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नींद भगाने वाला चश्मा, दुर्घटनाओं को रोकने स्कूली छात्र ने बनाई डिवाइज, ड्राइवर को आई झपकी तो बजेगा अलार्म - सागर मोक्ष जैन ने का अलार्म चश्मा

Sagar Student Made Alarm Glasses: कई बार ड्राइवर की आंख लगने से बड़े हादसे हो जाते हैं, जिनमें जान-माल का नुकसान हो जाता है. इन्हीं हादसों पर लगाम लगाने के लिए सागर के 14 साल के छात्र ने अनोखा चश्मा बनाया है, जो ड्राइवर को आंख बंद होते ही बजर सेंसर के माध्यम से जगा देगा.

Sagar student made alarm glasses
सागर के छात्र ने बनाया अलार्म चश्मा
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 14, 2024, 1:37 PM IST

Updated : Jan 14, 2024, 2:17 PM IST

सागर के छात्र ने बनाया नींद भगाने वाला चश्मा

सागर। बडे़-बडे़ नेशनल हाइवे और व्यस्त सड़कों से गुजरते हुए ऐसे कई वाहनों के अवशेष दिखाई देते हैं जो सडक हादसे की भयावहता से रूबरू कराते हैं. ऐसे ही एक बार जिले के रहली के सीएम राइज स्कूल में पढ़ने वाले मोक्ष जैन जब सफर कर रहे थे, तो उन्हें एक सड़क दुर्घटना का दृश्य देखने मिला. जब उन्होंने दुर्घटना के बारे में पता किया, तो पता चला कि ड्राइवर को झपकी आ जाने के कारण ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया. तभी से होनहार छात्र मोक्ष जैन के दिमाग में आया कि इस तरह काफी सडक दुर्घटनाएं होती है, इन्हें रोकने के लिए कुछ करना चाहिए.

झपकी आने पर बजेगा अलार्म

फिर क्या मोक्ष जैन ने एक ऐसा चश्मा तैयार किया, जिसे वाहन के ड्राइवर लगाएंगे और झपकी आने पर चश्मा अलार्म बजाएगा. अगर ड्राइवर को तेज नींद आएगी, तो गाड़ी अपने आप बंद होकर पार्किंग लाइट जलाएगी. मोक्ष के इस डिवाइज की जमकर सराहना हो रही है और राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग ने मोक्ष के इस डिवाइस को पुरस्कृत भी किया है.

साफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं मोक्ष

इस अनोखे चश्मे को तैयार करने वाले मोक्ष जैन जिले के रहली नगर के रहने वाले हैं. महज 14 साल के मोक्ष जैन रहली के सीएम राइज स्कूल के छात्र हैं और उनके पिता रेडिमेड कपडों का व्यापार करते हैं. मोक्ष जैन बचपन से पढ़ाई-लिखाई में तेज है और साफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं. इसलिए स्कूल में मोक्ष का ज्यादातर वक्त अटल ट्रैकिंग लैब में बीतता है और वह लैब में कुछ नया करने के उद्देश्य से घंटों बिताते हैं.

Sagar student made alarm glasses
दुर्घटनाओं को रोकने स्कूली छात्र ने बनाई डिवाइज

हादसा देखकर मोक्ष के मन में आया आइडिया

मोक्ष जैन बताते हैं कि ''एक बार वह अपने परिवार के साथ घूमने जा रहे थे, तो उनके सामने एक हादसा हुआ, एक ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया. जिसमें दो लोगों की मौत हो गयी और कुछ लोग घायल हो गए. जब उन्होंने हादसे की वजह पता कि तो जानकारी मिली कि ड्राइवर को झपकी आने के कारण ट्रक बेकाबू होकर पलट गया. इस हादसे को देखने के बाद उनके मन में वाहन चालकों को झपकी आने पर अलर्ट करने के लिए डिवाइस बनाने का विचार आया.''

