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Sagar News: कानपुर-झांसी डिफेंस कॉरिडोर,सागर से जबलपुर तक बढ़ेगा, रघु ठाकुर की मांग पर पीएमओ हुआ सक्रिय - सागर न्यूज

कानपुर-झांसी डिफेंस कॉरिडोर को सागर से जबलपुर तक बढ़ाने की मांग पर पीएम कार्यालय ने अधिक जानकारी मांगी है. दरअसल बुंदेलखंड में विकास के लिए रघु ठाकुर ने जंतर-मंतर पर धरना देकर बुंदेलखंड के लिए विभिन्न तरह की मांग रखी थी. जिसमें डिफेंस कॉरिडोर भी प्रमुख था.

Bundelkhand raghu thakur
सागर से डिफेंस कॉरिडोर का विस्तार
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Published : Feb 27, 2023, 3:33 PM IST

Updated : Feb 27, 2023, 6:07 PM IST

सागर से डिफेंस कॉरिडोर का विस्तार

सागर। बुंदेलखंड नागरिक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले लंबे समय से बुंदेलखंड के विकास के लिए लड़ाई लड़ते आ रहे समाजवादी नेता रघु ठाकुर की पहल पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने सक्रियता दिखाई है. रघु ठाकुर ने हाल ही में 20 फरवरी को दिल्ली में जंतर-मंतर पर बुंदेलखंड के विकास से जुड़ी कई मांगों को लेकर धरना दिया था. जिसमें बुंदेलखंड की कई मांगों सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में घोषित किए गए कानपुर-झांसी डिफेंस कॉरिडोर को झांसी से ललितपुर से सागर होते हुए जबलपुर तक बढ़ाने की मांग की गई थी. खास बात यह है कि पीएमओ ने डिफेंस कॉरिडोर के विस्तार की मांग पर रघु ठाकुर को फोन कर उनके प्रस्ताव पर और भी जानकारी मांगी है. रघु ठाकुर का मानना है कि प्रधानमंत्री कार्यालय की पहल को एक सकारात्मक उम्मीद के रूप में देखा जा सकता है.

बुंदेलखंड के लिए आंदोलन: बुंदेलखंड नागरिक संघर्ष मोर्चा द्वारा जंतर-मंतर पर 20 फरवरी को एक दिवसीय धरना दिया था. इस मौके पर मोर्चा संरक्षक रघु ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा था कि मैं भारत सरकार से पूछना चाहता हूं, क्या बुंदेलखंड अंचल पाकिस्तान का हिस्सा है? उन्होंने कहा कि कई सालों से मोर्चा बुंदेलखंड के विकास के लिए संघर्ष कर रहा है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इन मांगो पर ध्यान नहीं दिया. रेल यातायात सबसे सस्ता माध्यम है और देश को जोड़ने का साधन भी है. उन्होंने कहा कि पूरे बुंदेलखंड में ब्रिटिशकाल को मिलाकर लगभग 500 किमी रेल लाइन हैं. ममता बनर्जी के रेलमंत्री रहते हुए 6 रेल लाइन मंजूर हुई थी, लेकिन क्षेत्र की मंजूर रेल लाइनों पर अब अभी तक काम शुरू नहीं हुआ.

बुंदेलखंड में पर्यटन: रघु ठाकुर ने कहा कि बुंदेलखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. कई ऐसे ऐतिहासिक मंदिर हैं जिनका प्राचीन इतिहास से सीधा संबंध है. बुंदेलखंड के दो महान सपूत डॉक्टर सर हरि सिंह गौर एवं मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिया जाना चाहिए. सागर एवं ललितपुर में राजकीय विश्वविद्यालय खोले जाने की मांग की एवं मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश को जोड़कर बुंदेलखण्ड सिंचाई विकास निगम बनाने की मांग भी की. इसके अलावा प्रमुख मांग यह थी कि जो हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कानपुर झांसी डिफेंस कॉरिडोर की घोषणा की है. उसका विस्तार मध्यप्रदेश के सागर होकर जबलपुर तक किया जाए, क्योंकि यह सेना के दो बड़े क्षेत्र हैं.

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डिफेंस कॉरिडोर: समाजवादी नेता रघु ठाकुर ने कहा है कि जनवरी में भारत के प्रधानमंत्री ने डिफेंस कॉरिडोर की घोषणा की थी और उसका उद्घाटन किया था उसे कानपुर से ललितपुर तक बढ़ाने की बात कही थी. डिफेंस कॉरिडोर बनने के कई अच्छे पक्ष होते हैं. एक तो यह होता है कि जब डिफेंस कॉरिडोर बनता है, तो उस इलाके में डिफेंस के बड़े-बड़े कारखाने आते हैं. वहां सेना से संबंधित वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है और जिन शहरों में डिफेंस कॉरिडोर होता है, उन्हें आपस में जोड़ा जाता है. हम लोगों ने प्रधानमंत्री से मांग की थी कि डिफेंस कॉरिडोर झांसी से बढ़ाकर ललितपुर और सागर होते हुए जबलपुर तक विस्तार किया जाए.

रक्षा उत्पादन का बड़ा केंद्र: रघु ने कहा कि जबलपुर हमारे यहां रक्षा उत्पादन का बड़ा केंद्र है. भारत सरकार की योजना है कि रक्षा उत्पादन में निर्भरता लाई जाए. इस योजना के तहत जबलपुर का बहुत बड़ा योगदान है. सागर में बहुत बड़ी छावनी हैं और यह सेना का बहुत बड़ा केंद्र है. रघु ने कहा कि हम प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हैं कि उनके कार्यालय से हमसे डिफेंस कॉरिडोर के मामले में पूंछतांछ हुई है और पीएमओ ने कुछ और जानकारी हम से मंगाई है. पूर्ण आश्वासन का सहयोग दिया है और हम मानते हैं कि यह एक अच्छी पहल हुई है और हमें उम्मीद है कि हमारी मांग पर सकारात्मकता से निर्णय लिया जाएगा.

