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Sagar Consumer Forum : सोनोग्राफी सेंटर ने गर्भवती महिला की गलत रिपोर्ट दी, उपभोक्ता फोरम ने ठोका एक लाख का जुर्माना

सागर जिला उपभोक्ता फोरम ने एक डायग्नोस्टिक सेंटर द्वारा गलत सोनोग्राफी रिपोर्ट दिए जाने के मामले में एक लाख का जुर्माना लगाया है. दरअसल, इस मामले में गर्भवती महिला सागर के राज डायग्नोस्टिक सेंटर पर सोनोग्राफी करने पहुंची थी. जिसकी रिपोर्ट में महिला के गर्भ में एक बच्चा होना बताया गया था. सोनोग्राफी कराने के तीसरे दिन महिला का गर्भपात हो गया.

Sagar Consumer Forum
सोनोग्राफी सेंटर ने गर्भवती की गलत रिपोर्ट दी, एक लाख का जुर्माना
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 13, 2023, 4:21 PM IST

सोनोग्राफी सेंटर ने गर्भवती की गलत रिपोर्ट दी, एक लाख का जुर्माना

सागर। गर्भपात के बाद रिपोर्ट में सामने आया कि महिला की गर्भ में एक नहीं, दो भ्रूण थे. जिनमें एक नर और एक मादा था. इस आधार पर महिला ने उपभोक्ता फोरम में मामला दर्ज किया और फिर फोरम ने यह फैसला दिया है. कैंट थाना इलाके के आम खुर्द गांव के रहने वाले सोमेश यादव की पत्नी रोशनी यादव को गर्भावस्था के दौरान इलाज के लिए लाया गया. जहां डॉ. ए नरेला ने राज डायग्नोस्टिक सेंटर से सोनोग्राफी करने की सलाह दी थी और डॉक्टर की सलाह पर 6 अप्रैल 2019 को 1 हजार रुपए फीस जमा करके रोशनी यादव ने सोनोग्राफी कराई. सोनोग्राफी की जांच रिपोर्ट डॉ. राजेंद्र जैन ने तैयार की थी. जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख था कि रोशनी यादव के गर्भ में एक ही बच्चा पल रहा है.

गलत रिपोर्ट पर ट्रीटमेंट : इस रिपोर्ट के आधार पर डॉ. ए नरेला और सहयोगी डॉक्टर द्वारा रोशनी यादव का उपचार किया गया और दवाइयां लिखकर दीं. जिसका सेवन रोशनी यादव ने नियमित रूप से किया, लेकिन 2 दिन बाद ही रोशनी के लिए अत्यधिक पीड़ा होने लगी और 9 अप्रैल को रोशनी यादव अपने पति के साथ प्रसूतिका सेंटर पहुंची, जहां इलाज के बाद उन्हें भर्ती कर लिया गया और रोशनी यादव का गर्भपात हो गया. गर्भपात के बाद सागर प्रसूतिका गृह की रिपोर्ट में बताया गया कि रोशनी यादव के गर्भ में एक नहीं दो बच्चे पल रहे थे. गलत रिपोर्ट के आधार पर रोशनी यादव के पति सोमेश यादव ने राज डायग्नोस्टिक सेंटर के खिलाफ परिवार दायर किया और करीब 4 साल बाद मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने फैसला दिया है.

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ये है फैसला : सागर जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष ऋषभ कुमार सिंघई , श्रीमती अनुभा वर्मा सदस्य और राजेश कुमार ताम्रकार सदस्य के समक्ष के पेश किया गया. मामले में उपभोक्ता फोरम ने परिवादी रोशनी यादव के लिए एक लाख रुपए क्षतिपूर्ति का आदेश दिया है. रोशनी यादव की तरफ से वकील रुपेश सोनी द्वारा पैरवी की गयी. अदालत ने माना कि एक गलत रिपोर्ट के कारण परिवादी का इलाज सही तरीके से नहीं हो पाया और गर्भवती महिला का गर्भपात हो गया. इसलिए हर्जना देना होगा.

सोनोग्राफी सेंटर ने गर्भवती की गलत रिपोर्ट दी, एक लाख का जुर्माना

सागर। गर्भपात के बाद रिपोर्ट में सामने आया कि महिला की गर्भ में एक नहीं, दो भ्रूण थे. जिनमें एक नर और एक मादा था. इस आधार पर महिला ने उपभोक्ता फोरम में मामला दर्ज किया और फिर फोरम ने यह फैसला दिया है. कैंट थाना इलाके के आम खुर्द गांव के रहने वाले सोमेश यादव की पत्नी रोशनी यादव को गर्भावस्था के दौरान इलाज के लिए लाया गया. जहां डॉ. ए नरेला ने राज डायग्नोस्टिक सेंटर से सोनोग्राफी करने की सलाह दी थी और डॉक्टर की सलाह पर 6 अप्रैल 2019 को 1 हजार रुपए फीस जमा करके रोशनी यादव ने सोनोग्राफी कराई. सोनोग्राफी की जांच रिपोर्ट डॉ. राजेंद्र जैन ने तैयार की थी. जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख था कि रोशनी यादव के गर्भ में एक ही बच्चा पल रहा है.

गलत रिपोर्ट पर ट्रीटमेंट : इस रिपोर्ट के आधार पर डॉ. ए नरेला और सहयोगी डॉक्टर द्वारा रोशनी यादव का उपचार किया गया और दवाइयां लिखकर दीं. जिसका सेवन रोशनी यादव ने नियमित रूप से किया, लेकिन 2 दिन बाद ही रोशनी के लिए अत्यधिक पीड़ा होने लगी और 9 अप्रैल को रोशनी यादव अपने पति के साथ प्रसूतिका सेंटर पहुंची, जहां इलाज के बाद उन्हें भर्ती कर लिया गया और रोशनी यादव का गर्भपात हो गया. गर्भपात के बाद सागर प्रसूतिका गृह की रिपोर्ट में बताया गया कि रोशनी यादव के गर्भ में एक नहीं दो बच्चे पल रहे थे. गलत रिपोर्ट के आधार पर रोशनी यादव के पति सोमेश यादव ने राज डायग्नोस्टिक सेंटर के खिलाफ परिवार दायर किया और करीब 4 साल बाद मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने फैसला दिया है.

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ये है फैसला : सागर जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष ऋषभ कुमार सिंघई , श्रीमती अनुभा वर्मा सदस्य और राजेश कुमार ताम्रकार सदस्य के समक्ष के पेश किया गया. मामले में उपभोक्ता फोरम ने परिवादी रोशनी यादव के लिए एक लाख रुपए क्षतिपूर्ति का आदेश दिया है. रोशनी यादव की तरफ से वकील रुपेश सोनी द्वारा पैरवी की गयी. अदालत ने माना कि एक गलत रिपोर्ट के कारण परिवादी का इलाज सही तरीके से नहीं हो पाया और गर्भवती महिला का गर्भपात हो गया. इसलिए हर्जना देना होगा.

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