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दिल के मरीज डॉक्टर की जिंदादिली, पावर लिफ्टर बन 74 साल की उम्र में जीत ली नेशनल चैंपियनशिप - Retired Dr Arvind Maurya became National Champion

सागर के रिटायर डॉक्टर अरविंद मौर्य ने औरंगाबाद में आयोजित नेशनल बेंच प्रेस कंपटीशन में मास्टर कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता है (Retired Dr Arvind Maurya won gold). अरविंद मौर्य की उम्र 74 साल है, उनकी बाईपास सर्जरी हो चुकी है. उसके बावजूद यह मुकाम हालिस करना किसी चमत्कार से कम नहीं है. अरविंद मौर्य यह कारनामा कर के युवाओं के लिए नजीर बन गए हैं. वह कहते हैं जब हम अपने शरीर की केयर करेंगे हम शरीर की केयर करेंगे तभी शरीर हमारी केयर करेगा.

Retired Dr Arvind Maurya won gold
अरविंद मौर्य को पावर लिफ्टिंग में गोल्ड मेडल
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Published : Feb 1, 2023, 9:47 AM IST

Updated : Feb 1, 2023, 10:44 AM IST

युवाओं के लिए मिसाल हैं डॉ अरविंद मौर्य

सागर। अगर हौसले बुलंद हो तो शारीरिक कमजोरी और बढ़ती उम्र किसी शौक और लक्ष्य के आड़े नहीं आती है. ऐसा ही एक कारनामा सागर के एक रिटायर डॉक्टर ने कर दिखाया है, जिनकी उम्र 74 साल है और 12 साल पहले उनकी बाईपास सर्जरी हो चुकी है. लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर उन्हें पावर लिफ्टिंग का शौक चढ़ा है. शौक सिर्फ करने का नहीं, बल्कि पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में भी हिस्सा लेने का जुनून सवार हो गया है और जुनून इस हद तक पहुंच गया है कि हाल ही में उन्होंने औरंगाबाद में आयोजित नेशनल बेंच प्रेस कंपटीशन में मास्टर कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता है. सागर के रिटायर डॉ. अरविंद मौर्य (Dr Arvind Maurya Sagar) ने यह कमाल करके दिखाया है. उनका कहना है कि ''हमें शरीर पर हमेशा ध्यान देना चाहिए. आखिर तक हमारा शरीर साथ रहता है, हम शरीर की केयर करेंगे, तो शरीर हमारी केयर करेगा''.

sagar Retired Dr Arvind Maurya
74 साल की उम्र में जीत ली नेशनल चैंपियनशिप

कौन है डॉक्टर मौर्य: डॉ. अरविंद मौर्य वैसे तो ग्वालियर के कंपू इलाके के रहने वाले हैं, लेकिन नौकरी के बाद सागर में बस गए. एक चिकित्सक के तौर पर स्वास्थ्य विभाग में भर्ती हुए डॉ. अरविंद मौर्य स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक के पद से रिटायर हुए हैं. डॉ. अरविंद मौर्य की पत्नी मालती मौर्य जिन का स्वर्गवास हो चुका है वह सागर जिले की खुरई विधानसभा से विधायक भी रही हैं. डॉ. अरविंद मौर्य फिलहाल सागर में मास्टर पावर लिफ्टर के तौर पर मशहूर हो रहे हैं. दरअसल बचपन से ही डॉ अरविंद मौर्य को कसरत का शौक था और वह अखाड़े जाकर कसरत किया करते थे, लेकिन पढ़ाई- लिखाई और फिर डॉक्टर बन जाने के बाद उनका यह शौक पूरा नहीं हो पाया. रिटायरमेंट के बाद डॉक्टर मौर्य ने अपने बचपन के शौक को पूरा करने की ठानी और उन्होंने जिम जाकर बॉडी बिल्डिंग की शुरुआत की. इसी दौरान उनकी मुलाकात सागर के ही मास्टर पावर लिफ्टर और भगवानदास कश्यप से हुई और उन्हीं की प्रेरणा से उन्होंने पावर लिफ्टर बनने की ठानी और आज मास्टर कैटेगरी के चैंपियन हैं.

