ETV Bharat / state

ऐसे होगी तरक्की! शिक्षा के मंदिर में पढ़ाई की जगह मुर्गी पालन

सागर में मनऊं गांव का स्कूल भवन पोल्ट्री फॉर्म में तब्दील हो गया है. 2015 में स्कूल में बच्चों का नामांकन शून्य होने के चलते स्कूल को शिफ्ट कर दिया गया था.

author img

By

Published : Jun 13, 2021, 8:15 PM IST

poultry farming
स्कूल में मुर्गी पालन

सागर। बीना के मनऊं गांव का स्कूल भवन पोल्ट्री फॉर्म में तब्दील हो गया है. 2015 में स्कूल में बच्चों का नामांकन शून्य होने के चलते स्कूल को शिफ्ट कर दिया गया था. शिक्षकों को भी दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया गया. वहीं स्कूल भवन को भी पंचायत के अधीन कर दिया गया. लापरवाही का आलम यह है कि पंचायत की अनदेखी के चलते यहां लोगों ने मुर्गी पालन शुरू कर दिया है. स्कूल भवन मुर्गा-मुर्गियों का पोल्ट्री फॉर्म बना हुआ है.

पोल्ट्री फार्म में तब्दील हुआ स्कूल भवन.

2015 में बंद हो गया था स्कूल
ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए सरकार ने गांव-गांव में स्कूल खोले है. मामला बीना के किर्रोद ग्राम पंचायत के मनऊं गांव का है. जहां प्राथमिक शाला मनऊं 2015 मेंं बच्चों के नामांकन शून्य होने के चलते बंद हो गयी, जिसके बाद स्कूल भवन को पंचायत के अधीन कर दिया गया. पंचायत कर्मियों के लापरवाही के चलते लोगों ने स्कूल में मुर्गी पालन शुरू कर दिया.

पोल्ट्री फार्म में तब्दील हुआ स्कूल भवन
स्कूल भवन अब पोल्ट्री फार्म बन गया है. पंचायत कर्मियों की अनदेखी के चलते सरकारी स्कूल भवन का निजी इस्तेमाल किया जा रहा है. स्कूल बंद होने के बाद पंचायत के द्वारा स्कूल भवन का रखरखाव सही तरीके से किया जाता तो दूसरी गतिविधियां भी स्कूल भवन में शुरू की जा सकती थीं.

शिक्षा का मंदिर बना तबेला, कक्षाओं में लग रहा भूसे का ढेर

इस पूरे मामले में जनपद सीईओ बीना आशीष जोशी ने बताया कि ग्राम मनऊं में शासकीय स्कूल की बिल्डिंग है. उसमें कुछ लोगों के द्वारा अपने काम धंधे किए जा रहे हैं. यह पूर्णता गलत है. चाहे स्कूल हो या फिर शासकीय भवन, बिना अनुमति के किसी भी काम में उसका उपयोग नहीं हो सकता. मैंने अभी सचिव को निर्देश दिए हैं, आने वाले दिनों में अवैध क्रियाएं वहां से पूरी तरह हट जाएंगी. वही ब्लॉक शिक्षा अधिकारी राजेश ठाकुर का कहना है कि प्राथमिक शाला मनऊं थी. उसमें शून्य नामांकन होने के कारण सत्र 2015 में उसे बंद कर दिया गया. उसमें जो पदस्थ शिक्षक थे. उन्हें भी दूसरे स्कूल में पदस्थ कर दिया गया है. बिल्डिंग पंचायत के अधीन है, पंचायत की देखरेख में है.

सागर। बीना के मनऊं गांव का स्कूल भवन पोल्ट्री फॉर्म में तब्दील हो गया है. 2015 में स्कूल में बच्चों का नामांकन शून्य होने के चलते स्कूल को शिफ्ट कर दिया गया था. शिक्षकों को भी दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया गया. वहीं स्कूल भवन को भी पंचायत के अधीन कर दिया गया. लापरवाही का आलम यह है कि पंचायत की अनदेखी के चलते यहां लोगों ने मुर्गी पालन शुरू कर दिया है. स्कूल भवन मुर्गा-मुर्गियों का पोल्ट्री फॉर्म बना हुआ है.

पोल्ट्री फार्म में तब्दील हुआ स्कूल भवन.

2015 में बंद हो गया था स्कूल
ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए सरकार ने गांव-गांव में स्कूल खोले है. मामला बीना के किर्रोद ग्राम पंचायत के मनऊं गांव का है. जहां प्राथमिक शाला मनऊं 2015 मेंं बच्चों के नामांकन शून्य होने के चलते बंद हो गयी, जिसके बाद स्कूल भवन को पंचायत के अधीन कर दिया गया. पंचायत कर्मियों के लापरवाही के चलते लोगों ने स्कूल में मुर्गी पालन शुरू कर दिया.

पोल्ट्री फार्म में तब्दील हुआ स्कूल भवन
स्कूल भवन अब पोल्ट्री फार्म बन गया है. पंचायत कर्मियों की अनदेखी के चलते सरकारी स्कूल भवन का निजी इस्तेमाल किया जा रहा है. स्कूल बंद होने के बाद पंचायत के द्वारा स्कूल भवन का रखरखाव सही तरीके से किया जाता तो दूसरी गतिविधियां भी स्कूल भवन में शुरू की जा सकती थीं.

शिक्षा का मंदिर बना तबेला, कक्षाओं में लग रहा भूसे का ढेर

इस पूरे मामले में जनपद सीईओ बीना आशीष जोशी ने बताया कि ग्राम मनऊं में शासकीय स्कूल की बिल्डिंग है. उसमें कुछ लोगों के द्वारा अपने काम धंधे किए जा रहे हैं. यह पूर्णता गलत है. चाहे स्कूल हो या फिर शासकीय भवन, बिना अनुमति के किसी भी काम में उसका उपयोग नहीं हो सकता. मैंने अभी सचिव को निर्देश दिए हैं, आने वाले दिनों में अवैध क्रियाएं वहां से पूरी तरह हट जाएंगी. वही ब्लॉक शिक्षा अधिकारी राजेश ठाकुर का कहना है कि प्राथमिक शाला मनऊं थी. उसमें शून्य नामांकन होने के कारण सत्र 2015 में उसे बंद कर दिया गया. उसमें जो पदस्थ शिक्षक थे. उन्हें भी दूसरे स्कूल में पदस्थ कर दिया गया है. बिल्डिंग पंचायत के अधीन है, पंचायत की देखरेख में है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.