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सेमरा लहरिया हत्याकांड: सिकने लगी सियासी रोटियां, फायदा उठाने के लिए जुटे नेता, यूपी के नेताओं की भी हुई एंट्री - ETV bharat Madhya Pradesh news

सागर के सेमरा लहरिया में हुए हत्याकांड के मामले में सियासत तेज हो गई है. नेता अपनी अपनी सियासत साधने में लगे हैं. सियासत के चक्कर में इलाके के दो समाज एक दूसरे के सामने खड़े हो गए हैं. इधर इस मामले में अब यूपी के नेताओं की एंट्री यह इशारा कर रही है कि पार्टियां और नेता इसका चुनावी फायदा उठाने की जुगत में है.

सेमरा लहरिया हत्याकांड: सियासी फायदा उठाने में जुटे नेता! यूपी के नेताओं की भी हुई एंट्री
सेमरा लहरिया हत्याकांड: सियासी फायदा उठाने में जुटे नेता! यूपी के नेताओं की भी हुई एंट्री
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Published : Sep 30, 2021, 6:29 PM IST

Updated : Sep 30, 2021, 7:19 PM IST

सागर/मुरैना। जिले के नरयावली थाने के सेमरा लहरिया गांव में 17 सितंबर को सामने आया हत्याकांड बुंदेलखंड ही नहीं, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश और यूपी की सियासत पर भी असर करता नजर आ रहा है. पहली नजर में मामला प्रेम प्रसंग का था. आरोप है कि सत्ताधारी दल बीजेपी ने सियासी फायदा लेने की कोशिश में ब्राह्मण और यादव को आमने-सामने खड़ा कर दिया. हालात यह है कि अब ये हत्याकांड प्रशासन और सत्ताधारी दल के गले की फांस बनता जा रहा है.

सियासी फायदा उठाने में जुटे नेता!

माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस मामले में राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश की, जिसकी वजह से ब्राह्मण बीजेपी से जमकर नाराज हो गए हैं. जिसके चलते ब्राह्मण समाज ने 30 सितंबर को सम्मेलन का आयोजन किया. इस सम्मेलन में प्रशासन द्वारा ढहाए गए ब्राह्मण समाज के परिवार के घर को फिर से बनवाने और मंत्री भूपेन्द्र सिंह के इस्तीफे की मांग की है.

ब्राह्मण समाज ने सम्मेलन कर रखी मांगे

ब्राह्मण समाज के आंदोलन के पहले सीएम शिवराज ने घटना की सीबीआई जांच और घटनाक्रम में झुलसी युवती के मुफ्त इलाज की घोषणा कर दी. लेकिन ब्राह्मण समाज ने आंदोलन करके मंत्री भूपेन्द्र सिंह के इस्तीफे और ब्राह्मण परिवार के ढहाए गए घर को फिर से बनवाने की मांग रख दी है. मध्य प्रदेश में हो रही सियासत के पीछे सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण नेता भी शामिल हैं.

क्या है सेमरा लहरिया हत्याकांड ?

17 सितंबर की सुबह खबर मिली की जिले के नरयावली थाना क्षेत्र के सेमरा लहरिया गांव में राहुल यादव नाम का युवक शर्मा परिवार के घर में जली हुई अवस्था में मिला. युवक को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई. मरने से पहले दिए अपने बयान में युवक ने कहा कि शर्मा परिवार की युवती से उसका प्रेम प्रसंग था, उसकी शादी हो चुकी थी लेकिन दोनों में बातचीत होती थी. युवकी ने 16 सितंबर को फोन कर उसे मिलने बुलाया था. जैसे ही उसके घर पहुंची उसके पिता समेत 3 अन्य लोगों ने हाथ-पैर बांधकर पेट्रोल डालकर आग लगा दी.

मंत्री भूपेंद्र सिंह पर मामले को तूल देने का आरोप

राहुल यादव की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने सागर खुरई मार्ग को जाम कर दिया. चक्का जाम की जानकारी मिलने पर मंत्री भूपेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे. जहां उन्होंने पीड़ित यादव परिवार को एक लाख रूपए की सहायता देने के साथ यादव परिवार की मांग पर आरोपित ब्राह्मण परिवार के मकान को गिराने की मांग पर सहमति दी.

