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भागवत के बयान का ब्राह्मण संगठनों ने किया विरोध, कहा-देश में आग लगाने का ना करें काम

संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा जाति वर्ण पर दिए गए बयान के बाद तूफान उठ गया है. देश में जगह-जगह ब्राह्मण समाज उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने पर उतर आया है.

Sagar News
आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत
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Published : Feb 7, 2023, 11:07 PM IST

भागवत के बयान का ब्राह्मण संगठनों ने किया विरोध

सागर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के जातीय व्यवस्था को लेकर दिए गए बयान पर बवाल मच गया है. ब्राह्मण संगठनों ने उनके बयान पर सवाल खड़े किए हैं और कड़ी निंदा की है. ब्राह्मण संगठनों ने मोहन भागवत से मांग की है कि वह अपना बयान वापस लें और देश में आग लगाने का काम ना करें. संगठनों का कहना है कि उनके इस बयान से माहौल बिगड़ रहा है. अब ब्राह्मणों को भी सोचना होगा कि किसके साथ जाएं और क्या करें.

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मोहन भागवत ने दिया ये बयान: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मुंबई में रविदास जयंती के एक कार्यक्रम में जातीय व्यवस्था को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा कि जाति भगवान ने नहीं बनाई है बल्कि पंडितों ने बनाई है. उन्होंने कहा कि भगवान ने हमेशा कहा है कि मेरे लिए सभी एक हैं, लेकिन पंडितों ने जातियां बनाई हैं जो कि गलत था. उन्होंने कहा कि देश में चेतना और विवेक सब एक है मत भले अलग अलग हैं.मोहन भागवत ने कहा कि इसका फायदा दूसरों ने उठाया और हमारे देश पर आक्रमण हुए.

ब्राह्मण समाज ने की बयान की कड़ी निंदा: ब्राह्मण समाज कल्याण महासभा के अध्यक्ष प्रदीप दुबे का कहना है कि आरएसएस प्रमुख भागवत के द्वारा ब्राह्मणों के खिलाफ जो बयान दिया गया है.उसको लेकर ब्राह्मणों ने नाराजगी जताई है.ब्राह्मण समाज कल्याण महासभा बयान की कड़ी निंदा करती है. हम मानते हैं कि चुनावी राजनीति को ध्यान में रखकर भागवत ने जो बयान दिया है, वह निश्चित तौर पर इनके सहयोगी संगठनों के लिए नुकसान का सौदा तो हो गया है और अब ब्राह्मण समाज भी निर्णय करने के लिए बाध्य हो गया है कि हमें किस तरफ जाना है और क्या निर्णय लेना है. पहले मुरलीधर राव ने ब्राह्मणों को पॉकेट में रखने की बात बोली थी. अब भागवत आरोप लगा रहे हैं कि जातीय व्यवस्था ब्राह्मणों ने बनाई है. इस तरह के बयान ब्राह्मण समाज को आहत करने वाले हैं.

Shankaracharya statement on Mohan Bhagwat: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का बयान

देश को आग में धकेलने का काम किया मोहन भागवत: पुजारी और विद्वत संघ के अध्यक्ष पंडित शिव प्रसाद तिवारी कहते हैं कि जहां तक आरएसएस को मैं जानता हूं कि हिंदुत्व के लिए काम करते हैं, लेकिन उनका यह बयान बीजेपी के लिए घाटे का सौदा होगा. मोहन भागवत का जो बयान है, तो वह स्पष्ट करें कि यह बात कहां से आ रही है कि ब्राह्मणों ने जातियों को बांटा है. ब्राह्मणों ने कभी जातियों को बांटने का नाम नहीं किया है. वेद किसी ब्राह्मण ने नहीं लिखे हैं, बल्कि आर्यों ने लिखे हैं. प्राचीन वेद ऋग्वेद में लिखा है कि ब्राह्मणों की उत्पत्ति मुख, क्षत्रियों की भुजाओं, वैश्य की पेट और शूद्रों की चरणों से उत्पत्ति हुई है. यह व्यवस्था वेदों में बताई गई है और वेद आर्यों ने लिखे हैं, जो बाहर से आए थे. पंडित शिव प्रसाद तिवारी कहते हैं कि मोहन भागवत से मैं यह कहना चाहता हूं कि कृपा करके अपने दिमाग पर जोर डालिए. क्या आप ब्राह्मणों को मुस्लिम बनाने की तरफ अग्रसर कर रहे हैं या मूर्ति पूजा के भी विरोधी हैं. एक तरफ तो राम मंदिर के लिए अड़े रहे, दूसरी तरफ मूर्ति पूजा भी ब्राह्मणों की देन है. कल कहेंगे कि दुनिया ब्राह्मणों ने बनाई है.

