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पुलिस थाने में पदस्थ आरक्षक ने लगाई फांसी, पारिवारिक कलह बना कारण

सागर जिले के गौरझामर थाने में पदस्थ आरक्षक ने पारिवारिक कारणों के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. यह कदम उठाने से पहले आरक्षक ने परिवार के लोगों से बात भी की थी. वहीं घटना स्थल से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है.

Policeman commitee suicide in sagar
पुलिस थाने में पदस्थ आरक्षक ने लगाई फांसी
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Published : Aug 30, 2020, 2:44 AM IST

सागर। गौरझामर थाने में पदस्थ आरक्षक हेमंत रजक ने अपने किराए के मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि आरक्षक ने यह कदम पारिवारिक कारणों के चलते उठाया है.

जानकारी के मुताबिक हेमंत पिता देवी सिंह रजक (28 वर्ष) गौरझामर थाने में पदस्थ था. जिसने शुक्रवार रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि घटना के पूर्व उसने फोन पर अपने परिवार के सदस्यों से बात भी की थी. परिवार के सदस्य ने इसकी सूचना आरक्षक के साथियों को फोन पर दी थी. साथी आरक्षकों ने जब उसके किराए के मकान पर जाकर देखा तब तक वो फंदे पर लटक चुका था और खुद की जीवन लीला को खत्म कर चुका था. घटना स्थल से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. पुलिस ने पंचनामा कर शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है.

परिवार में ऐसी क्या कलह रही होगी कि आखिरकार एक पुलिसकर्मी को भी मौत का रास्ता चुनना पड़ा, इस तरह की घटना आज के दौर में आम होती जी रही हैं और अक्सर देखा जा रहा है कि अच्छी नौकरी करने वाले और शिक्षित वर्ग के ज्यादातर लोग अवसाद से घिरकर आत्महत्या का रास्ता चुन रहे हैं.

सागर। गौरझामर थाने में पदस्थ आरक्षक हेमंत रजक ने अपने किराए के मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि आरक्षक ने यह कदम पारिवारिक कारणों के चलते उठाया है.

जानकारी के मुताबिक हेमंत पिता देवी सिंह रजक (28 वर्ष) गौरझामर थाने में पदस्थ था. जिसने शुक्रवार रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि घटना के पूर्व उसने फोन पर अपने परिवार के सदस्यों से बात भी की थी. परिवार के सदस्य ने इसकी सूचना आरक्षक के साथियों को फोन पर दी थी. साथी आरक्षकों ने जब उसके किराए के मकान पर जाकर देखा तब तक वो फंदे पर लटक चुका था और खुद की जीवन लीला को खत्म कर चुका था. घटना स्थल से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. पुलिस ने पंचनामा कर शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है.

परिवार में ऐसी क्या कलह रही होगी कि आखिरकार एक पुलिसकर्मी को भी मौत का रास्ता चुनना पड़ा, इस तरह की घटना आज के दौर में आम होती जी रही हैं और अक्सर देखा जा रहा है कि अच्छी नौकरी करने वाले और शिक्षित वर्ग के ज्यादातर लोग अवसाद से घिरकर आत्महत्या का रास्ता चुन रहे हैं.

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