सागर। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 के पहले बुंदेलखंड में 1842 में ही आजादी की अलख जग गई थी. बुंदेला विद्रोह ने ब्रिटिश हुकूमत की जड़े हिला कर रख दीं थीं. बुंदेला विद्रोह के महानायक मधुकर शाह बुंदेला को सागर जेल में फांसी दी गई थी. सागर केंद्रीय जेल परिसर में उनकी समाधि भी स्थित है. महान बुंदेला वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मधुकर शाह बुंदेला के समाधि स्थल का जीर्णोद्धार सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा किया जाएगा. नगर निगम आयुक्त आरपी अहिरबार और स्मार्ट सिटी के सीईओ राहुल सिंह राजपूत ने समाधि स्थल का निरीक्षण कर तैयारियों के निर्देश दिए हैं. (history 1857 rebel)
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विकसित होगा समाधि स्थलः केंद्रीय जेल परिसर में बनी मधुकर शाह बुंदेला की समाधि को लेकर सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के कार्यकारी निर्देशक आरपी अहिरवार ने कहा कि मल्टीपल पार्क एंड प्ले एरिया परियोजना के तहत सागर सेंट्रल जेल परिक्षेत्र में स्थित समाधि स्थल का जीर्णोद्धार कर परिसर को विकसित किया जाए. परिसर को साफ, स्वच्छ, सुंदर और सुविधाजनक बनाया जाए. लोग यहां आकर वीर मधुकर शाह की समाधि के दर्शन कर सकें और बच्चों को उनके इतिहास के बारे में जानकारी मिले. (freedom fighter madhukar shah bundela)
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सागर स्मार्ट सिटी आईसैक 2022 के पहले राउंड के लिए चयनित, देश में 31 वीं और प्रदेश में चौथी रैंकिंग
1857 की क्रांति की बुंदेला विद्रोह ने रखी थी नींवः गौरतलब है कि अंग्रेजों के खिलाफ पहला संगठित विद्रोह 1842 का बुंदेला विद्रोह था, जिसमें करीब एक साल तक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अंग्रेज हुकूमत की नाक में दम कर दिया था. इस विद्रोही ने एक तरह से 1857 की क्रांति की नींव रखने का काम किया था. बुंदेला सरदार मधुकर शाह इस विद्रोह के नायक थे. उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत की पुलिस पर आक्रमण कर विद्रोह का आगाज किया था. इस विद्रोह में कई पुलिस वाले मारे गए. विद्रोही हुए भू स्वामियों ने खुरई, खिमलासा, धामोनी, नरयावली और सागर नगर में पुलिस की चौकियों पर हमले किए. इसके बाद यह आंदोलन दूर-दूर तक फैल गया. करीब एक साल के प्रयास के बाद कैप्टन बेकमैन ने मधुकर शाह को पकड़ने में सफलता हासिल की और उन्हें सार्वजनिक रूप से सागर जेल के पास फांसी पर चढ़ा दिया गया. यहीं पर उनकी समाधि बनी हुई है, जिसे अब स्मार्ट सिटी सागर लिमिटेड विकसित करेगी. (sagar smart city)
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