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नौरादेही अभ्यारण में आकर्षण का केंद्र बना बाघिन राधा और बाघ किशन का कुनबा - सागर अपडेट न्यूज

नौरादेही अभ्यारण इन दिनों राधा किशन (बाघ बाघिन) के कारण आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. टाइगर शिफ्टिंग प्रोजेक्ट के तहत 2018 में नौरादेही अभ्यारण में आए राधा किशन बाघ बाघिन का परिवार अब पांच बाघों में तब्दील हो गया है. बाघों की संख्या बढ़ने से अभ्यारण में सैलानियों की भी आवाजाही बढ़ी है. नौरादेही अभ्यारण का प्राकृतिक सौंदर्य और बाघों के परिवार को देखने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी यहां पहुंच रहे है.

Tiger resting in Nauradehi Sanctuary
नौरादेही अभयारण्य में आराम फरमा रहा टाइगर
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Published : Aug 5, 2021, 8:41 PM IST

Updated : Aug 6, 2021, 4:39 PM IST

सागर। मध्य प्रदेश के सबसे बड़े वन्य जीव अभ्यारण में टाइगर शिफ्टिंग प्रोजेक्ट की सफलता नए आयाम रच रही है. प्रदेश के 3 जिलों सागर, नरसिंहपुर और दमोह में फैला नौरादेही अभ्यारण अपनी जैव विविधता के लिए तो मशहूर था, लेकिन वन्य प्राणियों की कमी के चलते प्रदेश का सबसे बड़ा अभ्यारण होने के बावजूद आम लोगों और सैलानियों को आकर्षित नहीं कर पाता था.

लेकिन 2018 में यहां पर कान्हा नेशनल पार्क से बाघिन राधा को लाया गया था और बांधवगढ़ नेशनल पार्क से बाघ किशन को लाया गया था. राधा और किशन की जोड़ी नौरादेही में ऐसी रम गई कि 3 शावकों को जन्म देकर राधा ने बाघों का कुनबा बढ़ाना शुरू कर दिया. अब नौरादेही अभ्यारण में राधा और किशन का 5 सदस्यों का परिवार आकर्षण का केंद्र है. बारिश के मौसम में प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर नौरादेही अभ्यारण में बाघों की चहल कदमी देखने के लिए सैलानियों का जमावड़ा लग रहा है.

नौरादेही अभ्यारण में बढ़ी बाघों की संख्या

नौरादेही अभ्यारण में बाघों को बचाने का प्रोजेक्ट सफल

सागर संभाग में पन्ना नेशनल पार्क के बाद नौरादेही अभ्यारण उन जंगलों में शामिल हो गया है, जहां बाघों को बसाया जा सकता है. टाइगर शिफ्टिंग प्रोजेक्ट के तहत 2018 में कान्हा नेशनल पार्क से बाघिन राधा को नौरादेही अभ्यारण में लाया गया था. कान्हा नेशनल पार्क में जहरखुरानी का शिकार होने के बाद बाघिन राधा को नौरादेही अभ्यारण में लाया गया था.

जहरखुरानी की घटना का शिकार हुई बाघिन राधा की मां बनने की उम्मीद कम थी. लेकिन बांधवगढ़ से आए बाघ किशन और बाघिन राधा की जोड़ी कुछ ऐसी जमीं कि साल भर बाद ही राधा और किशन का कुनबा दो से पांच बाघों के परिवार में तब्दील हो गया. दरअसल राधा ने मई 2019 में तीन शावकों को जन्म दिया था, जो राधा किशन के परिवार का हिस्सा हैं.

Tiger walking in Nauradehi sanctuary
नौरादेही अभ्यारण में टहल रहा टाइगर

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अब शिकार करने लगे राधा किशन के शावक

बाघ किशन और बाघिन राधा के तीनों (दो मादा और एक नर) शावक अब 2 साल से ऊपर के हो गए हैं. युवा हो रहे यह शावक अब मां से दूर रहकर शिकार भी करने लगे हैं. हाल ही में एक शावक ने जंगली भैंसे का शिकार किया था. हालांकि राहत की बात यह है कि तीनों युवा शावक ने मां का साथ भले छोड़ दिया हो, लेकिन शावक उसी टेरिटरी में रहते हैं, जहां राधा-किशन रहते हैं.