सागर से डिफेंस कॉरिडोर का विस्तार

सागर। बुंदेलखंड नागरिक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले लंबे समय से बुंदेलखंड के विकास के लिए लड़ाई लड़ते आ रहे समाजवादी नेता रघु ठाकुर की पहल पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने सक्रियता दिखाई है. रघु ठाकुर ने हाल ही में 20 फरवरी को दिल्ली में जंतर-मंतर पर बुंदेलखंड के विकास से जुड़ी कई मांगों को लेकर धरना दिया था. जिसमें बुंदेलखंड की कई मांगों सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में घोषित किए गए कानपुर-झांसी डिफेंस कॉरिडोर को झांसी से ललितपुर से सागर होते हुए जबलपुर तक बढ़ाने की मांग की गई थी. खास बात यह है कि पीएमओ ने डिफेंस कॉरिडोर के विस्तार की मांग पर रघु ठाकुर को फोन कर उनके प्रस्ताव पर और भी जानकारी मांगी है. रघु ठाकुर का मानना है कि प्रधानमंत्री कार्यालय की पहल को एक सकारात्मक उम्मीद के रूप में देखा जा सकता है.

बुंदेलखंड के लिए आंदोलन: बुंदेलखंड नागरिक संघर्ष मोर्चा द्वारा जंतर-मंतर पर 20 फरवरी को एक दिवसीय धरना दिया था. इस मौके पर मोर्चा संरक्षक रघु ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा था कि मैं भारत सरकार से पूछना चाहता हूं, क्या बुंदेलखंड अंचल पाकिस्तान का हिस्सा है? उन्होंने कहा कि कई सालों से मोर्चा बुंदेलखंड के विकास के लिए संघर्ष कर रहा है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इन मांगो पर ध्यान नहीं दिया. रेल यातायात सबसे सस्ता माध्यम है और देश को जोड़ने का साधन भी है. उन्होंने कहा कि पूरे बुंदेलखंड में ब्रिटिशकाल को मिलाकर लगभग 500 किमी रेल लाइन हैं. ममता बनर्जी के रेलमंत्री रहते हुए 6 रेल लाइन मंजूर हुई थी, लेकिन क्षेत्र की मंजूर रेल लाइनों पर अब अभी तक काम शुरू नहीं हुआ.

बुंदेलखंड में पर्यटन: रघु ठाकुर ने कहा कि बुंदेलखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. कई ऐसे ऐतिहासिक मंदिर हैं जिनका प्राचीन इतिहास से सीधा संबंध है. बुंदेलखंड के दो महान सपूत डॉक्टर सर हरि सिंह गौर एवं मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिया जाना चाहिए. सागर एवं ललितपुर में राजकीय विश्वविद्यालय खोले जाने की मांग की एवं मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश को जोड़कर बुंदेलखण्ड सिंचाई विकास निगम बनाने की मांग भी की. इसके अलावा प्रमुख मांग यह थी कि जो हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कानपुर झांसी डिफेंस कॉरिडोर की घोषणा की है. उसका विस्तार मध्यप्रदेश के सागर होकर जबलपुर तक किया जाए, क्योंकि यह सेना के दो बड़े क्षेत्र हैं.

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डिफेंस कॉरिडोर: समाजवादी नेता रघु ठाकुर ने कहा है कि जनवरी में भारत के प्रधानमंत्री ने डिफेंस कॉरिडोर की घोषणा की थी और उसका उद्घाटन किया था उसे कानपुर से ललितपुर तक बढ़ाने की बात कही थी. डिफेंस कॉरिडोर बनने के कई अच्छे पक्ष होते हैं. एक तो यह होता है कि जब डिफेंस कॉरिडोर बनता है, तो उस इलाके में डिफेंस के बड़े-बड़े कारखाने आते हैं. वहां सेना से संबंधित वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है और जिन शहरों में डिफेंस कॉरिडोर होता है, उन्हें आपस में जोड़ा जाता है. हम लोगों ने प्रधानमंत्री से मांग की थी कि डिफेंस कॉरिडोर झांसी से बढ़ाकर ललितपुर और सागर होते हुए जबलपुर तक विस्तार किया जाए.

रक्षा उत्पादन का बड़ा केंद्र: रघु ने कहा कि जबलपुर हमारे यहां रक्षा उत्पादन का बड़ा केंद्र है. भारत सरकार की योजना है कि रक्षा उत्पादन में निर्भरता लाई जाए. इस योजना के तहत जबलपुर का बहुत बड़ा योगदान है. सागर में बहुत बड़ी छावनी हैं और यह सेना का बहुत बड़ा केंद्र है. रघु ने कहा कि हम प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हैं कि उनके कार्यालय से हमसे डिफेंस कॉरिडोर के मामले में पूंछतांछ हुई है और पीएमओ ने कुछ और जानकारी हम से मंगाई है. पूर्ण आश्वासन का सहयोग दिया है और हम मानते हैं कि यह एक अच्छी पहल हुई है और हमें उम्मीद है कि हमारी मांग पर सकारात्मकता से निर्णय लिया जाएगा.

Last Updated : Feb 27, 2023, 6:07 PM IST
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