सागर। गढ़ाकोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आये दिन डॉक्टरों के गायब रहने की शिकायत मिल रही थी. इसके बाद गुरुवार रात शिवराज सरकार में लोकनिर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान पूरा अस्पताल स्टाफ मौके से नदारद मिला. इस मामले में मंत्री ने नाराजगी जताते हुए कार्रवाई की मांग की थी. जिस पर सीएमएचओ ने तुरंत संज्ञान लेते हुए तीन कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है, जबकि दो डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
जब मंत्री गोपाल भार्गव कल भोपाल से लौटे तो उन्हें अस्पताल से डॉक्टरों की लापरवाही और उनके गायब होने की शिकायत मिली थी, जिसके बाद गोपाल भार्गव ने रात 2:30 बजे गढ़ाकोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उनके साथ में गढ़ाकोटा नगर के कुछ आमजन भी मौजूद थे. अस्पताल में निरीक्षण के दौरान पूरा अस्पताल स्टाफ मौके से गायब था. मंत्री ने जोर-जोर से आवाज भी लगाई, लेकिन कोई भी डॉक्टर, कंपाउंडर, नर्स या पैरामेडिकल स्टाफ यहां तक कि चौकीदार भी अस्पताल में उपस्थित नहीं मिला, जिसके बाद गोपाल भार्गव पूरे अस्पताल की परिक्रमा करने के बाद अपने घर वापस आ गए.
निरीक्षण के बाद गोपाल भार्गव ने कहा कि कैसे गैर जिम्मेदार लोग हैं कि प्रदेश सरकार में मंत्री के गृह नगर के स्वास्थ्य केंद्र के ये हालात हैं. जहां मंत्री 2:30 बजे रात को जाग रहा है और कर्मचारी दिन में भी नहीं मिल रहे हैं. यही हाल मेरे विधानसभा क्षेत्र के रहली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा शाहपुर स्वास्थ्य केंद्र का भी है. उन्होंने बताया कि आज से यह तय किया है कि जब भी मैं अपने क्षेत्र में रहूंगा दिन और रात में कम से कम 2 बार इन अस्पतालों का औचक निरीक्षण अवश्य करूंगा, न खुद सोऊंगा और न ही सोने दूंगा, लापरवाही में लिप्त पाए जाने पर इनके खिलाफ विधिसम्मत जो भी सख्त कार्रवाई की जा सकेगी, उसे भी कराऊंगा.
गोपाल भार्गव ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी बात की थी. जिस पर मुख्यमंत्री ने व्यवस्थाएं सुधारने का आश्वासन दिया था. मंत्री गोपाल भार्गव की नाराजगी के बाद शुक्रवार दोपहर 12 बजे मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर तीन लापरवाह कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. जिसमें वार्ड वॉय नरेश बाल्मीक, एलएच वी लक्ष्मी सेन, एएनएम प्रीति मिश्रा शामिल हैं, जबकि दो डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. जिसमें डॉ सुयश सिंघई व विकास राज शामिल हैं.
इसके अलावा एनआरसी रिकार्ड में दर्ज 10 कुपोषितों की जगह सिर्फ दो कुपोषित पाए गए, इसके लिए भी जिम्मेदारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.