सागर। शहर को भले ही स्मार्ट सिटी में शामिल किया गया हो और शहर की सड़कें नए सिरे से बनाई जा रही हैं, लेकिन पिछले 3 साल से सागर नगर के रहवासी इन सड़कों के निर्माण के चलते सड़कों में हुए गड्ढे और सड़कों की बदहाली के चलते परेशान हैं. परेशान लोग अपनी नाराजगी समय-समय पर व्यक्त करते रहते हैं और शिकायत भी दर्ज कराते हैं, लेकिन उन सड़कों की बदहाल स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. सड़कों की बदहाली को लेकर सागर जिला न्यायालय के एडवोकेट ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई थी, जब शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो एडवोकेट पवन नन्होरया ने जिला न्यायालय में जनहित याचिका लगाई है.
सीएम हेल्पलाइन में शिकायत पर भी नहीं सुनवाई: पिछले तीन सालों से सागर शहर के प्रमुख मार्ग बदहाल स्थिति में है. स्मार्ट सिटी लिमिटेड सागर द्वारा शहर में स्मार्ट रोड का निर्माण चल रहा है. इसके अलावा सीवरेज सिस्टम और 24×7 पेयजल व्यवस्था का काम चल रहा है. इन निर्माण कार्यों से सड़कें बदहाल हो गई है. शहर के बड़ाबाजार, कोतवाली, तीन बत्ती, परकोटा, तिली मार्ग, सिविल लाइन से आरटीओ चौराहा, बस स्टैंड, पीली कोठी की सड़कों की हालत बहुत जर्जर है. इन सड़कों मेंदुर्घटनाएं आम बात हो गई है. स्थानीय लोगों द्वारा नगर निगम, स्मार्ट सिटी और कलेक्टर कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन किसी के कान पर जूं नहीं रेंगी. सड़कों की बदहाली को लेकर एडवोकेट पवन नन्होरया ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की थी. सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद भी सड़कों में सुधार नहीं हुआ है. बदहाल सड़कों से तंग आकर सागर जिला न्यायालय के वकील पवन नन्होरिया ने जिला न्यायालय सागर में कलेक्टर व नगर निगम कमिश्नर के खिलाफ जनहित याचिका दायर की है. जिसे पीठासीन अधिकारी, स्थाई लोक अदालत सागर ने स्वीकार करते हुए आगामी 2 दिसंबर को अगली सुनवाई तय की है.
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क्या कहना है याचिकाकर्ता वकील का: एडवोकेट पवन नन्होरया का कहना है कि मैं काफी समय से देख रहा हूं कि आधा फीट गहरे और तीन चार फीट लंबे गड्ढे शहर की सड़कों पर हो गए हैं. जहां से आवागमन अत्याधिक होता है. वहां स्कूल जाने वाले बच्चे और महिलाएं गिरती हैं. सभी को शारीरिक परेशानी होती है. इस समस्या की मैंने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की थी, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो मैंने जिला विधिक प्राधिकरण के यहां जनहित याचिका दायर की. याचिका की स्वीकारोक्ति पर सुनवाई हो गई है और याचिका स्वीकार कर ली गई है. वहीं पक्षकारों को नोटिस भी जारी कर दिए गए हैं. अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी. मैंने याचिका में कहा है कि भगवान ना करे कि कोई गंभीर स्थिति बन जाए. क्योंकि इन हालातों में हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. मैं कोर्ट से जाता हूं, तो देखता हूं कि गड्ढों में साइकिल चालक गिर रहा है. कोई बाइक सवार गिर रहा है, बच्चियां और महिलाएं स्कूटी के साथ गिर जाती हैं,यह बहुत ही पीड़ादायक है.