Arvind Maurya won gold medal in power lifting
74 साल की उम्र में भी जिम जाते हैं डॉक्टर अरविंद मौर्य

Sagar Doctor जिंदादिल डॉक्टर बने युवाओं की मिसाल, बायपास सर्जरी के बाद भी 74 की उम्र में पावर लिफ्टिंग की दीवानगी

12 साल पहले ही हो चुकी है बायपास सर्जरी: जहां तक डॉक्टर अरविंद मौर्य की बात करें तो उनके मामले में पावर लिफ्टिंग का शौक इसलिए खास हो जाता है, क्योंकि 12 साल पहले 2010 में उनकी बाईपास सर्जरी हो चुकी है. सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने उन्हें हल्की-फुल्की कसरत और ज्यादा पैदल चलने की सलाह दी थी और उन्हें जिम जाने से रोका था. लेकिन डॉक्टर अरविंद मौर्य को पावर लिफ्टिंग का शौक ऐसा चढ़ा कि उन्होंने उम्र और बीमारी को ताक पर रखकर तैयारी शुरू कर दी और अब मास्टर पावरलिफ्टर चैंपियन के तौर पर जाने जाते हैं. डॉ. अरविंद मौर्य का कहना है कि लगातार जिम जाने के बाद उन्हें ऐसा लगता है कि जैसे उनके ब्लॉकेज खुल रहे हों.

sagar Retired Dr Arvind Maurya
12 साल पहले ही हो चुकी है बायपास सर्जरी

पहले जीती स्टेट चैंपियनशिप और अब बने नेशनल चैंपियन: डॉ. अरविंद मौर्य ने हाल ही में नेशनल चैंपियनशिप जीती है, लेकिन इसके पहले जबलपुर में आयोजित स्टेट चैंपियनशिप में अपना जौहर दिखा चुके हैं. उन्होंने जबलपुर में सितंबर माह में हुई स्टेट पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और मास्टर- 4 कैटेगरी में बेंच प्रेस में पहला स्थान और ओव्हर ऑल पावर लिफ्टिंग में उन्हें सिल्वर मेडल हासिल किया. स्टेट चैंपियनशिप में बेहतर प्रदर्शन के बाद डॉ. अरविंद मौर्य ने तय किया कि वह नेशनल पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगे और महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 16 जनवरी से 20 जनवरी तक आयोजित नेशनल पावर लिफ्टिंग बेंच प्रेस कंपटीशन में उन्होंने हिस्सा लिया और गोल्ड मेडल हासिल किया.

Retired Dr Arvind Maurya became National Champion
नेशनल चैंपियन बने रिटायर डॉक्टर अरविंद मौर्य

क्या कहना है डॉक्टर अरविंद मौर्य का: एक डॉक्टर के तौर पर अरविंद मौर्य की 74 साल की उम्र में जिम जाने की सलाह खतरनाक लगती है, लेकिन एक पावर लिफ्टर के तौर पर डॉक्टर मोर्य की सलाह बेशकीमती मालूम होती है. अरविंद मौर्य का कहना है कि ''किसी भी व्यक्ति को हमेशा सक्रिय रहना चाहिए और हमेशा अपने शरीर पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि शरीर ही उम्र के आखिरी पड़ाव तक साथ में जाता है. हम शरीर की केयर करेंगे और उसको चुस्त-दुरुस्त रखेंगे, तो शरीर भी हमारी केयर करेगा''.

