सागर। नगर निगम परिषद की साधारण सम्मेलन के एजेंडे के तहत शहर में संचालित 8 शौचालयों के संचालन/संधारण के कार्य को, जोकि 31 मार्च को समाप्त हो रहा है, उसे एक वर्ष की अवधि बढ़ाने के एमआईसी का प्रस्ताव रखा गया. जिस पर अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार ने आपत्ति लगाते हुए अपनी बात रखी. जिस पर सांसद प्रतिनिधि और महापौर पति सुशील तिवारी सहित पार्षद अनूप उर्मिल, हेमंत यादव, शैलेंद्र ठाकुर आदि ने अपनी बात रखी. करीब 20 मिनिट तक परिषद में इस बात को लेकर जमकर बहस हुई. आखिरकार पार्षदों के बहुमत के बाद प्रस्ताव पारित कर दिया गया. नगर निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार से बात की गई तो उनका कहना था कि कुछ मुद्दों पर चर्चा की गई थी. इस मामले में कुछ शर्तों के साथ प्रस्ताव पारित किया गया.
पेयजल पाइप लाइन को लेकर हंगामा : परिषद की बैठक में टाटा कंपनी द्वारा बिछाई जा रही वाटर सप्लाई के काम को लेकर सदस्यों ने जमकर नाराजगी जाहिर की. जिस पर अध्यक्ष ने व्यवस्था दी कि अब अगर शहर में पेयजल लाइन के कार्य में कोई कमी सामने आयी तो ठेकेदार कंपनी टाटा नहीं बल्कि एमपीयूडीसी और टीसीए के शासकीय कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रस्ताव शासन को भेजा जायेगा. सम्मेलन में नेता प्रतिपक्ष बब्बू यादव सहित कांग्रेस पार्षद रिचा सिंह के अलावा याकृति जडिय़ा, रूबी पटैल, रोमा हसानी आदि ने भी टाटा कंपनी द्वारा किए जा रहे कार्यों पर गंभीर सवाल खड़े किए. इस दौरान शहर में पाइप लाइन लीकेजों के मामले में निगम के ईई विजय दुबे ने बताया कि 350 लीकेज चिह्नित हुए थे, जिनमें से करीब 200 लीकेज सुधारे जा चुके हैं. जिस पर पार्षदों ने सवाल उठाए कि बाकी 150 लीकेज कब तक सुधारे जाएंगे.
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नगर निगम मार्केट में अतिक्रमण की होगी जांच : बैठक में नगर निगम मार्केट और निगम की अन्य दुकानों का किराया बढ़ाए जाने के प्रस्ताव पर पार्षदों ने बख्शीखाना सहित गुजराती बाजार स्थित निगम मार्केट में दुकानदारों द्वारा किए अतिक्रमण का मसला उठाया. मामले में सहायक आयुक्त राजेश सिंह ने कहा कि पूर्व की निगम परिषदों द्वारा बख्शीखाना सहित अन्य निगम के क्षेत्र में दुकानों का आवंटन किया गया. इस मामले में वृहद जांच की जरूरत है. मसले पर याकृति जड़िया ने भी अपनी बात रखी तो सांसद प्रतिनिधि और महापौर पति सुशील तिवारी ने राजस्व के लिए किराया बढ़ाने का समर्थन करते हुए कहा कि जहां भी अतिक्रमण है, उसे परिषद की सहमति से तोड़ा जाए. इस विषय पर अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार ने पांच सदस्यीय समिति के गठन की बात कही, जिसे परिषद ने स्वीकार किया.