सतना। कृषि कानून के विरोध में दिल्ली के बॉर्डर पर किसान आंदोलन लगातार जारी है. सतना के गलियारों से भी किसान आंदोलन के समर्थन में स्वर तेज होने लगे हैं. किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए सतना के किसान और कांग्रेसी सर्किट हाउस में एकत्रित होकर दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं. 50 से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ता और किसान सतना से दिल्ली के लिए कूच करेंगे.
किसान को मालिक से मजदूर बनाने की मंशा
भारत सरकार के नए कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की सीमाओं को किसानों ने घेर लिया है. सतना में बीते दिनों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हल्ला बोल आंदोलन किया. सतना किसान कांग्रेस के 50 से अधिक कार्यकर्ता दिल्ली के किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए रवाना हुए हैं. इस आंदोलन को लेकर किसान कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ने बताया कि 50 कार्यकर्ता सतना से दिल्ली के लिए रवाना हो रहा है. इसके बाद दूसरा जत्था भी किसानों के समर्थन में जाएगा. केंद्र की मंशा किसानों को अपनी जमीन पर मालिक से मजदूर बनाने की है. इसीलिए पूरे देश का किसान दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहा है.
बीजेपी अपनी आंखों का चश्मा बदले
कृषि कानून को लेकर किए जा रहे हैं. आंदोलन में बीजेपी के नवागत उपाध्यक्ष योगेश ताम्रकार ने कांग्रेस को दोहरे चरित्र का दर्जा दिया है. इस बारे में कांग्रेस के शहर अध्यक्ष मकसूद अहमद ने बताया कि, भारतीय जनता पार्टी लोगों को सिर्फ धोखे में रखना चाहती है. हिंदुस्तान एवं आम नागरिक देख रहा है कि किसानों को किस प्रकार से प्रताड़ित किया जा रहा है. भाजपा को दिल्ली की सीमाओं पर किसान नहीं दिखाई दे रहा है, सब व्यापारी दिखाई दे रहे हैं, तो यह उनकी आंखों का दोष है, बीजेपी को अपनी आंखों का चश्मा बदलना चाहिए.