ETV Bharat / state

झोलाछाप डॉक्टर कर रहे मरीजों का इलाज, स्वास्थ्य विभाग नहीं दे रहा ध्यान

प्रदेश सरकार के आदेशों के बावजूद झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार बढ़ती जा रही है. सतना जिले में झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई के नाम पर स्वास्थ्य विभाग सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है.

जिले में फैला झोलाछाप डाक्टरों का जाल
author img

By

Published : Aug 31, 2019, 9:29 PM IST

सतना। मैहर सहित पूरे जिले में छोलाछाप डाक्टरों का जाल फैला हुआ है, छोटे गांवों से लेकर कस्बों और शहरों में भी हर जगह झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें सजी हुई हैं. एक सर्वे के मुताबिक जिले में दो हजार से ज्यादा झोलाछाप डॉक्टर हैं, फिर भी स्वास्थ्य विभाग इन पर कार्रवाई नहीं कर रहा है.

जिले में फैला झोलाछाप डाक्टरों का जाल

सतना जिले एक जिला अस्पताल, आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 38 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. लेकिन सभी जगह डॉक्टरों की कमी है. जिससे झोलाछाप डॉक्टरों का व्यवसाय तेजी से फल फूल रहा है. सरकार ने पूरे प्रदेश के झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं. लेकिन सतना जिले में यह अभियान महज एक औपचारिकता बनकर रह गया है. जांच दल जब भी कार्रवाई के लिए जाता है. उससे पहले ही झोलाझाप डॉक्टर पहले ही रफूचक्कर हो जाते हैं.

मामले में जब जिला स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने ग्रामीण अंचल में होने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया. रीवा संभाग के सहायक स्वास्थय संचालक का कहना है कि झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की है. उन्होंने स्वीकार किया कि डाक्टरों की कमी की वजह से जिले में झोलाछाप डॉक्टर बढ़े हैं.

सतना। मैहर सहित पूरे जिले में छोलाछाप डाक्टरों का जाल फैला हुआ है, छोटे गांवों से लेकर कस्बों और शहरों में भी हर जगह झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें सजी हुई हैं. एक सर्वे के मुताबिक जिले में दो हजार से ज्यादा झोलाछाप डॉक्टर हैं, फिर भी स्वास्थ्य विभाग इन पर कार्रवाई नहीं कर रहा है.

जिले में फैला झोलाछाप डाक्टरों का जाल

सतना जिले एक जिला अस्पताल, आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 38 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. लेकिन सभी जगह डॉक्टरों की कमी है. जिससे झोलाछाप डॉक्टरों का व्यवसाय तेजी से फल फूल रहा है. सरकार ने पूरे प्रदेश के झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं. लेकिन सतना जिले में यह अभियान महज एक औपचारिकता बनकर रह गया है. जांच दल जब भी कार्रवाई के लिए जाता है. उससे पहले ही झोलाझाप डॉक्टर पहले ही रफूचक्कर हो जाते हैं.

मामले में जब जिला स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने ग्रामीण अंचल में होने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया. रीवा संभाग के सहायक स्वास्थय संचालक का कहना है कि झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की है. उन्होंने स्वीकार किया कि डाक्टरों की कमी की वजह से जिले में झोलाछाप डॉक्टर बढ़े हैं.

Intro:सतना जिले के मैहर में नीम हकीम खतरे जान की कहावत चरितार्थ हो रही , मैहर तहसील के साथ पूरे जिले में छोलाछाप डाक्टरो का जाल फैला है ग्रामीड इलाको हो शहरी कास्वाई इलाका हर जगह झोला छाप डाक्टरो की दुकान सजी हुई है ।अकेले सतना जिले में दो हजार से ज्यादा डाक्टर है । मगर जिले का स्वास्थ्य विभाग जानकर अंजान बना हुया है ।Body:सतना जिले में एक जिला अस्पताल के साथ आठ सामूदायिक स्वस्थ क्रेंद और 38 प्राथमिक स्वास्थ्य क्रेंद है ।जिला अस्पताल के साथ साथ सामूदायिक स्वास्थ क्रेंदो में डाक्टरो की कमी है ।38 में 28 प्राथमिक स्वास्थ्य क्रेंद में डाक्टर ही नही ,ऐसे में पूरे जिले में झोलाछाप डाक्टरो का व्यवसाय फल फूल रहा ,बिना डिग्री के विना पंजीयन के इलाज किया जा रहा ,बच्चे हो महिला हो या बृद्ध हर की दवा करने का हुनर रखते है । बाकायदा ड्रिप के साथ क्लिनिक में भर्ती भी करते है ।आर्युवेद की डिग्री में एलोपैथिक दवाएं दी जा रही ,बाकायदा क्लीनिक में इलाज चल रहा

जब इस संबंध में इन डाक्टरो दे जबाब मांगा गया तो डाक्टर साहब भड़क गए ,हालकि कुछ डाक्टरो ने अपनी डिग्री बताई , कुछ तो अपना नाम भी छुपाते नजर आए ।

बाइट 1 - एस के त्रिपाठी झोलाछाप डाक्टर
बाइट 2 - आषुतोष त्रिपाठी झोलाछाप डाक्टर



पूरे जिले की बात करे तो तीन साल पहले सर्वे में दो हजार से ज्यादा छोलाछाप डाक्टरो को चिन्हित किया गया था , जिन्हें नोटिस जारी किया गया था मगर अब सरकार ने पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर ऐसे डाक्टरो पर कार्यबाही के आदेश दिए है ।मगर सतना जिले में ये अभियान सिर्फ औपचारिकता मात्र है । जब भी जांच के लिए दल जा रहा होता है इन डाक्टरो को पहले ही सूचना मिल जाती है। और क्लीनिक के शटर गिर जाते है ।जिले के मैहर तहसील में जिला स्वस्थ विभाग की टीम ने दविस दी मगर एक भी अपात्र डाक्टर मौके पर नही मिला ,दूसरे दिन की तस्वीर सामने है सभी डाक्टर क्लिनिक खोल कर उपचार करते नजर आए ,हालकि इस मामले में जब जिला स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क किया गया तो साहब ग्रामीड अंचल में होने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया ।बहरहाल पूरे जिले में झोलाछाप डाक्टरो की भरमार है और सरकार के निर्देशों की शिर्फ़ खाना पूर्ति हो रही । हालकि झोला छाप डाक्टरो की कार्यबाही के सवाल पर रीवा संभाग के सहायक संचालक स्वास्थ की माने तो झोलाछाप डाक्टरो के खिलाफ सतत कार्यबाही की जा रही मगर यहां वहां कार्यवाही होती है ।झोलाछाप डाक्टरो पर लगाम नही लग पा रहा उनके खिलाफ कार्यबाही की भनक लग जाती है और क्लीनिक बंद हो जाती है ।सहायक संचालक ने स्वीकार किया कि डाक्टरो की कमी की बजह से झोलाछाप डाक्टरो की भरमार है ।
बाइट 3 - डॉ एस के त्रिपाठी - जेडी रीवा

बहरहाल अब तक जिले में बिरसिंहपुर में एक रामनगर में एक अबैध क्लीनिक को सील किया गया मगर अधिकांश झोलाछाप डाक्टर क्लिनिक बंद कर रफूचक्कर हो चुकेConclusion:बाइट 1 - एस के त्रिपाठी झोलाछाप डाक्टर
बाइट 2 - आषुतोष त्रिपाठी झोलाछाप डाक्टर
बाइट 3 - डॉ एस के त्रिपाठी - जेडी रीवा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.