ETV Bharat / state

सागर-कानपुर नेशनल हाइवे पर गड्ढे ही गड्ढे, सड़क बनी जानलेवा

सागर-कानपुर नेशनल हाइवे पर बड़े-बड़े गड्ढे होने का कारण सड़क पर लगातार हादसे हो रहे हैं. हाइवे पर यातायात का दबाव भी बहुत ज्यादा है, जिससे लोगों को जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है.

author img

By

Published : Mar 23, 2021, 10:48 PM IST

Sagar-Kanpur National Highway
सागर-कानपुर नेशनल हाइवे

सागर। एमपी के सागर जिले से कई राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं. एक तरफ जहां कश्मीर से कन्याकुमारी को जोड़ने वाला राष्ट्रीय स्वर्णिम चतुर्भुज योजना का नॉर्थ साउथ कॉरिडोर का हिस्सा एनएच-44 है. जो गुणवत्ता के मामले में काफी बेहतर है, वहीं, दूसरी तरफ एनएच -86 भी सागर शहर से गुजरता है, जो कहीं से राष्ट्रीय राजमार्ग जैसा नजर ही नहीं आता. सागर से छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, सतना के अलावा इलाहाबाद, कानपुर जैसे शहरों को जोड़ने वाला यह हाइवे जहां गड्ढों के लिए जाना जाता है, तो हादसों के लिए भी बदनाम है. राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात का इतना दबाव है कि चौड़ाई काफी कम लगती है.

  • सड़क हादसों के लिए बदनाम एनएच - 86

बुंदेलखंड के प्रमुख शहरों को सागर से जोड़ने के अलावा इलाहाबाद और कानपुर जैसे शहरों को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग-86 अपनी बदहाली के लिए मशहूर है. सागर में शुरुआत से ही इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर जहां देखें वहां गड्ढे ही गड्ढे हैं. हाइवे पर अक्सर वाहन तेज गति से दौड़ते हैं और इन गड्ढों के कारण हादसों का शिकार बन जाते हैं. आए दिन इस राजमार्ग पर हादसों की खबर सुनने को मिलती है.

नेशनल हाइवे से अवैध शराब से भरी कार पकड़ी, उत्तरप्रदेश के दो तस्कर गिरफ्तार

  • यातायात के दबाव के हिसाब से चौड़ाई कम

राष्ट्रीय राजमार्ग 86 पर जितना यातायात का दबाव है, उसके लिहाज से इस राजमार्ग की चौड़ाई कम है. राजमार्ग पर उत्तर से दक्षिण को जोड़ने वाले वाहनों का दबाव रहता है. रोड की चौड़ाई कम होने के कारण वाहनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार तय समय से ज्यादा इस सड़क को पार करने में लग जाता है. इस पर सफर करने वाले वाहन चालक रोड की चौड़ाई और सड़क के गड्ढों के कारण काफी परेशान रहते हैं. फिलहाल यह रोड टू लेन का है और लंबे समय से इसका विस्तार नहीं किया गया है. सड़क पर सफर करने वाले लोग इसे फोर लेन में बदलते देखना चाहते हैं.

  • भारी वाहनों को होती है परेशानी

डंपर चालक राममिलन सिंह चंदेल का कहना है कि इस नेशनल हाइवे पर भारी वाहनों को चलाने वाले चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जगह-जगह गड्ढे होने के कारण हमें वाहन चलाने में परेशानी होती है. ईंधन भी काफी खर्च होता है और वाहन में टूट फूट होती है.

  • जबसे नेशनल हाइवे बना नहीं हुआ विस्तार

नेशनल हाईवे-86 पर रोजाना सफर करने वाले लोग बताते हैं कि इस सड़क के हालात लंबे समय से ऐसे ही हैं. रोजाना सफर करने वाले जमना प्रसाद जाटव का कहना है कि रोड में बहुत गड्ढे हैं. सिर्फ इनको भर दिया जाए और रोड को फोर लेन का बना दें तो इससे काफी समस्याएं खुद-ब-खुद खत्म हो जांए. यही नहीं इससे कम से कम 60 फीसद से ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं में कमी भी आएगी. मगर अफसोस इस नेशनल हाईवे को कभी चौड़ा करने की कोशिश ही नहीं हुई है.

