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Sagar teachers filling potholes बच्चों को पढ़ाना छोड़ सड़क के गड्ढे भरने लगे शिक्षक, पीडब्ल्यूडी मंत्री का दावा सड़कें तो बेहतर हैं

सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत का असर नही होने पर स्कूल के शिक्षक बच्चों को पढ़ाना छोड़ सड़क के गड्ढे भरने लगे. सागर के गढ़पहरा को जोड़ने वाली सड़क की खस्ताहाल हालत की कोई सुनवाई नही होने पर शिक्षकों को ये (Sagar teachers filling potholes) कदम उठाना पड़ा. शिक्षकों ने कहा कि पिछले 3 साल से सड़क की यही स्थिति है इस सड़क पर चलना भी दूभर है. दूसरी तरफ पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव का दावा है कि 20 साल पहले प्रदेश की सड़कों के जो हाल थे आज उनसे कई गुना बेहतर सड़के हैं.

sagar teachers filling potholes on road
सागर में बच्चों को पढ़ाना छोड़ सड़क के गड्ढे भरने लगे शिक्षक
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Published : Dec 6, 2022, 10:55 PM IST

सागर। वैसे तो किसी स्कूल के टीचर का काम पढ़ाने का होता है लेकिन सागर से गढ़पहरा को जोड़ने वाली सड़क इतनी बदहाल हो गई है कि सड़क पर पड़ने वाले स्कूल के शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाना छोड़ कर सड़क के गड्ढे भरने का काम करना पड़ रहा है. संभागीय मुख्यालय से गढ़पहरा को जोड़ने वाली महज 6 किमी सड़क पिछले 3 साल से गड्ढों के कारण बर्बाद हो गई है. यहां से लोगों का पैदल निकलना दूभर है और आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती है. शिकायत के बाद भी जब कोई सुधार नहीं हुआ तो स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों को पढ़ाना छोड़ (Sagar teachers filling potholes) खुद सड़क के गड्ढे भरने का काम शुरू कर दिया. हालांकि पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव अब भी दावा कर रहे हैं कि फिलहाल प्रदेश की सड़कें काफी अच्छी स्थिति में है.

सागर में बच्चों को पढ़ाना छोड़ सड़क के गड्ढे भरने लगे शिक्षक

क्या है मामला: सागर शहर को एनएच-86 से जोड़ने वाली गढ़पहरा सड़क की लंबाई मात्र 6 किमी है. लेकिन पिछले कुछ सालों से सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है. मरम्मत के नाम पर करोड़ो रुपए खर्च भी हो चुके हैं लेकिन सड़क का हाल जस का तस है. सड़क कई गांवों को जोड़ती है. महार रेजीमेंट पब्लिक स्कूल भी इसी सड़क किनारे स्थित है. ग्रामीणों के अलावा महार रेजीमेंट स्कूल के शिक्षक जहां जनप्रतिनिधियों के अलावा कलेक्टर से भी सड़क सुधरवाने के लिए निवेदन कर चुके है. यहां तक की सीएम हेल्पलाइन भी कई बार शिकायत कर चुके है. लेकिन अभी तक शासन-प्रशासन ने सुध नहीं ली. समस्या को लेकर हमें कलेक्टर ने नवंबर माह तक सड़क सुधारने का आश्वासन मिला था लेकिन नवंबर माह बीत गया और जब सड़क नहीं सुधरी. थक हारकर महार रेजीमेंट पब्लिक स्कूल के टीचरों ने खुद सड़क के गड्ढे भरने की ठानी. टीचरों ने चंदा इकट्ठा करके जरूरी सामग्री खरीदी, खुद श्रमदान कर सड़क के गड्ढे भरने का काम शुरू कर दिया.

