सागर। नगर निगम सागर के प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए जिला कलेक्टर दीपक आर्य ने आदेश कर दिए हैं कि एक अप्रैल से सागर शहर गौ विचरण मुक्त शहर होगा और शहर की सीमा में कोई भी गोवंश का प्राणी देखे जाने पर धारा 144 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. कलेक्टर के आदेश में डेयरी संचालकों को 31 मार्च तक विस्थापन स्थल पर पहुंचने के लिए कहा गया है. एक अप्रैल से विस्थापित ना होने पर डेयरी संचालकों को प्रशासन भी सख्त कार्रवाई का शिकार होना पड़ेगा.
कलेक्टर का आदेश: 17 मार्च को सागर नगर निगम की साधारण सभा की बैठक बुलाई गई थी. बैठक में प्रस्ताव पर मुहर लगी थी कि 31 मार्च तक स्मार्ट सिटी मिशन द्वारा तैयार की गई डेयरी पर शहर के डेयरी संचालकों को विस्थापित किया जाए. नगर निगम के प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए जिला कलेक्टर ने 1 अप्रैल से सागर शहर को गौ विचरण मुक्त शहर घोषित कर दिया है और डेयरी संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह 31 मार्च तक अपने गौ वंश को लेकर डेरी विस्थापन स्थापन पर पहुंच जाएं नहीं तो उसके बाद उन पर धारा 144 के अंतर्गत सख्त कार्रवाई की जाएगी. कलेक्टर दीपक आर्य ने नगर निगम सागर की परिषद की बैठक के प्रस्ताव पर आदेश जारी करते हुए सभी डेयरी संचालकों को निर्देश दिए हैं.
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डेयरी संचालकों की मनमानी: सागर शहर के अंदर संचालित डेयरियों को शहर से बाहर विस्थापित करने के लिए नगर निगम ने रतौना में डेयरी विस्थापन के लिए समस्त सुविधाएं मुहैया कराई है और डेयरी संचालकों को उनकी मांग के अनुसार प्लाट भी आवंटित किए जा रहे है. कलेक्टर दीपक आर्य का कहना है कि सागर नगर निगम द्वारा डेयरी संचालकों को जरूरी समस्त सुविधाएं डेयरी विस्थापन स्थल पर मुहैया कराई गई है. डेयरी विस्थापन स्थल का दौरा करने के बाद जो भी समस्याएं पशुपालकों ने बताई थी, उन समस्याओं का निराकरण किया जा चुका है. ऐसी स्थिति के बाद भी कोई डेयरी संचालक 31 मार्च तक डेयरी विस्थापन स्थल पर विस्थापित नहीं होता है, तो संबंधित के खिलाफ 144 धारा के तहत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
मिल्क कलेक्शन सेंटर भी विस्थापित: जिला कलेक्टर ने आदेश में कहा है कि अभी भी जिन डेयरी संचालकों ने प्लाट आवंटन नहीं कराया है, वे तत्काल नगर निगम कार्यालय में जाकर प्लाट आवंटन कराएं और विस्थापित स्थल पर अपने गोवंश को ले जाएं. उन्होंने बताया कि डेयरी संचालकों की सुविधा के लिए बुंदेलखंड डेयरी संघ के द्वारा दूध कलेक्शन सेंटर भी तैयार किया गया है, जो प्रतिदिन उनका दूध कलेक्ट करेगा. इसी प्रकार गोवंश के लिए आहार की व्यवस्था भी की गई है.