Tiger resting in Nauradehi Sanctuary
नौरादेही अभ्यारण में आराम फरमा रहा टाइगर

शावकों के आत्मनिर्भर होने से कुनबा बढ़ने की उम्मीद

2 साल की उम्र पूरी कर चुके शावक अब अपने मां-बाप के सायें से दूर रहने लगे हैं. ऐसी स्थिति में नौरादेही अभ्यारण के प्रबंधन को बाघों की संख्या बढ़ने की उम्मीद जगी है. नौरादेही डीएफओ एसके मलिक का कहना है कि शावकों के आत्मनिर्भर होने के कारण बाघिन राधा और बाघ किशन एक दूसरे के साथ ज्यादा वक्त गुजार रहे हैं. ऐसे में हमें उम्मीद है कि राधा किशन अपना कुनबा और बढ़ाएंगे.

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राष्ट्रीय बाघ गणना का हिस्सा बनेगा राधा किशन का परिवार

मध्य प्रदेश 526 बाघों के साथ टाइगर स्टेट के रूप में शुमार है. इसके पहले नौरादेही अभ्यारण में बाघ ना होने के कारण राष्ट्रीय बाघ गणना में नौरादेही को शामिल नहीं किया जाता था. 2018 में हुई बाघों की गणना में बाघिन राधा को कान्हा नेशनल पार्क और बाघ किशन को बांधवगढ़ नेशनल पार्क की गणना में शामिल किया गया था. आगामी अक्टूबर माह में बाघों की गणना फिर शुरू होगी और जुलाई 2022 में बाघों की गणना की घोषणा की जाएगी.

नौरादेही में बढ़ रही सैलानियों की संख्या

नौरादेही अभ्यारण में बाघिन राधा और बाघ किशन के आने के बाद जब बाघों का कुनबा बढ़ रहा है, तो इन बाघों के कारण अभ्यारण में आने वाले सैलानियों की संख्या भी बढ़ गई. राधा किशन की चहलकदमी और युवा हो रहे शावकों की अठखेलियां इन दिनों आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. बाघों के इस परिवार को बरसात के मौसम में नौरादेही अभ्यारण के प्राकृतिक सौंदर्य के बीच देखने के लिए लोगों का तांता लगा रहता है.

सागर। मध्य प्रदेश के सबसे बड़े वन्य जीव अभ्यारण में टाइगर शिफ्टिंग प्रोजेक्ट की सफलता नए आयाम रच रही है. प्रदेश के 3 जिलों सागर, नरसिंहपुर और दमोह में फैला नौरादेही अभ्यारण अपनी जैव विविधता के लिए तो मशहूर था, लेकिन वन्य प्राणियों की कमी के चलते प्रदेश का सबसे बड़ा अभ्यारण होने के बावजूद आम लोगों और सैलानियों को आकर्षित नहीं कर पाता था.

लेकिन 2018 में यहां पर कान्हा नेशनल पार्क से बाघिन राधा को लाया गया था और बांधवगढ़ नेशनल पार्क से बाघ किशन को लाया गया था. राधा और किशन की जोड़ी नौरादेही में ऐसी रम गई कि 3 शावकों को जन्म देकर राधा ने बाघों का कुनबा बढ़ाना शुरू कर दिया. अब नौरादेही अभ्यारण में राधा और किशन का 5 सदस्यों का परिवार आकर्षण का केंद्र है. बारिश के मौसम में प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर नौरादेही अभ्यारण में बाघों की चहल कदमी देखने के लिए सैलानियों का जमावड़ा लग रहा है.

