सागर। देश और प्रदेश में बाघों के नए बसेरे के रूप में मशहूर हो रहे नौरादेही अभ्यारण्य में 4 नए मेहमानों के आने की सूचना मिल रही है. नौरादेही में पहले से मौजूद 12 बाघों में से एक बाघिन ने एक साथ 4 शावकों को जन्म दिया है. हालांकि नौरादेही अभ्यारण्य प्रबंधन ने अभी इसका खुलासा नहीं किया है. प्रबंधन का कहना है कि सुरक्षा कारणों से ऐसा कदम उठाया गया है. लेकिन सूत्रों का कहना है कि चारों शावक स्वस्थ हैं और अपनी मां के साथ सुरक्षित अभ्यारण्य क्षेत्र में जंगल को समझ रहे हैं. चर्चा है कि बाघिन राधा एन-112 ने इन चार शावकों को जन्म दिया है. बता दें कि बाघिन राधा को 2018 में राष्ट्रीय बाघ परियोजना के अंतर्गत कान्हा किसली उद्यान से लाकर बांधवगढ़ से लाए गए किशन के साथ नौरादेही अभ्यारण्य में छोड़ा था. पिछले 5 सालों में नौरादेही अभ्यारण में बाघों की संख्या 12 पहुंच गई और इन 4 नए शावकों के साथ अब यह संख्या 16 हो गई है. गौरतलब है कि नौरादेही अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व का दर्जा देने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास लंबित है.
सुरक्षा के चलते नहीं हुआ खुलासा, न तस्वीर जारी: नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य बाघों के कुनबे के बढ़ने की पुष्टि तो कर रहा है, लेकिन किसने शावकों को जन्म दिया है इसका अभी खुलासा नहीं किया है, न ही शवकों की तस्वीर अभी अभ्यारण्य प्रबंधन द्वारा जारी नहीं की गई हैं. गौरतलब है कि बाघिन राधा ने मई 2019 में तीन शावकों को जन्म दिया था. इसके बाद बाघिन राधा ने 2020 में चार शावकों को जन्म दिया था और फिर 5 नवंबर 2021 को राधा के साथ दो नवजात शावक देखे गए. इसके बाद अप्रैल 2022 में बाघिन राधा से जन्मे दो शावकों को देखा गया. इसके अलावा नौरादेही में एक और बार देखा जा रहा है, जिसे मेहमान बताया जा रहा है. अब नए चार शावकों की आमद के बाद नौरादेही अभ्यारण्य में बाघों का कुनबा 16 पहुंच गया है.
विशाल क्षेत्रफल और घास के मैदान बाघों के लिए मुफीद: दरअसल नौरादेही अभ्यारण्य मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा वन्य जीव अभ्यारण में है. जिसका क्षेत्रफल 1197 किलोमीटर है. यह अभयारण्य सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिलों में फैला हुआ है और जबलपुर की सीमा से अभयारण्य की सीमा लगती है. अभ्यारण्य का विशाल क्षेत्रफल, घास के विशाल मैदान और शाकाहारी जानवरों की बहुलता के कारण यहां राष्ट्रीय बाघ परियोजना की शुरुआत 2018 में की गई थी. इसी प्रोजेक्ट के तहत कान्हा किसली से बाघिन राधा और बांधवगढ़ से बाघ किशन को नौरादेही अभ्यारण में छोड़ा गया था और कुछ ही दिन में दोनों यहां के माहौल में रच बस गए और अपना कुनबा बढ़ाने लगे.
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प्रबंधन ने की संख्या बढ़ने की बात, लेकिन खुलासा नहीं: इस मामले में सागर वृत्त के सीसीएफ अनिल कुमार सिंह का कहना है कि ''नौरादेही में बाघों का कुनबा पड़ रहा है और उनकी सुरक्षा के लिए भरपूर प्रबंध किए गए हैं. कई मामलों में सुरक्षा की दृष्टि से बाघों की स्थिति और अन्य जानकारी गोपनीय रखी जा रही है. समय आने पर सार्वजनिक किया जाएगा.'' उन्होंने बताया कि बाघों कि ''सुरक्षा के लिए अभ्यारण्य के अंदर एक विशेष सुरक्षित क्षेत्र तैयार किया गया है. प्रशिक्षित डॉग स्क्वायड के अलावा 150 वनकर्मी बाघों की सुरक्षा में तैनात रहते हैं.''