भागवत के बयान का ब्राह्मण संगठनों ने किया विरोध

सागर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के जातीय व्यवस्था को लेकर दिए गए बयान पर बवाल मच गया है. ब्राह्मण संगठनों ने उनके बयान पर सवाल खड़े किए हैं और कड़ी निंदा की है. ब्राह्मण संगठनों ने मोहन भागवत से मांग की है कि वह अपना बयान वापस लें और देश में आग लगाने का काम ना करें. संगठनों का कहना है कि उनके इस बयान से माहौल बिगड़ रहा है. अब ब्राह्मणों को भी सोचना होगा कि किसके साथ जाएं और क्या करें.

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मोहन भागवत ने दिया ये बयान: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मुंबई में रविदास जयंती के एक कार्यक्रम में जातीय व्यवस्था को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा कि जाति भगवान ने नहीं बनाई है बल्कि पंडितों ने बनाई है. उन्होंने कहा कि भगवान ने हमेशा कहा है कि मेरे लिए सभी एक हैं, लेकिन पंडितों ने जातियां बनाई हैं जो कि गलत था. उन्होंने कहा कि देश में चेतना और विवेक सब एक है मत भले अलग अलग हैं.मोहन भागवत ने कहा कि इसका फायदा दूसरों ने उठाया और हमारे देश पर आक्रमण हुए.

ब्राह्मण समाज ने की बयान की कड़ी निंदा: ब्राह्मण समाज कल्याण महासभा के अध्यक्ष प्रदीप दुबे का कहना है कि आरएसएस प्रमुख भागवत के द्वारा ब्राह्मणों के खिलाफ जो बयान दिया गया है.उसको लेकर ब्राह्मणों ने नाराजगी जताई है.ब्राह्मण समाज कल्याण महासभा बयान की कड़ी निंदा करती है. हम मानते हैं कि चुनावी राजनीति को ध्यान में रखकर भागवत ने जो बयान दिया है, वह निश्चित तौर पर इनके सहयोगी संगठनों के लिए नुकसान का सौदा तो हो गया है और अब ब्राह्मण समाज भी निर्णय करने के लिए बाध्य हो गया है कि हमें किस तरफ जाना है और क्या निर्णय लेना है. पहले मुरलीधर राव ने ब्राह्मणों को पॉकेट में रखने की बात बोली थी. अब भागवत आरोप लगा रहे हैं कि जातीय व्यवस्था ब्राह्मणों ने बनाई है. इस तरह के बयान ब्राह्मण समाज को आहत करने वाले हैं.

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देश को आग में धकेलने का काम किया मोहन भागवत: पुजारी और विद्वत संघ के अध्यक्ष पंडित शिव प्रसाद तिवारी कहते हैं कि जहां तक आरएसएस को मैं जानता हूं कि हिंदुत्व के लिए काम करते हैं, लेकिन उनका यह बयान बीजेपी के लिए घाटे का सौदा होगा. मोहन भागवत का जो बयान है, तो वह स्पष्ट करें कि यह बात कहां से आ रही है कि ब्राह्मणों ने जातियों को बांटा है. ब्राह्मणों ने कभी जातियों को बांटने का नाम नहीं किया है. वेद किसी ब्राह्मण ने नहीं लिखे हैं, बल्कि आर्यों ने लिखे हैं. प्राचीन वेद ऋग्वेद में लिखा है कि ब्राह्मणों की उत्पत्ति मुख, क्षत्रियों की भुजाओं, वैश्य की पेट और शूद्रों की चरणों से उत्पत्ति हुई है. यह व्यवस्था वेदों में बताई गई है और वेद आर्यों ने लिखे हैं, जो बाहर से आए थे. पंडित शिव प्रसाद तिवारी कहते हैं कि मोहन भागवत से मैं यह कहना चाहता हूं कि कृपा करके अपने दिमाग पर जोर डालिए. क्या आप ब्राह्मणों को मुस्लिम बनाने की तरफ अग्रसर कर रहे हैं या मूर्ति पूजा के भी विरोधी हैं. एक तरफ तो राम मंदिर के लिए अड़े रहे, दूसरी तरफ मूर्ति पूजा भी ब्राह्मणों की देन है. कल कहेंगे कि दुनिया ब्राह्मणों ने बनाई है.

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