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पीडब्ल्यूडी मंत्री ने बताया बेहतर है सड़क: पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि 20 साल पहले प्रदेश की सड़कों के जो हाल थे आज उनसे कई गुना बेहतर सड़के हो गई है. मैं 40 साल से विधायक हूं एक समय ऐसा था कि हम लोग भोपाल सड़क मार्ग से नहीं, बल्कि ट्रेन से जाते थे. भोपाल जाने में 8 घंटे लगते थे और 4 घंटे आराम करना पड़ता था. आज सागर से 3 घंटे में भोपाल पहुंचा जा सकता है. सड़कों की मरम्मत के काम चलते रहते हैं और सड़कों का गारंटी पीरियड भी होता है. अगर कोई सड़क खराब है, तो उसमें जल्द सुधार किया जाएगा.

सागर। वैसे तो किसी स्कूल के टीचर का काम पढ़ाने का होता है लेकिन सागर से गढ़पहरा को जोड़ने वाली सड़क इतनी बदहाल हो गई है कि सड़क पर पड़ने वाले स्कूल के शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाना छोड़ कर सड़क के गड्ढे भरने का काम करना पड़ रहा है. संभागीय मुख्यालय से गढ़पहरा को जोड़ने वाली महज 6 किमी सड़क पिछले 3 साल से गड्ढों के कारण बर्बाद हो गई है. यहां से लोगों का पैदल निकलना दूभर है और आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती है. शिकायत के बाद भी जब कोई सुधार नहीं हुआ तो स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों को पढ़ाना छोड़ (Sagar teachers filling potholes) खुद सड़क के गड्ढे भरने का काम शुरू कर दिया. हालांकि पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव अब भी दावा कर रहे हैं कि फिलहाल प्रदेश की सड़कें काफी अच्छी स्थिति में है.

सागर में बच्चों को पढ़ाना छोड़ सड़क के गड्ढे भरने लगे शिक्षक

क्या है मामला: सागर शहर को एनएच-86 से जोड़ने वाली गढ़पहरा सड़क की लंबाई मात्र 6 किमी है. लेकिन पिछले कुछ सालों से सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है. मरम्मत के नाम पर करोड़ो रुपए खर्च भी हो चुके हैं लेकिन सड़क का हाल जस का तस है. सड़क कई गांवों को जोड़ती है. महार रेजीमेंट पब्लिक स्कूल भी इसी सड़क किनारे स्थित है. ग्रामीणों के अलावा महार रेजीमेंट स्कूल के शिक्षक जहां जनप्रतिनिधियों के अलावा कलेक्टर से भी सड़क सुधरवाने के लिए निवेदन कर चुके है. यहां तक की सीएम हेल्पलाइन भी कई बार शिकायत कर चुके है. लेकिन अभी तक शासन-प्रशासन ने सुध नहीं ली. समस्या को लेकर हमें कलेक्टर ने नवंबर माह तक सड़क सुधारने का आश्वासन मिला था लेकिन नवंबर माह बीत गया और जब सड़क नहीं सुधरी. थक हारकर महार रेजीमेंट पब्लिक स्कूल के टीचरों ने खुद सड़क के गड्ढे भरने की ठानी. टीचरों ने चंदा इकट्ठा करके जरूरी सामग्री खरीदी, खुद श्रमदान कर सड़क के गड्ढे भरने का काम शुरू कर दिया.

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पीडब्ल्यूडी मंत्री ने बताया बेहतर है सड़क: पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि 20 साल पहले प्रदेश की सड़कों के जो हाल थे आज उनसे कई गुना बेहतर सड़के हो गई है. मैं 40 साल से विधायक हूं एक समय ऐसा था कि हम लोग भोपाल सड़क मार्ग से नहीं, बल्कि ट्रेन से जाते थे. भोपाल जाने में 8 घंटे लगते थे और 4 घंटे आराम करना पड़ता था. आज सागर से 3 घंटे में भोपाल पहुंचा जा सकता है. सड़कों की मरम्मत के काम चलते रहते हैं और सड़कों का गारंटी पीरियड भी होता है. अगर कोई सड़क खराब है, तो उसमें जल्द सुधार किया जाएगा.

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