सागर। पूर्व वित्त मंत्री राघवजी सेक्स स्कैंडल में सुर्खियों में रहे भाजपा नेता और मध्य प्रदेश वन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष शिवशंकर पटेरिया ने आत्महत्या की कोशिश की है. फिलहाल सागर में उनका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. आत्महत्या के पहले उन्होंने अपने परिचितों को एक सुसाइड नोट भी भेजा था, जिसमें उन्होंने एक करीबी व्यक्ति द्वारा धोखा दिए जाने और हत्या के प्रयास के एक मामले में जेल जाने के बाद अपमानित महसूस करने की बात लिखी है. फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. वहीं पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. (raghavji sex scandal case)
क्या है मामला
दरअसल, 8 और 9 फरवरी की दरमियानी रात करीब 1 बजे मप्र वन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष और राघवजी सेक्स स्कैंडल में सुर्खियों में आए शिवशंकर पटेरिया ने अपने कुछ परिचितों के व्हाट्सएप नंबर पर सुसाइड नोट भेजा था. उनके छोटे भाई के लड़के ने जैसे ही अपने मोबाइल पर उनका सुसाइड नोट देखा, तो अपने परिजनों को जानकारी दी. सूचना मिलते ही उनके परिजनों और परिचित लोग मंडी बामोरा स्थित उनके निवास पर पहुंच गए और उनकी तलाश की, तो बेहोशी की अवस्था में अपने बगीचे पर पाए गए. (Shivshankar Pateria suicide note)
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परिजन तत्काल उनको बीना रिफाइनरी की अस्पताल ले गए, लेकिन बीना रिफाइनरी अस्पताल में उन्हें भर्ती करने से इनकार कर दिया. तब उन्हें बीना के सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका प्राथमिक उपचार करने के बाद उन्हें सागर स्थिति प्राइवेट हॉस्पिटल में लाया गया. निजी अस्पताल में इलाज करा रहे शिवशंकर पटेरिया की फिलहाल हालत स्थिर बताई जा रही है.
क्या लिखा है सुसाइड नोट में
उमा भारती सरकार में मध्यप्रदेश वन विकास निगम के अध्यक्ष रहे शिवशंकर पटैरिया ने अपने परिचितों को जो सुसाइड नोट भेजा है. उसमें उन्होंने आत्महत्या की 2 वजह बताई हैं. उन्होंने अपने पूर्व सहयोगी हनुमान प्रसाद द्विवेदी से भी दुखी होने की बात कही है. हनुमान प्रसाद द्विवेदी उनके वन विकास निगम के अध्यक्ष रहते हुए परिचय में आए थे. जो करीब उनके साथ 16 साल रहे हैं, लेकिन कुछ दिनों पहले उनको छोड़कर चले गए थे. शिवशंकर पटेरिया ने लिखा है कि पन्ना जिले के अजयगढ़ के रहने वाले हनुमान प्रसाद द्विवेदी ने उनका सब कुछ ठग लिया.
धारा 307 के मुकदमे से आहत होने की लिखी बात
उन्होंने हत्या के प्रयास के एक मुकदमे का उल्लेख करते हुए लिखा कि धारा 307 के मामले में पुलिस द्वारा एक तरफा कार्रवाई किए जाने और मुकदमे में सजा के लिए प्रयास किए जाने के कारण यह कदम उठा रहे हैं. वह इतने ताकतवर नहीं हैं कि सरकार से जुड़े लोगों से लड़ सके हैं. वहीं अंत में उन्होंने लिखा कि पिछले एक साल से मेरे हर निर्णय उल्टे पड़ रहे हैं.
जांच में जुटी पुलिस
इस मामले के संज्ञान में आने के बाद मकरोनिया पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. एडिशनल एसपी बिक्रम सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद जांच शुरू कर दी गई है, जो भी तथ्य सामने आएंगे. उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
पूर्व वित्त मंत्री राघवजी सेक्स स्कैंडल में सुर्खियों में आए थे शिवशंकर पटेरिया
उमा भारती सरकार में मध्य प्रदेश वन विकास निगम के अध्यक्ष रहे शिवशंकर पटेरिया पूर्व वित्त मंत्री राघवजी के भी करीबी थे. राघवजी जब वित्त मंत्री रहते हुए सेक्स स्कैंडल में फंसे थे. तब शिवशंकर पटेरिया काफी सुर्खियों में आए थे. इस स्कैंडल के पीछे उनका हाथ होने की चर्चाएं सुर्खियों में थी.