सतना। जिला शिक्षा विभाग में बदहाली चरम पर है. ग्रामीण इलाकों में शिक्षक बिना नौकरी किए वेतन के तौर पर मोटी रकम उठा रहे हैं. ऐसा ही मामला बीरपुर से सामने आया है. जहां एक शिक्षिका हैं तो शासकीय सेवक, मगर सेवा निजी स्कूल में दे रही हैं.
शिक्षिका की मनमानी इतनी है कि वे स्कूल जाने से परहेज कर रही हैं. शिक्षिका की लापरवाही का ये मामला जिले के कुलगढ़ी संकुल का है.
कुलगढ़ी संकुल के बीरपुर शासकीय स्कूल में पदस्थ्य शिक्षिका कई माह से स्कूल से नदारद हैं. बीरपुर शासकीय स्कूल में चार शिक्षक पदस्थ हैं. इनमें से गीता श्रीवास्तव नाम की शिक्षिका कई माह से स्कूल नहीं पहुंचीं. संविदा शिक्षक के रूप में पदस्थ गीता सतना के निजी स्कूल आदित्य हायर सेकेंड्री में प्राचार्य भी हैं.
गीता श्रीवास्तव ने शासकीय स्कूल से दूरी बना ली है और वे निजी स्कूल में ही सेवाएं दे रही हैं. इस बात की जानकारी स्कूल के सहकर्मी शिक्षकों ने दी है. शिक्षकों का कहना है कि गीता कभी स्कूल नहीं आतीं.
स्कूल में कहने को चार शिक्षक पदस्थ हैं, मगर एक की ड्यूटी बीएलओ में लगी है और एक शिक्षक को पिथौराबाद में अटैच किया गया. सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे 58 छात्रों का भविष्य बन रहा है. हालात ये हैं कि मध्याह्न भोजन करने के बाद छात्र घर लौट जाते हैं. जिला शिक्षधिकारी ने मामले में जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है.