नौरादेही अभ्यारण में बढ़ी बाघों की संख्या

नौरादेही अभ्यारण में बाघों को बचाने का प्रोजेक्ट सफल

सागर संभाग में पन्ना नेशनल पार्क के बाद नौरादेही अभ्यारण उन जंगलों में शामिल हो गया है, जहां बाघों को बसाया जा सकता है. टाइगर शिफ्टिंग प्रोजेक्ट के तहत 2018 में कान्हा नेशनल पार्क से बाघिन राधा को नौरादेही अभ्यारण में लाया गया था. कान्हा नेशनल पार्क में जहरखुरानी का शिकार होने के बाद बाघिन राधा को नौरादेही अभ्यारण में लाया गया था.

जहरखुरानी की घटना का शिकार हुई बाघिन राधा की मां बनने की उम्मीद कम थी. लेकिन बांधवगढ़ से आए बाघ किशन और बाघिन राधा की जोड़ी कुछ ऐसी जमीं कि साल भर बाद ही राधा और किशन का कुनबा दो से पांच बाघों के परिवार में तब्दील हो गया. दरअसल राधा ने मई 2019 में तीन शावकों को जन्म दिया था, जो राधा किशन के परिवार का हिस्सा हैं.

Tiger walking in Nauradehi sanctuary
नौरादेही अभ्यारण में टहल रहा टाइगर

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अब शिकार करने लगे राधा किशन के शावक

बाघ किशन और बाघिन राधा के तीनों (दो मादा और एक नर) शावक अब 2 साल से ऊपर के हो गए हैं. युवा हो रहे यह शावक अब मां से दूर रहकर शिकार भी करने लगे हैं. हाल ही में एक शावक ने जंगली भैंसे का शिकार किया था. हालांकि राहत की बात यह है कि तीनों युवा शावक ने मां का साथ भले छोड़ दिया हो, लेकिन शावक उसी टेरिटरी में रहते हैं, जहां राधा-किशन रहते हैं.

Tiger resting in Nauradehi Sanctuary
नौरादेही अभ्यारण में आराम फरमा रहा टाइगर

शावकों के आत्मनिर्भर होने से कुनबा बढ़ने की उम्मीद

2 साल की उम्र पूरी कर चुके शावक अब अपने मां-बाप के सायें से दूर रहने लगे हैं. ऐसी स्थिति में नौरादेही अभ्यारण के प्रबंधन को बाघों की संख्या बढ़ने की उम्मीद जगी है. नौरादेही डीएफओ एसके मलिक का कहना है कि शावकों के आत्मनिर्भर होने के कारण बाघिन राधा और बाघ किशन एक दूसरे के साथ ज्यादा वक्त गुजार रहे हैं. ऐसे में हमें उम्मीद है कि राधा किशन अपना कुनबा और बढ़ाएंगे.

International Tiger Day: 2009 में शून्य बाघ, अब 70 से अधिक बाघों से गुलजार पन्ना टाइगर रिजर्व

राष्ट्रीय बाघ गणना का हिस्सा बनेगा राधा किशन का परिवार

मध्य प्रदेश 526 बाघों के साथ टाइगर स्टेट के रूप में शुमार है. इसके पहले नौरादेही अभ्यारण में बाघ ना होने के कारण राष्ट्रीय बाघ गणना में नौरादेही को शामिल नहीं किया जाता था. 2018 में हुई बाघों की गणना में बाघिन राधा को कान्हा नेशनल पार्क और बाघ किशन को बांधवगढ़ नेशनल पार्क की गणना में शामिल किया गया था. आगामी अक्टूबर माह में बाघों की गणना फिर शुरू होगी और जुलाई 2022 में बाघों की गणना की घोषणा की जाएगी.

नौरादेही में बढ़ रही सैलानियों की संख्या

नौरादेही अभ्यारण में बाघिन राधा और बाघ किशन के आने के बाद जब बाघों का कुनबा बढ़ रहा है, तो इन बाघों के कारण अभ्यारण में आने वाले सैलानियों की संख्या भी बढ़ गई. राधा किशन की चहलकदमी और युवा हो रहे शावकों की अठखेलियां इन दिनों आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. बाघों के इस परिवार को बरसात के मौसम में नौरादेही अभ्यारण के प्राकृतिक सौंदर्य के बीच देखने के लिए लोगों का तांता लगा रहता है.

Last Updated : Aug 6, 2021, 4:39 PM IST
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