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यहां सरकारी स्कूलों तक पहुंचना है मुश्किल, कीचड़ भरे रास्ते से जाने को मजबूर नौनिहाल

सतना में प्रशासन की उदासीनता के कारण अमरपाटन के आधा दर्जन सरकारी स्कूलों में सड़क नहीं होने के चलते बच्चे स्कूलों में कीचड़ भरे रास्तों से जाने को मजबूर हैं जिससे सरकारी स्कूलों में लगातार छात्रों की कमी हो रही है.

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Published : Sep 21, 2019, 11:08 AM IST

कीचड़ भरे रास्ते से जाने को मजबूर नौनिहाल

सतना। शहर की अमरपाटन तहसील में करीब आधा दर्जन सरकारी स्कूलों में कई सालों से रोड़ नहीं बनने के चलते छात्र परेशान हैं. शिक्षक और स्कूली छात्र बारिश के मौसम में स्कूल तक पहुंचने के लिए कीचड़ भरे रास्तों पर चलने को मजबूर होते हैं. जिससे लगातार सरकारी स्कूलों में बच्चों की कमी हो रही है हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की दलील है कि इस शिक्षण सत्र में सभी स्कूलों के स्थलों का निरीक्षण कराया जा रहा है.

कीचड़ भरे रास्ते से जाने को मजबूर नौनिहाल


शहर में एक दर्जन से ज्यादा ऐसे सरकारी स्कूल है, जहां स्कूल भवन तो है शिक्षक भी है और बड़ी संख्या में छात्र भी लेकिन बच्चों के लिए स्कूल तक पहुंचना किसी जंग जीतने से कम नहीं हैं. दरअसल स्कूल तक पहुंचने के लिए कोई सड़क ही नहीं है. बरसात के मौसम में तो हालात और भी ज्यादा खराब हो जाते हैं. ये समस्या कई सालों से है जो लगातार बढ़ती जा रही है. जबकि प्रशासन समस्या के निदान करने का दावा तो करता है लेकिन समस्या का स्थाई हल नहीं निकाल पा रहा है


बता दें अमरपाटन के रामगढ़,मैहर के कंचनपुर,जरियारी, नागौद के बरेठिया,मड़ई के साथ चित्रकूट के आधा दर्जन स्कूलों में लाखों रुपये खर्च कर स्कूल भवन तो बना दिया गया लेकिन स्कूल तक पहुंचने के सड़क नहीं बनी. कुछ जगहों पर निजी भूमि समस्या बन रही. तो कुछ जगहों पर सरकारी जमीनों पर दबंगों का कब्जा है.
हालांकि शिक्षा अधिकारी टीपी सिंह कहना है कि उनके द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है जिसके बाद चिन्हित रास्तों पर सड़क के लिए कलेक्टर के पास फाइल भेजी जाएगी. ताकि इस समस्या का स्थाई निदान किया जा सके.

सतना। शहर की अमरपाटन तहसील में करीब आधा दर्जन सरकारी स्कूलों में कई सालों से रोड़ नहीं बनने के चलते छात्र परेशान हैं. शिक्षक और स्कूली छात्र बारिश के मौसम में स्कूल तक पहुंचने के लिए कीचड़ भरे रास्तों पर चलने को मजबूर होते हैं. जिससे लगातार सरकारी स्कूलों में बच्चों की कमी हो रही है हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की दलील है कि इस शिक्षण सत्र में सभी स्कूलों के स्थलों का निरीक्षण कराया जा रहा है.

