सागर। जिला अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एक डॉक्टर का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इसमें डॉक्टर इलाज करने पहुंचे घायल युवक को चिल्लाते हुए गाली दे रहे हैं और कह रहे हैं कि मुझे नेतागिरी से डर नहीं लगता. किसी को भी फोन लगवा लो, चाहे प्रधानमंत्री का फोन लगवा लो, कोई फर्क नहीं पड़ता है. बताया जा रहा है कि वायरल वीडियो 18 नवंबर का है.
जब गढ़ाकोटा में रहली की कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति पटेल के काफिले पर हमला हुआ था. इसमें कुछ लोग घायल हो गए थे. घायल युवक इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचे थे. जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर हेमंत कोष्ठी को ज्योति पटेल ने फोन लगा दिया और इसी बात पर डॉक्टर आग बबूला हो गए.
क्या है मामला: सागर जिले की रहली विधानसभा के गढ़ाकोटा में मतदान के दूसरे दिन हुए विवाद में घायल हुए युवक इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचे थे. जहां मौजूद डॉक्टर हेमंत कोष्ठी ने ना सिर्फ घायल युवकों से जमकर गालीगलौज की, बल्कि ये तक कह डाला कि प्रधानमंत्री का भी फोन लगवा लो.. यह वीडियो सोशल जमकर वायरल हो रहा है.
क्या है वीडियो में: वीडियो में जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर हेमन्त कोष्ठी गढ़ाकोटा में मारपीट में घायल युवकों से ड्यूटी के दौरान गालीगलौज कर रहे हैं. दरअसल इन घायलों के इलाज के लिए कांग्रेस नेता ज्योति पटेल ने डॉक्टर को फोन लगा दिया था. इसी पर आग बबूला डॉक्टर ने युवकों पर चिल्लाते हुए कहा कि तमीज से बात करो... नेतागिरी मत दिखाओ.. नहीं तो सब भूल जाओगे. नेतागिरी में मुझे किसी से फोन मत लगाओ ....जिसे बोलना है बोल दो.
जब घायल युवक ने कहा कि फोन किसी से नहीं लगवाए तो डॉक्टर चिल्लाते हुए कहने लगे कि ज्योति पटेल से फोन किसने लगवाया. पहले यहां आकर बात करो फिर बाद में फोन लगाना. मुझे नेतागिरी से कोई फर्क नहीं पड़ता, चाहे तो प्रधानमंत्री से फोन लगवा दो. इसके बाद डॉक्टर गुस्से में गालियां बकने लगते हैं. बताया जा रहा है कि घायल युवक ज्योति पटेल का भाई है.
क्या कहना है जिम्मेदार अधिकारी का: इस मामले में सागर सीएमएचओ डॉ ममता तिमोरी का कहना है कि घटना की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली है. इस मामले में सिविल सर्जन को जांच के लिए कहा है और मैंने भी नोटिस जारी कर कारण पूछा है. संबंधित डॉक्टर का पक्ष आने के बाद नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी. जहां तक डॉक्टर के व्यवहार का सवाल है, तो जनप्रतिनिधियों के बारे में इस तरह की बातचीत कतई नहीं करना चाहिए. नोटिस का जवाब देने के बाद कार्रवाई की जाएगी कि इस तरह क्यों डॉक्टर ने प्रतिक्रिया व्यक्त की.