प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई के आरोप

इस मामले में पुलिस और जिला प्रशासन पर बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप लगा है. घटनाक्रम में युवक राहुल यादव के साथ युवती भी करीब 70 फीसदी झुलस गई थी. आरोप है कि ब्राह्मण परिवार के सदस्यों ने युवक को जिंदा जला दिया. जबकि युवती ने अपने बयान में इसके बिलकुल उलट कहानी बताई है. युवती ने बताया कि राहुल से उसकी बातचीत होती थी, शादी के बाद राहुल उसे लगातारक परेशान कर रहा था. 16 सितंबर को राहुल जबरन घर में घुस आया और खुद पर और अपने आप पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी.

बीजेपी की जातीय संघर्ष फैलाने की कोशिश हुई उजागर

सभी आरोपी गिरफ्तार, फिर भी गिराया घर

इस घटनाक्रम की गुत्थी उलझी हुई नजर आ रही थी, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने जल्दबाजी करते हुए आरोपियों का घर गिरा दिया. मृतक के बयान के आधार पर पुलिस द्वारा तत्काल ब्राह्मण परिवार के 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. आरोप है कि इसके बाद भी सेमरा लहरिया गांव में ब्राह्मण परिवार का मकान गिरा दिया गया. इस मामले में प्रशासन का कहना था कि ब्राह्मण परिवार ने बिना अनुमति के मकान बनाया था, इसलिए कार्रवाई की गई.

यादवों के सम्मेलन से चढ़ा सियासी रंग

तमाम घटनाक्रम के बाद 26 सितंबर को सागर में यादव समाज का सम्मेलन बुलाया गया. जिसमें कई नेता शामिल हुए. सम्मेलन के बाद ओबीसी और सवर्ण वर्ग के बीच खाई गहरी होने लगी. इस दौरान कई नेताओं ने सवर्णों के खिलाफ बयानबाजी की, जिसका असर यह हुआ कि क्षेत्र में सवर्णों और ओबीसी के बीच यह हत्याकांड का नाक का सवाल बनने लगा.

ब्राह्मणों के सम्मेलन ने उड़ाई सरकार की नींद

आरोपियों की गिरफ्तारी हो जाने और परिवार का क्रिमिनल रिकॉर्ड न होने के बाद भी ब्राह्मण परिवार का मकान गिराने से स्थानीय ब्राह्मण समाज जमकर नाराज हो गया. ये नाराजगी सागर से निकलकर पूरे बुंदेलखंड और मध्य प्रदेश में फैलती हुई यूपी तक पहुंच गई. नतीजा यह हुआ कि 30 सितंबर को ब्राह्मण समाज ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दे दी. सरकार को मिले इंटेलिजेंस इनपुट से सरकार की नींद उड़ गई और सरकार ने ब्राह्मण आंदोलन के एक दिन पहले ही सीबीआई जांच और महिला का इलाज अपने खर्चे पर कराने का ऐलान कर दिया. इसके बाद भी ब्राह्मण समाज फिर से मकान बनाए जाने और मंत्री भूपेंद्र सिंह के इस्तीफे की मांग को लेकर सम्मेलन के रूप में सागर में इकट्ठा हुआ.

यूपी के ब्राह्मण नेता की मौजूदगी ने भरा ब्राह्मणों में जोश

ब्राह्मण सम्मेलन में बुंदेलखंड के अलावा प्रदेश के अन्य इलाकों के ब्राह्मण तो इकट्ठा हुए थे. इसके अलावा यूपी के बुंदेलखंड और अन्य जिलों से भी ब्राह्मण नेता और ब्राह्मण लोग आंदोलन में शामिल होने पहुंचे. यूपी के बहराइच के ब्राह्मण नेता सर्वेश पांडे ने सम्मेलन को संबोधित कर ब्राह्मणों में जोश भर दिया. उन्होंने ब्राह्मण परिवार के गिराए गए मकान को फिर से बनाने और मंत्री भूपेंद्र सिंह के इस्तीफे की पुरजोर मांग की.

