सागर। डॉ. हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर को अपना रेडियो चैनल संचालित करने की स्वीकृति केंद्र सरकार से मिल गई है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने रेडियो चैनल के लिए फ्रीक्वेंसी भी आवंटित कर दी है. इस रेडियो चैनल से संबंधित अन्य औपचारिकताओं के बाद जल्द ही चैनल शुरू हो जाएगा. ये कम्युनिटी रेडियो स्टेशन के रूप में काम करेगा और इसका संचालन विश्वविद्यालय का संचार एवं पत्रकारिता विभाग करेगा. खास बात ये है कि चैनल का नाम सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉक्टर हरि सिंह गौर के नाम पर गौरवाणी होगा. चैनल का उद्देश्य बुंदेलखंड की कला-संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन का होगा.
सागर में बापू ने दिया था ऐतिहासिक भाषण, कहा था "लोकमत मेरे साथ है और मैं सत्य की लड़ाई लड़ रहा हूं."
मंत्रालय ने स्वीकृति के साथ जारी की फ्रीक्वेंसी
डॉ. हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के संचार एवं पत्रकारिता विभाग द्वारा प्रस्तावित रेडियो चैनल के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने स्वीकृति के साथ फ्रीक्वेंसी भी जारी कर दी है. 89.6 मेगा हर्टज फ्रीक्वेंसी पर रेडियो चैनल का प्रसारण किया जाएगा. विश्वविद्यालय के संचार एवं पत्रकारिता विभाग के विभाग अध्यक्ष ललित मोहन ने बताया कि सामुदायिक रेडियो स्टेशन के तौर पर शुरू किए जा रहे इस रेडियो चैनल का उद्देश्य स्थानीय समुदायों को उनकी जरूरत और जागरूकता के उद्देश्य के अनुसार कार्यक्रम बनाना और प्रसारण करना है. रेडियो चैनल के माध्यम से स्थानीय कौशल, रोजगार एवं संस्कृति का संवर्धन और संरक्षण भी होगा. इसका लाभ विश्वविद्यालय के छात्रों को तो मिलेगा ही, इसके अलावा बुंदेलखंड के संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में भी मदद मिलेगी.
![Radio station of Sagar University will be known as Gauravani](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-sgr-01-radiostation-gaurvani-pics-7208095_27092021193919_2709f_1632751759_886.jpg)
रेडियो चैनल की तैयारी में जुटा पत्रकारिता विभाग
सागर विश्वविद्यालय के संचार एवं पत्रकारिता विभाग के प्राध्यापक और विश्वविद्यालय के मीडिया अधिकारी डॉ. विवेक जायसवाल ने बताया कि रेडियो कार्यक्रम निर्माण की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. स्वीकृति मिलने के बाद औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं. गौरवाणी रेडियो चैनल पर स्थानीय कलाकारों के साथ विद्यार्थियों को भी प्रतिभा के प्रदर्शन का अवसर मिलेगा. इसका प्रसारण हिंदी और बुंदेली दोनों भाषाओं में किया जाएगा. शिक्षा, स्वास्थ्य, करियर, काउंसलिंग, कृषि और शोध से जुड़े कार्यक्रम इसमें प्रसारित किए जाएंगे.