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डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विवि में कार्यशाला का आयोजन,छात्रों को मूल्य शिक्षा का पढ़ाया गया पाठ - छात्र-हित में मूल्य शिक्षा

डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्व विद्यालय में विविध आयामों पर कार्यशाला का आयोजन किया गया, जहां छात्रों को मूल्य शिक्षा पर व्याख्यान दिया गया.

विविध आयाम पर कार्यशाला का आयोजन
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Published : Aug 25, 2019, 9:23 AM IST

सागर। डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्व विद्यालय में भारतीय परम्परा के मूल्य-चेतना के विविध आयामों पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. आयोजन में मुख्य वक्ता सुरेंद्र नाथ पाठक रहे, कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति आरपी तिवारी ने की. छात्र-हित में मूल्य शिक्षा पर केंद्रित इस व्याख्यान माला का आयोजन जवाहर लाल नेहरू पुस्तकालय सभागार में किया गया. कार्यक्रम में विश्व विद्यालय के अनेक विभागों के प्रोफेसर्स एंव पूर्व प्रोफेसर, शोध छात्रों सहित अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे.

हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी में कार्यशाला का आयोजन


इसके मुख्य वक्ता गुजरात विधापीठ के सुरेन्द्र कुमार पाठक ने " भारतीय परम्परा में मूल्य-चेतना के विविध आयाम" विषय पर अपने व्याख्यान दिए वहीं प्रोफेसर पाठक ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व में परिवार टूट रहे हैं और विघटन की यह प्रक्रिया भारत वर्ष में भी शुरू हो चुकी है, जो समाज के लिए हानिकारक है हमें हमारे पूर्वजों द्वारा परंपराओं के रूप में मानव जीवन के लिए बनाए गए मूल्यों को जानने समझने और उन्हें अपनाने की जरूरत है तभी एक स्वस्थ समाज और स्वस्थ्य विचारों के देश का निर्माण किया जा सकता है.

सागर। डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्व विद्यालय में भारतीय परम्परा के मूल्य-चेतना के विविध आयामों पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. आयोजन में मुख्य वक्ता सुरेंद्र नाथ पाठक रहे, कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति आरपी तिवारी ने की. छात्र-हित में मूल्य शिक्षा पर केंद्रित इस व्याख्यान माला का आयोजन जवाहर लाल नेहरू पुस्तकालय सभागार में किया गया. कार्यक्रम में विश्व विद्यालय के अनेक विभागों के प्रोफेसर्स एंव पूर्व प्रोफेसर, शोध छात्रों सहित अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे.

हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी में कार्यशाला का आयोजन


इसके मुख्य वक्ता गुजरात विधापीठ के सुरेन्द्र कुमार पाठक ने " भारतीय परम्परा में मूल्य-चेतना के विविध आयाम" विषय पर अपने व्याख्यान दिए वहीं प्रोफेसर पाठक ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व में परिवार टूट रहे हैं और विघटन की यह प्रक्रिया भारत वर्ष में भी शुरू हो चुकी है, जो समाज के लिए हानिकारक है हमें हमारे पूर्वजों द्वारा परंपराओं के रूप में मानव जीवन के लिए बनाए गए मूल्यों को जानने समझने और उन्हें अपनाने की जरूरत है तभी एक स्वस्थ समाज और स्वस्थ्य विचारों के देश का निर्माण किया जा सकता है.

Intro:सागर। डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्व विद्यालय में भारतीय परम्परा में मूल्य-चेतना के विविध आयाम, विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, आयोजन में मुख्य वक्ता प्रो-सुरेंद्र नाथ पाठक रहे, कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति आर पी तिवारी ने की कार्यक्रम में विश्व विद्यालय के अनेक विभागों के प्रोफेसर्स पूर्व प्रोफेसर शोध छात्रों सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। छात्र-हित में मूल्योन्मुखी शिक्षा पर केंद्रित इस व्याख्यानमाला का आयोजन जवाहर लाल नेहरू पुस्तकालय सभागार में किया गया थाBody:इसके मुख्य वक्ता गुजरात विधापीठ के प्रो. सुरेन्द्र कुमार पाठक ने " भारतीय परम्परा में मूल्य-चेतना के विविध आयाम" विषय पर अपने व्याख्यान दिए प्रोफेसर पाठक ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व में परिवार टूट रहे हैं और विघटन की यह प्रक्रिया भारत वर्ष में भी शुरू हो चुकी है, जो समाज देश के लिए दुष्परिणाम कारक है हमें हमारे पूर्वजों द्वारा परंपराओं के रूप में मानव जीवन के लिए बनाए गए मूल्यों को जानने समझने और उन्हें अपनाने की जरूरत है तभी एक स्वस्थ समाज और स्वस्थ विचारों के देश का निर्माण किया जा सकता है, इस व्याख्यानमाला में अन्य वक्ताओं ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किये
बाइट-प्रो -सुरेंद्र नाथ पाठक
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