सागर। एमपी के सागर जिले से कई राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं. एक तरफ जहां कश्मीर से कन्याकुमारी को जोड़ने वाला राष्ट्रीय स्वर्णिम चतुर्भुज योजना का नॉर्थ साउथ कॉरिडोर का हिस्सा एनएच-44 है. जो गुणवत्ता के मामले में काफी बेहतर है, वहीं, दूसरी तरफ एनएच -86 भी सागर शहर से गुजरता है, जो कहीं से राष्ट्रीय राजमार्ग जैसा नजर ही नहीं आता. सागर से छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, सतना के अलावा इलाहाबाद, कानपुर जैसे शहरों को जोड़ने वाला यह हाइवे जहां गड्ढों के लिए जाना जाता है, तो हादसों के लिए भी बदनाम है. राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात का इतना दबाव है कि चौड़ाई काफी कम लगती है.

  • सड़क हादसों के लिए बदनाम एनएच - 86

बुंदेलखंड के प्रमुख शहरों को सागर से जोड़ने के अलावा इलाहाबाद और कानपुर जैसे शहरों को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग-86 अपनी बदहाली के लिए मशहूर है. सागर में शुरुआत से ही इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर जहां देखें वहां गड्ढे ही गड्ढे हैं. हाइवे पर अक्सर वाहन तेज गति से दौड़ते हैं और इन गड्ढों के कारण हादसों का शिकार बन जाते हैं. आए दिन इस राजमार्ग पर हादसों की खबर सुनने को मिलती है.

नेशनल हाइवे से अवैध शराब से भरी कार पकड़ी, उत्तरप्रदेश के दो तस्कर गिरफ्तार

  • यातायात के दबाव के हिसाब से चौड़ाई कम

राष्ट्रीय राजमार्ग 86 पर जितना यातायात का दबाव है, उसके लिहाज से इस राजमार्ग की चौड़ाई कम है. राजमार्ग पर उत्तर से दक्षिण को जोड़ने वाले वाहनों का दबाव रहता है. रोड की चौड़ाई कम होने के कारण वाहनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार तय समय से ज्यादा इस सड़क को पार करने में लग जाता है. इस पर सफर करने वाले वाहन चालक रोड की चौड़ाई और सड़क के गड्ढों के कारण काफी परेशान रहते हैं. फिलहाल यह रोड टू लेन का है और लंबे समय से इसका विस्तार नहीं किया गया है. सड़क पर सफर करने वाले लोग इसे फोर लेन में बदलते देखना चाहते हैं.

  • भारी वाहनों को होती है परेशानी

डंपर चालक राममिलन सिंह चंदेल का कहना है कि इस नेशनल हाइवे पर भारी वाहनों को चलाने वाले चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जगह-जगह गड्ढे होने के कारण हमें वाहन चलाने में परेशानी होती है. ईंधन भी काफी खर्च होता है और वाहन में टूट फूट होती है.

  • जबसे नेशनल हाइवे बना नहीं हुआ विस्तार

नेशनल हाईवे-86 पर रोजाना सफर करने वाले लोग बताते हैं कि इस सड़क के हालात लंबे समय से ऐसे ही हैं. रोजाना सफर करने वाले जमना प्रसाद जाटव का कहना है कि रोड में बहुत गड्ढे हैं. सिर्फ इनको भर दिया जाए और रोड को फोर लेन का बना दें तो इससे काफी समस्याएं खुद-ब-खुद खत्म हो जांए. यही नहीं इससे कम से कम 60 फीसद से ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं में कमी भी आएगी. मगर अफसोस इस नेशनल हाईवे को कभी चौड़ा करने की कोशिश ही नहीं हुई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.