डॉक्टर मौर्य युवाओं की प्रेरणा: डॉ अरविंद मौर्य के जिम ट्रेनर अनिमेष कहते हैं कि युवावस्था में जब लोग जिम की जगह दूसरी एक्टिविटी में ज्यादा फोकस करते हैं. अगर युवावस्था से ही जिम जाना शुरु कर दें, तो डॉ अरविंद मौर्य की उम्र में भी पावर लिफ्टिंग और वेट लिफ्टिंग कर सकते हैं. 74 साल की उम्र में बायपास सर्जरी के बाद पावर लिफ्टिंग करना बड़ी बात है, लेकिन डॉ. अरविंद मौर्य यह कारनामा कर के युवाओं के लिए नजीर बन गए हैं.

युवाओं के लिए मिसाल हैं डॉ अरविंद मौर्य

सागर। अगर हौसले बुलंद हो तो शारीरिक कमजोरी और बढ़ती उम्र किसी शौक और लक्ष्य के आड़े नहीं आती है. ऐसा ही एक कारनामा सागर के एक रिटायर डॉक्टर ने कर दिखाया है, जिनकी उम्र 74 साल है और 12 साल पहले उनकी बाईपास सर्जरी हो चुकी है. लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर उन्हें पावर लिफ्टिंग का शौक चढ़ा है. शौक सिर्फ करने का नहीं, बल्कि पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में भी हिस्सा लेने का जुनून सवार हो गया है और जुनून इस हद तक पहुंच गया है कि हाल ही में उन्होंने औरंगाबाद में आयोजित नेशनल बेंच प्रेस कंपटीशन में मास्टर कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता है. सागर के रिटायर डॉ. अरविंद मौर्य (Dr Arvind Maurya Sagar) ने यह कमाल करके दिखाया है. उनका कहना है कि ''हमें शरीर पर हमेशा ध्यान देना चाहिए. आखिर तक हमारा शरीर साथ रहता है, हम शरीर की केयर करेंगे, तो शरीर हमारी केयर करेगा''.

sagar Retired Dr Arvind Maurya
74 साल की उम्र में जीत ली नेशनल चैंपियनशिप

कौन है डॉक्टर मौर्य: डॉ. अरविंद मौर्य वैसे तो ग्वालियर के कंपू इलाके के रहने वाले हैं, लेकिन नौकरी के बाद सागर में बस गए. एक चिकित्सक के तौर पर स्वास्थ्य विभाग में भर्ती हुए डॉ. अरविंद मौर्य स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक के पद से रिटायर हुए हैं. डॉ. अरविंद मौर्य की पत्नी मालती मौर्य जिन का स्वर्गवास हो चुका है वह सागर जिले की खुरई विधानसभा से विधायक भी रही हैं. डॉ. अरविंद मौर्य फिलहाल सागर में मास्टर पावर लिफ्टर के तौर पर मशहूर हो रहे हैं. दरअसल बचपन से ही डॉ अरविंद मौर्य को कसरत का शौक था और वह अखाड़े जाकर कसरत किया करते थे, लेकिन पढ़ाई- लिखाई और फिर डॉक्टर बन जाने के बाद उनका यह शौक पूरा नहीं हो पाया. रिटायरमेंट के बाद डॉक्टर मौर्य ने अपने बचपन के शौक को पूरा करने की ठानी और उन्होंने जिम जाकर बॉडी बिल्डिंग की शुरुआत की. इसी दौरान उनकी मुलाकात सागर के ही मास्टर पावर लिफ्टर और भगवानदास कश्यप से हुई और उन्हीं की प्रेरणा से उन्होंने पावर लिफ्टर बनने की ठानी और आज मास्टर कैटेगरी के चैंपियन हैं.