सेमरा लहरिया हत्याकांड: CBI जांच की सिफारिश के बाद बदला ब्राह्मणों का रुख, सम्मेलन में तब्दील हुआ आंदोलन

मुरैना में भी हुआ प्रदर्शन

इधर इसका असर मध्य प्रदेश के अन्य इलाकों में भी देखने को मिला. मुरैना में घटना के खिलाफ ब्राह्मण समाज ने प्रदर्शन किया. मुरैना जिले में ब्राह्मण समाज ने जिला और तहसील स्तर पर प्रदर्शन किया. इस दौरान 5 सूत्रीय मांग को लेकर कलेक्टर और एसडीएम को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया.

उपचुनाव, यूपी चुनाव में असर डालेगा मामला

सेमरा लहरिया कांड को जिस तरह से राजनीतिक रंग देने की कोशिश की गई. आरोप है कि बीजेपी इसका सियासी फायदा लेने की कोशिश कर रही है. आरोप हैं कि ओबीसी वर्ग को समर्थन देकर बीजेपी पृथ्वीपुर उपचुनाव में इसका सियासी फायदा उठाने की कोशिश में थी लेकन इसके चलते बीजेपी ने अब ब्राह्मणों की नाराजगी मोल ले ली है. इसका असर मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश तक पहुंच गया है इसलिए बीजेपी की चिंता और भी बढ़ गई है.

"बीजेपी की जातीय संघर्ष फैलाने की कोशिश हुई उजागर"

मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि "बीजेपी की सागर में जातिगत संघर्ष फैलाने की चेष्टाएं बेनकाब हो गई हैं. अब जो मामले की सीबीआई जांच के आदेश सरकार को देने पड़े हैं, उससे जातिगत संघर्ष फैलाने की विद्वेष पूर्ण नीति की पोल खुल गई है. बीजेपी एक ऐसी पार्टी है, जो फायर ब्रिगेड का बैनर लगाकर निकलती है और पीछे-पीछे आग लगा जाती है. ये एक ऐसी फायर ब्रिगेड है, जो बुझाती कम हैं और आग ज्यादा लगाती है."
"मामले को दिया जा रहा है अनावश्यक तूल"

इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि "मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने खुद संज्ञान लेते हुए घटनाक्रम की सीबीआई जांच का ऐलान किया है. साथ ही पीड़ित महिला के इलाज की पूरी जिम्मेदारी उठाने की भी बात कही है. इस मामले को अनावश्यक तूल दिया जा रहा है. सीबीआई जांच में सब सामने आ जाएगा."

सागर/मुरैना। जिले के नरयावली थाने के सेमरा लहरिया गांव में 17 सितंबर को सामने आया हत्याकांड बुंदेलखंड ही नहीं, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश और यूपी की सियासत पर भी असर करता नजर आ रहा है. पहली नजर में मामला प्रेम प्रसंग का था. आरोप है कि सत्ताधारी दल बीजेपी ने सियासी फायदा लेने की कोशिश में ब्राह्मण और यादव को आमने-सामने खड़ा कर दिया. हालात यह है कि अब ये हत्याकांड प्रशासन और सत्ताधारी दल के गले की फांस बनता जा रहा है.

सियासी फायदा उठाने में जुटे नेता!

माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस मामले में राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश की, जिसकी वजह से ब्राह्मण बीजेपी से जमकर नाराज हो गए हैं. जिसके चलते ब्राह्मण समाज ने 30 सितंबर को सम्मेलन का आयोजन किया. इस सम्मेलन में प्रशासन द्वारा ढहाए गए ब्राह्मण समाज के परिवार के घर को फिर से बनवाने और मंत्री भूपेन्द्र सिंह के इस्तीफे की मांग की है.

ब्राह्मण समाज ने सम्मेलन कर रखी मांगे

ब्राह्मण समाज के आंदोलन के पहले सीएम शिवराज ने घटना की सीबीआई जांच और घटनाक्रम में झुलसी युवती के मुफ्त इलाज की घोषणा कर दी. लेकिन ब्राह्मण समाज ने आंदोलन करके मंत्री भूपेन्द्र सिंह के इस्तीफे और ब्राह्मण परिवार के ढहाए गए घर को फिर से बनवाने की मांग रख दी है. मध्य प्रदेश में हो रही सियासत के पीछे सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण नेता भी शामिल हैं.

