सतना। उपचुनावों की तारीखों का ऐलान होते ही सतना जिले के रैगांव में रण शुरू हो चुका है. दोनों पार्टियों के नेता ने एक दूसरे पर तरह तरह के आरोप लगाना शुरू कर दिए हैं. नेता विकास के दावे कर रहे हैं. लेकिन इन दावों को रैगांव विधानसभा की नगर पंचायत कोठी हकीकत का आईना बता रही है. आदिवासी बहुल बस्ती के रहवासी बारिश के मौसम में नरक जैसा जीवन जीने को मजबूर हो जाते हैं.
स्कूल के आसपास जमा हो जाता है पानी
नगर पंचायत कोठी के वार्ड नंबर 12 की बस्ती में शासकीय प्राथमिक स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्र है. बारिश के मौसम में स्कूल और आंगनबाड़ी टापू में तब्दील हो जाते हैं. बच्चों को स्कूल जाने के लिए दो फीट पानी से होकर गुजरना पड़ता है. हालात यह है कि यहां पीने के पानी का एकमात्र स्त्रोत हैंडपंप तक पानी में डूबा हुआ है. स्कूल के चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है.
बारिश के 4 महीनों में होती है परेशानी
स्कूल के आसपास आए दिन होने वाले हादसों के कारण सथानीय रहवासियों और शिक्षकों ने स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन से कई बार शिकायतें की लेकिन आज भी समस्या वैसी की वैसी ही बनी हुई है. शिक्षकों ने बताया कि बारिश के 4 महीनों में बच्चों का स्कूल आना मुश्किल हो जाता है. बारिश के दिनों में कई-कई दिनों तक बच्चे स्कूल नहीं आ पाते हैं.
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विकास के दावों की हकीकत दिखाती तस्वीरें
एक तरफ जिले की रैगांव विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है, जिले में आचार संहिता लागू है. दूसरी तरफ कोठी नगर पंचायत के ये हालात नेताओं के विकास के उन दावों की पोल खोल रहे हैं, जो वो चुनाव प्रचार के दौरान कर रहे हैं.