Arvind Maurya won gold medal in power lifting
74 साल की उम्र में भी जिम जाते हैं डॉक्टर अरविंद मौर्य

Sagar Doctor जिंदादिल डॉक्टर बने युवाओं की मिसाल, बायपास सर्जरी के बाद भी 74 की उम्र में पावर लिफ्टिंग की दीवानगी

12 साल पहले ही हो चुकी है बायपास सर्जरी: जहां तक डॉक्टर अरविंद मौर्य की बात करें तो उनके मामले में पावर लिफ्टिंग का शौक इसलिए खास हो जाता है, क्योंकि 12 साल पहले 2010 में उनकी बाईपास सर्जरी हो चुकी है. सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने उन्हें हल्की-फुल्की कसरत और ज्यादा पैदल चलने की सलाह दी थी और उन्हें जिम जाने से रोका था. लेकिन डॉक्टर अरविंद मौर्य को पावर लिफ्टिंग का शौक ऐसा चढ़ा कि उन्होंने उम्र और बीमारी को ताक पर रखकर तैयारी शुरू कर दी और अब मास्टर पावरलिफ्टर चैंपियन के तौर पर जाने जाते हैं. डॉ. अरविंद मौर्य का कहना है कि लगातार जिम जाने के बाद उन्हें ऐसा लगता है कि जैसे उनके ब्लॉकेज खुल रहे हों.

sagar Retired Dr Arvind Maurya
12 साल पहले ही हो चुकी है बायपास सर्जरी

पहले जीती स्टेट चैंपियनशिप और अब बने नेशनल चैंपियन: डॉ. अरविंद मौर्य ने हाल ही में नेशनल चैंपियनशिप जीती है, लेकिन इसके पहले जबलपुर में आयोजित स्टेट चैंपियनशिप में अपना जौहर दिखा चुके हैं. उन्होंने जबलपुर में सितंबर माह में हुई स्टेट पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और मास्टर- 4 कैटेगरी में बेंच प्रेस में पहला स्थान और ओव्हर ऑल पावर लिफ्टिंग में उन्हें सिल्वर मेडल हासिल किया. स्टेट चैंपियनशिप में बेहतर प्रदर्शन के बाद डॉ. अरविंद मौर्य ने तय किया कि वह नेशनल पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगे और महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 16 जनवरी से 20 जनवरी तक आयोजित नेशनल पावर लिफ्टिंग बेंच प्रेस कंपटीशन में उन्होंने हिस्सा लिया और गोल्ड मेडल हासिल किया.

Retired Dr Arvind Maurya became National Champion
नेशनल चैंपियन बने रिटायर डॉक्टर अरविंद मौर्य

क्या कहना है डॉक्टर अरविंद मौर्य का: एक डॉक्टर के तौर पर अरविंद मौर्य की 74 साल की उम्र में जिम जाने की सलाह खतरनाक लगती है, लेकिन एक पावर लिफ्टर के तौर पर डॉक्टर मोर्य की सलाह बेशकीमती मालूम होती है. अरविंद मौर्य का कहना है कि ''किसी भी व्यक्ति को हमेशा सक्रिय रहना चाहिए और हमेशा अपने शरीर पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि शरीर ही उम्र के आखिरी पड़ाव तक साथ में जाता है. हम शरीर की केयर करेंगे और उसको चुस्त-दुरुस्त रखेंगे, तो शरीर भी हमारी केयर करेगा''.

डॉक्टर मौर्य युवाओं की प्रेरणा: डॉ अरविंद मौर्य के जिम ट्रेनर अनिमेष कहते हैं कि युवावस्था में जब लोग जिम की जगह दूसरी एक्टिविटी में ज्यादा फोकस करते हैं. अगर युवावस्था से ही जिम जाना शुरु कर दें, तो डॉ अरविंद मौर्य की उम्र में भी पावर लिफ्टिंग और वेट लिफ्टिंग कर सकते हैं. 74 साल की उम्र में बायपास सर्जरी के बाद पावर लिफ्टिंग करना बड़ी बात है, लेकिन डॉ. अरविंद मौर्य यह कारनामा कर के युवाओं के लिए नजीर बन गए हैं.

Last Updated : Feb 1, 2023, 10:44 AM IST
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