क्या है सेमरा लहरिया हत्याकांड ?

17 सितंबर की सुबह खबर मिली की जिले के नरयावली थाना क्षेत्र के सेमरा लहरिया गांव में राहुल यादव नाम का युवक शर्मा परिवार के घर में जली हुई अवस्था में मिला. युवक को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई. मरने से पहले दिए अपने बयान में युवक ने कहा कि शर्मा परिवार की युवती से उसका प्रेम प्रसंग था, उसकी शादी हो चुकी थी लेकिन दोनों में बातचीत होती थी. युवकी ने 16 सितंबर को फोन कर उसे मिलने बुलाया था. जैसे ही उसके घर पहुंची उसके पिता समेत 3 अन्य लोगों ने हाथ-पैर बांधकर पेट्रोल डालकर आग लगा दी.

मंत्री भूपेंद्र सिंह पर मामले को तूल देने का आरोप

राहुल यादव की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने सागर खुरई मार्ग को जाम कर दिया. चक्का जाम की जानकारी मिलने पर मंत्री भूपेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे. जहां उन्होंने पीड़ित यादव परिवार को एक लाख रूपए की सहायता देने के साथ यादव परिवार की मांग पर आरोपित ब्राह्मण परिवार के मकान को गिराने की मांग पर सहमति दी.

प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई के आरोप

इस मामले में पुलिस और जिला प्रशासन पर बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप लगा है. घटनाक्रम में युवक राहुल यादव के साथ युवती भी करीब 70 फीसदी झुलस गई थी. आरोप है कि ब्राह्मण परिवार के सदस्यों ने युवक को जिंदा जला दिया. जबकि युवती ने अपने बयान में इसके बिलकुल उलट कहानी बताई है. युवती ने बताया कि राहुल से उसकी बातचीत होती थी, शादी के बाद राहुल उसे लगातारक परेशान कर रहा था. 16 सितंबर को राहुल जबरन घर में घुस आया और खुद पर और अपने आप पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी.

बीजेपी की जातीय संघर्ष फैलाने की कोशिश हुई उजागर

सभी आरोपी गिरफ्तार, फिर भी गिराया घर

इस घटनाक्रम की गुत्थी उलझी हुई नजर आ रही थी, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने जल्दबाजी करते हुए आरोपियों का घर गिरा दिया. मृतक के बयान के आधार पर पुलिस द्वारा तत्काल ब्राह्मण परिवार के 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. आरोप है कि इसके बाद भी सेमरा लहरिया गांव में ब्राह्मण परिवार का मकान गिरा दिया गया. इस मामले में प्रशासन का कहना था कि ब्राह्मण परिवार ने बिना अनुमति के मकान बनाया था, इसलिए कार्रवाई की गई.

यादवों के सम्मेलन से चढ़ा सियासी रंग

तमाम घटनाक्रम के बाद 26 सितंबर को सागर में यादव समाज का सम्मेलन बुलाया गया. जिसमें कई नेता शामिल हुए. सम्मेलन के बाद ओबीसी और सवर्ण वर्ग के बीच खाई गहरी होने लगी. इस दौरान कई नेताओं ने सवर्णों के खिलाफ बयानबाजी की, जिसका असर यह हुआ कि क्षेत्र में सवर्णों और ओबीसी के बीच यह हत्याकांड का नाक का सवाल बनने लगा.

