सागर। बुंदेलखंड के पन्ना टाइगर रिजर्व का बहुत बड़ा हिस्सा केन बेतवा लिंक के कारण डूब में जा रहा है. इसलिए पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघों को धीरे-धीरे नौरादेही टाइगर रिजर्व ट्रांसफर करने की तैयारी है. फिलहाल टाइगर रिजर्व बनने के बाद पहली बार नए साल के जश्न के लिए कई तैयारियां टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने की है. इसी साल 20 सितम्बर 2023 को अस्तित्व में आए रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व यानी नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य अब चर्चा में है. दमोह जिले के दुर्गावती वन्य जीव अभ्यारण को मिलाकर रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के नाम से अधिसूचना जारी कर दी है. वन्यजीव अभ्यारण्य के बाद इस इलाके को टाइगर रिजर्व की तरह विकसित किया जा रहा है. खास बात ये है कि ये टाइगर रिजर्व सागर, दमोह और नगसिंहपुर जिले में एक त्रिकोण के आकार में फैला है. वहीं टाइगर रिजर्व का ईको सेंसटिव जोन जबलपुर की सीमा को भी छूता है. Nauradehi Tiger Reserve
क्या खास है टाइगर रिजर्व में : टाइगर रिजर्व में टाइगर के अलावा नीलगाय, चीतल, सांभर, चिंकारा, काला हिरण और लंगूर के अलावा रेप्टाइल में कछुआ, छिपकली, मगरमच्छ और कई प्रजाति के सांप देखने मिलेंगे. यहां दुर्लभ पक्षियों में स्पॉटेड ग्रे कीपर के अलावा बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं. जिनमें गिद्ध, किंगफिशर, पेटेंड, ग्रे हेरान और काफी संख्या में हिमालयन ग्रिफन के अलावा पैट्रिज और कबूतर भी मिलते हैं. यहां पैंथर, भारतीय भेड़िया, जंगली कुत्ता, ग्रे फॉक्स, हाइना और स्लॉथ बियर आसानी से देखने मिल जाते हैं. Nauradehi Tiger Reserve
बाघों की संख्या पहुंची 19 : नौरादेही टाइगर रिजर्व बनने के पहले बाघों की संख्या 15 पहुंच चुकी थी और अब 19 हो गयी है. टाइगर रिजर्व बनने के बाद पिछले दिनों एक बाघिन ने चार शावकों को जन्म दिया. मदर आफ नौरादेही कही जाने वाली बाघिन राधा की बेटी N-112 ने चार शावकों को जन्म दिया है. गौरतलब है कि नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य में 2011 तक बाघ थे, लेकिन फिर विलुप्त हो गए थे. ऐसे में 2018 में राष्ट्रीय बाघ परियोजना के अंतर्गत नौरादेही बाघिन राधा और बाघ किशन को बसाया गया। नौरादेही के माहौल में रच बस जाने के बाद बाघ किशन से बाघिन राधा ने पहली बार तीन शावकों को जन्म दिया था. जिनमें दो मादा और एक नर था. अब राधा और किशन की बेटी N-112 ने चार शावकों को जन्म दिया है. Nauradehi Tiger Reserve
न्यू ईयर पर प्रवासी पक्षी बड़ा आकर्षण : नौरादेही की बात करें तो यहां बाघों के अलावा सबसे बड़ा आकर्षण प्रवासी पक्षियों का होता है. क्योंकि काफी बड़े क्षेत्रफल के साथ विशाल जंगल और जलस्त्रोत के कारण काफी लंबे समय से यहां प्रवासी पक्षी 3 हजार किलोमीटर तक का सफर तय करके पहुंचते हैं. इस बार काफी संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं. यूरोप और दक्षिण अफ्रीका में बर्फवारी का सीजन है तो वहां के पक्षी यहां आ चुके हैं. छेवला तालाब और जमरासीखेडा तालाब और ब्यारमा और बमनेर नदी में आसानी से देखने मिल जाएंगे. हिमालयन ग्रिफन नौरादेही में लंबे समय से सर्दी के मौसम में देखे जाते हैं. लेकिन इस बार काफी तादाद में यहां पहुंचे हैं. हरियाणा में पायी जाने वाला वुली नेक्ड स्टार्क भी देखा जा रहा है. इसके अलावा पेंटेड स्टार्क ( सारस) अपने परिवार के साथ नौरादेही पहुंचे हैं. इसके साथ ही ब्लैक स्टार्क अपने प्रजनन काल के हिसाब से काफी संख्या में पहुंचे हैं. इन्होंने तालाब और नदी किनारों के पेड़ों को ठिकाना बनाया है. Nauradehi Tiger Reserve
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क्या सुविधाएं मिलेंगी पर्यटकों को : नौरादेही टाइगर रिजर्व के उप संचालक डा.एए अंसारी बताते हैं कि फिलहाल नौरादेही में हमारे जलाशय छेवला और जगरासी हैं. इसके अलावा ब्यारमा और बामनेर नदी हैं. यहां काफी प्रवासी पक्षी आते हैं. यहां कई तरह के बत्तख, पेटेंड स्टार्क और ग्रे हेरान हैं. इसके अलावा इस बार हमारे यहां हिमालयन ग्रेफान है, जो काफी संख्या में है. इस समय पर प्रवासी पक्षी पर्यटकों को विशेष आकर्षण है. निश्चित तौर पर लोगों को नया उत्साह है कि हम टाइगर रिजर्व में घूमने जा रहे हैं. नौरादेही प्रबंधन और पर्यटकों दोनों में उत्साह है. रोडों की मरम्मत करा ली है. जो सफारी के लिए जिप्सी रजिस्टर्ड हैं, वह पूरी क्षमता के साथ चल रही हैं. धीरे-धीरे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इस बार पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिए घूमने की फीस कम कर दी गयी है. हमारी कोशिश है कि यहां पर्यटन बढे़ और पर्यटन बढ़ने से इस इलाके का विकास होगा.