शून्य छात्रों की संख्या वाले स्कूलों में पदस्थ सरकारी शिक्षकों का दूसरे स्कूलों में तबादला किया गया.

शिक्षकों का हुआ ट्रांसफर

ईटीवी भारत ने अपने ग्राउंड रिपोर्ट में पाया कि उचेहरा तहसील के गोवराओखुर्द गांव के प्राथमिक शाला में एक भी छात्र ने दाखिला नहीं लिया था, इसके बावजूद वहां दो-दो शिक्षक पदस्थ थे. जिनमें से महिला शिक्षक का ट्रांसफर इस स्कूल में किया गया था, जबकि स्कूल में एक शिक्षक अमृतलाल चौधरी पहले से ही पदस्थ थे.

महिला ने अपने ही बेटे का नाम प्राथमिक शाला में दर्ज कर लिया था और स्कूल खोलकर आराम फरमा रहीं थी. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी टीपी सिंह ने कार्रवाई करते हुए दोनों शिक्षकों का ट्रांसफर उन स्कूलों में कर दिया, जहां शिक्षकों की कमी थी. इसके अलावा उन्होंने ऐसे हालात वाले स्कूलों की जांच करने का भी आश्वासन दिया है.

Intro:"Etv भारत की खबर का असर"

एंकर --
मध्यप्रदेश में सरकार बदलते ही सरकारी विभागों में तबादले की रफ्तार खरगोश से तेज होने लगी. यही वजह है कि सरकारी दफ्तर के अधिकारी कर्मचारियों को मनमानी जगह पर भेज दिया गया. जहां सरकारी दफ्तर के अधिकारी कर्मचारी अपने मन के मुताबिक नौकरी कर रहे हैं और शासन के पैसे का आराम से लुफ्त उठा रहे हैं. ऐसा ही हाल सतना जिले के शिक्षा विभाग का है जहां मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जिलेभर में ट्रांसफर उद्योग चलाया गया. और हर शिक्षक अपनी मनमानी जगह पर ट्रांसफर कर दिया गया. जी हां हम बात कर रहे हैं सतना जिले के उचेहरा तहसील के गोवराओखुर्द के प्राथमिक शाला की जहां विद्यालय में इस वर्ष एक भी छात्र नहीं था लेकिन गत वर्ष अगस्त में महिला शिक्षक का ट्रांसफर कर दिया गया जिसने विद्यालय के रजिस्टर में अपने ही बेटे का नाम दर्ज कर लिया और विद्यालय खोलकर शिक्षक और शिक्षिका दोनों पूरा दिन बैठकर अपना पूरा समय आराम से व्यतीत करते थे. इस खबर को ईटीवी भारत में प्रमुखता से दिखाई थी जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने विद्यालय बंद करा कर दोनों शिक्षकों को दूसरे विद्यालय में भेजा गया जहां शिक्षकों की कमी थी ।




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सतना जिले के उचेहरा तहसील के गोवराओखुर्द कि शासकीय प्राथमिक विद्यालय जहां पर विद्यालय में केवल एक ही छात्र का नाम रजिस्टर में दर्ज है. वह छात्र गत वर्ष विद्यालय में ट्रांसफर होकर आई शिक्षिका का बेटा था जोकि केजी वन नाम दर्ज है. यह विद्यालय सन 1970 से संचालित है. इसमें 2 शिक्षक पदस्थ हैं अमृतलाल चौधरी सहायक शिक्षक और कविता सिंह प्राथमिक शिक्षक पदस्थ है.जो वर्तमान समय में 17 अगस्त 2019 को ट्रांसफर होकर अपने मायके क्षेत्र गोवराओखुर्द गांव में आई. इस विद्यालय में शिक्षिका कविता सिंह का छात्र का छात्र कभी विद्यालय नहीं आता. विद्यालय में सुबह से शाम तक बैठकर शिक्षक और शिक्षिका दोनों अपना पूरा दिन फालतू व्यतीत करते हैं. यह मानो की शासन के पैसे का मुफ्त में लुफ्त उठा रहे हैं. शिक्षिका अपना ट्रांसफर गोवराओखुर्द अपने मायके मैं करवा लिया है. जिससे कि उसे पूरा दिन आराम से काटने में कोई दिक्कत ना हो. इससे साफ तौर से नजर आ रहा है कि शासन के पैसों का कैसे दुरुपयोग हो रहा था.गोवराओखुर्द मैं विद्यालय तो है. विद्यालय के लिए विद्यालय भवन रसोईघर शौचालय सभी बनाए गए हैं जो यहां पर छात्र ना होने की वजह से खंडहर में तब्दील होने की कगार पर है. इसमें शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही सामने आ रही थी. इसका खबर को सतना ईटीवी भारत द्वारा प्रमुखता से दिखाया गया था जिसके बाद इस मामले को सतना जिला शिक्षा अधिकारी के संज्ञान में लाया गया. जिला शिक्षा अधिकारी मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच कराई और जांच की सत्यता पाए जाने पर विद्यालय में पदस्थ दोनों शिक्षकों को उन विद्यालयों में भेजा गया जहां शिक्षकों की कमी थी और जिलेभर में ऐसे जितने विद्यालय हैं जिनको चिन्हित कर कार्रवाई की जा रही हैं ।



Conclusion:
Last Updated : Oct 16, 2019, 2:44 AM IST
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