ब्राह्मणों के सम्मेलन ने उड़ाई सरकार की नींद

आरोपियों की गिरफ्तारी हो जाने और परिवार का क्रिमिनल रिकॉर्ड न होने के बाद भी ब्राह्मण परिवार का मकान गिराने से स्थानीय ब्राह्मण समाज जमकर नाराज हो गया. ये नाराजगी सागर से निकलकर पूरे बुंदेलखंड और मध्य प्रदेश में फैलती हुई यूपी तक पहुंच गई. नतीजा यह हुआ कि 30 सितंबर को ब्राह्मण समाज ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दे दी. सरकार को मिले इंटेलिजेंस इनपुट से सरकार की नींद उड़ गई और सरकार ने ब्राह्मण आंदोलन के एक दिन पहले ही सीबीआई जांच और महिला का इलाज अपने खर्चे पर कराने का ऐलान कर दिया. इसके बाद भी ब्राह्मण समाज फिर से मकान बनाए जाने और मंत्री भूपेंद्र सिंह के इस्तीफे की मांग को लेकर सम्मेलन के रूप में सागर में इकट्ठा हुआ.

यूपी के ब्राह्मण नेता की मौजूदगी ने भरा ब्राह्मणों में जोश

ब्राह्मण सम्मेलन में बुंदेलखंड के अलावा प्रदेश के अन्य इलाकों के ब्राह्मण तो इकट्ठा हुए थे. इसके अलावा यूपी के बुंदेलखंड और अन्य जिलों से भी ब्राह्मण नेता और ब्राह्मण लोग आंदोलन में शामिल होने पहुंचे. यूपी के बहराइच के ब्राह्मण नेता सर्वेश पांडे ने सम्मेलन को संबोधित कर ब्राह्मणों में जोश भर दिया. उन्होंने ब्राह्मण परिवार के गिराए गए मकान को फिर से बनाने और मंत्री भूपेंद्र सिंह के इस्तीफे की पुरजोर मांग की.

सेमरा लहरिया हत्याकांड: CBI जांच की सिफारिश के बाद बदला ब्राह्मणों का रुख, सम्मेलन में तब्दील हुआ आंदोलन

मुरैना में भी हुआ प्रदर्शन

इधर इसका असर मध्य प्रदेश के अन्य इलाकों में भी देखने को मिला. मुरैना में घटना के खिलाफ ब्राह्मण समाज ने प्रदर्शन किया. मुरैना जिले में ब्राह्मण समाज ने जिला और तहसील स्तर पर प्रदर्शन किया. इस दौरान 5 सूत्रीय मांग को लेकर कलेक्टर और एसडीएम को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया.

उपचुनाव, यूपी चुनाव में असर डालेगा मामला

सेमरा लहरिया कांड को जिस तरह से राजनीतिक रंग देने की कोशिश की गई. आरोप है कि बीजेपी इसका सियासी फायदा लेने की कोशिश कर रही है. आरोप हैं कि ओबीसी वर्ग को समर्थन देकर बीजेपी पृथ्वीपुर उपचुनाव में इसका सियासी फायदा उठाने की कोशिश में थी लेकन इसके चलते बीजेपी ने अब ब्राह्मणों की नाराजगी मोल ले ली है. इसका असर मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश तक पहुंच गया है इसलिए बीजेपी की चिंता और भी बढ़ गई है.

"बीजेपी की जातीय संघर्ष फैलाने की कोशिश हुई उजागर"

मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि "बीजेपी की सागर में जातिगत संघर्ष फैलाने की चेष्टाएं बेनकाब हो गई हैं. अब जो मामले की सीबीआई जांच के आदेश सरकार को देने पड़े हैं, उससे जातिगत संघर्ष फैलाने की विद्वेष पूर्ण नीति की पोल खुल गई है. बीजेपी एक ऐसी पार्टी है, जो फायर ब्रिगेड का बैनर लगाकर निकलती है और पीछे-पीछे आग लगा जाती है. ये एक ऐसी फायर ब्रिगेड है, जो बुझाती कम हैं और आग ज्यादा लगाती है."
"मामले को दिया जा रहा है अनावश्यक तूल"

इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि "मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने खुद संज्ञान लेते हुए घटनाक्रम की सीबीआई जांच का ऐलान किया है. साथ ही पीड़ित महिला के इलाज की पूरी जिम्मेदारी उठाने की भी बात कही है. इस मामले को अनावश्यक तूल दिया जा रहा है. सीबीआई जांच में सब सामने आ जाएगा."

Last Updated : Sep 30, 2021, 7:19 PM IST
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