कीचड़ भरे रास्ते से जाने को मजबूर नौनिहाल


शहर में एक दर्जन से ज्यादा ऐसे सरकारी स्कूल है, जहां स्कूल भवन तो है शिक्षक भी है और बड़ी संख्या में छात्र भी लेकिन बच्चों के लिए स्कूल तक पहुंचना किसी जंग जीतने से कम नहीं हैं. दरअसल स्कूल तक पहुंचने के लिए कोई सड़क ही नहीं है. बरसात के मौसम में तो हालात और भी ज्यादा खराब हो जाते हैं. ये समस्या कई सालों से है जो लगातार बढ़ती जा रही है. जबकि प्रशासन समस्या के निदान करने का दावा तो करता है लेकिन समस्या का स्थाई हल नहीं निकाल पा रहा है


बता दें अमरपाटन के रामगढ़,मैहर के कंचनपुर,जरियारी, नागौद के बरेठिया,मड़ई के साथ चित्रकूट के आधा दर्जन स्कूलों में लाखों रुपये खर्च कर स्कूल भवन तो बना दिया गया लेकिन स्कूल तक पहुंचने के सड़क नहीं बनी. कुछ जगहों पर निजी भूमि समस्या बन रही. तो कुछ जगहों पर सरकारी जमीनों पर दबंगों का कब्जा है.
हालांकि शिक्षा अधिकारी टीपी सिंह कहना है कि उनके द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है जिसके बाद चिन्हित रास्तों पर सड़क के लिए कलेक्टर के पास फाइल भेजी जाएगी. ताकि इस समस्या का स्थाई निदान किया जा सके.

Intro:एंकर --
सरकार शिक्षा को बढाबा देने हर संभव प्रयास कर रही.गाँव गाँव मे स्कूल का निर्माण कर रही.मगर शासकीय स्कूलो से लगातार बच्चे और अविभावक दूरी बना रहे.सरकार की मंशा पर पानी स्थानीय प्रशासन की उदासीनता को लेकर भी फिर रहा.सतना जिले में एक दर्जन से ज्यादा ऐसी शासकीय स्कूले हैं.जहा भवन है शिक्षक है और बड़ी तादात में छात्र भी मगर स्कूल तक पहुचना किसी जंग से कम नही.दरअसल स्कूल तक पहुचने के लिए कोई मार्ग ही नही.बरसात के मौसम में हालात और ही खराब हो जाते है.ये समस्या वर्षो से है जो लगातार चली आ रही हैं.प्रशासन समस्या निदान के दाबे तो कर रहा पर समस्या का स्थायी हल नही निकाल पा रहा ।

Body:Vo --
ये तस्वीरे शासकीय स्कूलो की है.जहां बरसात के चार माह बच्चो को स्कूल तक पहुचने के लिए रोज दलदल भरे रास्ते से सफर करना पड़ता है.जिले की अमरपाटन के रामगढ़,मैहर के कंचनपुर,जरियारी, नागौद के बरेठिया,मड़ई के साथ चित्रकूट की आधा दर्जन ऐसी स्कूले चिन्हित है जहां वर्षो से रास्ता नही बन पाया.लाखो रुपये खर्च कर स्कूल भवन तो बना दिया गया मगर स्कूल तक पहुच मार्ग आज तक नही बना.कुछ जगहों पर निजी भूमि समस्या बन रही.तो कुछ जगहों पर शासकीय आराजी पर दबंगो का कब्जा है.शिक्षक और स्कूली छात्र शिक्षण सत्र के चार माह स्कूल तक पहुचने के लिए कीचड़ से भरे रास्ते मे चलने को मजबूर होते है.बुनियादी सुविधाओं से मरहूम इन स्कूलों में लगातार स्कूली छात्रों की संख्या कम हो रही.सिर्फ यहाँ उन गरीबो के बच्चे पढ़ने जा रहे जो निजी स्कूलों की भारी भरकम फीस नही चुका पाते.ऐसे स्कूलो में बरसात के मौसम में छात्रो की संख्या लगातार कम हो रही.हालकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की दलील है कि इस शिक्षण सत्र में सभी स्कूलों का स्थल निरिक्षण कराया जा रहा और चिन्हित कर रास्तों की व्यवस्था के लिए जिला कलेक्टर के पास फाइल भेजी जाएगी.ताकि इस समस्या का स्थायी निदान किया जा सके

Conclusion:Byte --
छात्र छात्रा
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रावेंद्र सिंह -- स्थानीय कंचनपुर ।
Byte --
टीपी सिंह -- जिला शिक्षा अधिकारी सतना ।
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