सतना। मैहर सहित पूरे जिले में छोलाछाप डाक्टरों का जाल फैला हुआ है, छोटे गांवों से लेकर कस्बों और शहरों में भी हर जगह झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें सजी हुई हैं. एक सर्वे के मुताबिक जिले में दो हजार से ज्यादा झोलाछाप डॉक्टर हैं, फिर भी स्वास्थ्य विभाग इन पर कार्रवाई नहीं कर रहा है.
सतना जिले एक जिला अस्पताल, आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 38 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. लेकिन सभी जगह डॉक्टरों की कमी है. जिससे झोलाछाप डॉक्टरों का व्यवसाय तेजी से फल फूल रहा है. सरकार ने पूरे प्रदेश के झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं. लेकिन सतना जिले में यह अभियान महज एक औपचारिकता बनकर रह गया है. जांच दल जब भी कार्रवाई के लिए जाता है. उससे पहले ही झोलाझाप डॉक्टर पहले ही रफूचक्कर हो जाते हैं.
मामले में जब जिला स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने ग्रामीण अंचल में होने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया. रीवा संभाग के सहायक स्वास्थय संचालक का कहना है कि झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की है. उन्होंने स्वीकार किया कि डाक्टरों की कमी की वजह से जिले में झोलाछाप डॉक्टर बढ़े हैं.