महज 600 रूपए में तैयार कर दिया स्मार्ट चश्मा

नींद आने पर भारी वाहनों के ड्राइवर को अलर्ट करने के लिए मोक्ष जैन ने तय कर लिया कि वो ऐसा डिवाइस तैयार करेंगे, तो उन्होंने आई आर सेंसर सिद्धांत पर काम किया और अपना प्रोजेक्ट तैयार करने में जुट गए. आई आर सेंसर के सिद्धांत के जरिए उन्होंने एक ऐसा डिवाइस तैयार किया, जिसको तैयार करने में सिर्फ 600 रूपए खर्च हुए. असल में उन्होंने एक ऐसा चश्मा तैयार किया, जिसे ड्राइविंग करते वक्त भारी वाहनों के ड्राइवर लगा सकते हैं. ड्राइवर के चश्मा लगाने के बाद अगर उसे नींद का झोंका आएगा, तो स्मार्ट चश्मा अलार्म बजाने लगेगा और ड्राइवर को अलर्ट कर देगा. इस स्मार्ट चश्मे की एक और खास बात है कि अलार्म के बाद भी अगर ड्राइवर की नींद नहीं भागेगी, तो वाहन बंद हो जाएगा और अपने आप पार्किंग लाइट चालू हो जाएगी. जिसकी वजह से हादसा नहीं हो पाएगा.

Also Read:

चौकीदारों को अलर्ट रखने में भी कारगर

सड़क हादसों के अलावा इस स्मार्ट चश्मे को घरों के चौकीदार को लगाकर चोरी रोकने का काम किया जा सकता है. घर पर चौकीदारी करने वाले सुरक्षाकर्मियों को ये चश्मा दिया जा सकता है. अगर रात के वक्त चौकीदार को नींद आ रही है, तो चश्मा अलार्म बजाकर सोने नहीं देगा. अगर इसके बाद भी नींद नहीं टूटी या चौकीदार ने चश्मा उतार दिया, तो घर के मालिक को मोबाइल पर सूचना मिल जाएगी कि चौकीदार सो रहा है. इस डिवाइज से हादसों के अलावा चोरी की घटनाओं को रोका जा सकता है.

बडे़ पैमाने पर उत्पादन में कम होगी लागत

स्मार्ट चश्मा तैयार करने वाले मोक्ष जैन बताते हैं कि ''स्मार्ट चश्मा तैयार करने में उन्हें करीब 600 रूपए का खर्च आया है. अगर इसे ज्यादा संख्या में बडे़ पैमाने पर बनाया जाए, तो इसकी लागत और कम हो सकती है और महज 300 रूपए में ये चश्मा बाजार में बेंचा जा सकता है.'' मोक्ष जैन का कहना है कि ''इस डिवाइज को कार और भारी वाहन बनाने वाली कंपनियों को ड्राइवर को उपलब्ध कराना चाहिए और उसे वाहन के साथ देना चाहिए, ताकि ड्राइवर इसका उपयोग करें और हादसों पर नियंत्रण हो सके.''

सागर के छात्र ने बनाया नींद भगाने वाला चश्मा

सागर। बडे़-बडे़ नेशनल हाइवे और व्यस्त सड़कों से गुजरते हुए ऐसे कई वाहनों के अवशेष दिखाई देते हैं जो सडक हादसे की भयावहता से रूबरू कराते हैं. ऐसे ही एक बार जिले के रहली के सीएम राइज स्कूल में पढ़ने वाले मोक्ष जैन जब सफर कर रहे थे, तो उन्हें एक सड़क दुर्घटना का दृश्य देखने मिला. जब उन्होंने दुर्घटना के बारे में पता किया, तो पता चला कि ड्राइवर को झपकी आ जाने के कारण ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया. तभी से होनहार छात्र मोक्ष जैन के दिमाग में आया कि इस तरह काफी सडक दुर्घटनाएं होती है, इन्हें रोकने के लिए कुछ करना चाहिए.

झपकी आने पर बजेगा अलार्म

फिर क्या मोक्ष जैन ने एक ऐसा चश्मा तैयार किया, जिसे वाहन के ड्राइवर लगाएंगे और झपकी आने पर चश्मा अलार्म बजाएगा. अगर ड्राइवर को तेज नींद आएगी, तो गाड़ी अपने आप बंद होकर पार्किंग लाइट जलाएगी. मोक्ष के इस डिवाइज की जमकर सराहना हो रही है और राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग ने मोक्ष के इस डिवाइस को पुरस्कृत भी किया है.

साफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं मोक्ष

इस अनोखे चश्मे को तैयार करने वाले मोक्ष जैन जिले के रहली नगर के रहने वाले हैं. महज 14 साल के मोक्ष जैन रहली के सीएम राइज स्कूल के छात्र हैं और उनके पिता रेडिमेड कपडों का व्यापार करते हैं. मोक्ष जैन बचपन से पढ़ाई-लिखाई में तेज है और साफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं. इसलिए स्कूल में मोक्ष का ज्यादातर वक्त अटल ट्रैकिंग लैब में बीतता है और वह लैब में कुछ नया करने के उद्देश्य से घंटों बिताते हैं.

Sagar student made alarm glasses
दुर्घटनाओं को रोकने स्कूली छात्र ने बनाई डिवाइज

हादसा देखकर मोक्ष के मन में आया आइडिया

मोक्ष जैन बताते हैं कि ''एक बार वह अपने परिवार के साथ घूमने जा रहे थे, तो उनके सामने एक हादसा हुआ, एक ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया. जिसमें दो लोगों की मौत हो गयी और कुछ लोग घायल हो गए. जब उन्होंने हादसे की वजह पता कि तो जानकारी मिली कि ड्राइवर को झपकी आने के कारण ट्रक बेकाबू होकर पलट गया. इस हादसे को देखने के बाद उनके मन में वाहन चालकों को झपकी आने पर अलर्ट करने के लिए डिवाइस बनाने का विचार आया.''

महज 600 रूपए में तैयार कर दिया स्मार्ट चश्मा

नींद आने पर भारी वाहनों के ड्राइवर को अलर्ट करने के लिए मोक्ष जैन ने तय कर लिया कि वो ऐसा डिवाइस तैयार करेंगे, तो उन्होंने आई आर सेंसर सिद्धांत पर काम किया और अपना प्रोजेक्ट तैयार करने में जुट गए. आई आर सेंसर के सिद्धांत के जरिए उन्होंने एक ऐसा डिवाइस तैयार किया, जिसको तैयार करने में सिर्फ 600 रूपए खर्च हुए. असल में उन्होंने एक ऐसा चश्मा तैयार किया, जिसे ड्राइविंग करते वक्त भारी वाहनों के ड्राइवर लगा सकते हैं. ड्राइवर के चश्मा लगाने के बाद अगर उसे नींद का झोंका आएगा, तो स्मार्ट चश्मा अलार्म बजाने लगेगा और ड्राइवर को अलर्ट कर देगा. इस स्मार्ट चश्मे की एक और खास बात है कि अलार्म के बाद भी अगर ड्राइवर की नींद नहीं भागेगी, तो वाहन बंद हो जाएगा और अपने आप पार्किंग लाइट चालू हो जाएगी. जिसकी वजह से हादसा नहीं हो पाएगा.

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चौकीदारों को अलर्ट रखने में भी कारगर

सड़क हादसों के अलावा इस स्मार्ट चश्मे को घरों के चौकीदार को लगाकर चोरी रोकने का काम किया जा सकता है. घर पर चौकीदारी करने वाले सुरक्षाकर्मियों को ये चश्मा दिया जा सकता है. अगर रात के वक्त चौकीदार को नींद आ रही है, तो चश्मा अलार्म बजाकर सोने नहीं देगा. अगर इसके बाद भी नींद नहीं टूटी या चौकीदार ने चश्मा उतार दिया, तो घर के मालिक को मोबाइल पर सूचना मिल जाएगी कि चौकीदार सो रहा है. इस डिवाइज से हादसों के अलावा चोरी की घटनाओं को रोका जा सकता है.

बडे़ पैमाने पर उत्पादन में कम होगी लागत

स्मार्ट चश्मा तैयार करने वाले मोक्ष जैन बताते हैं कि ''स्मार्ट चश्मा तैयार करने में उन्हें करीब 600 रूपए का खर्च आया है. अगर इसे ज्यादा संख्या में बडे़ पैमाने पर बनाया जाए, तो इसकी लागत और कम हो सकती है और महज 300 रूपए में ये चश्मा बाजार में बेंचा जा सकता है.'' मोक्ष जैन का कहना है कि ''इस डिवाइज को कार और भारी वाहन बनाने वाली कंपनियों को ड्राइवर को उपलब्ध कराना चाहिए और उसे वाहन के साथ देना चाहिए, ताकि ड्राइवर इसका उपयोग करें और हादसों पर नियंत्रण हो सके.''

Last Updated : Jan 14, 2024, 2:17 PM IST
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