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Bharat Ratna to Dr Gaur: पीएम मोदी के दौरे पर फिर उठी सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. हरिसिंह गौर को भारत रत्न देने की मांग - डॉ हरिसिंह गौर

सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक और जाने-माने कानूनविद डॉ. हरि सिंह गौर को भारत रत्न दिए जाने की मांग सालों से हो रही है. वहीं गौर यूथ फोरम ने पीएम मोदी से डॉ. हरि सिंह गौर को भारत रत्न से नवाजने की अपील की है. बता दें कि आज पीएम मोदी सागर दौरे पर हैं.

give Bharat Ratna to Dr Harisingh Gaur
फिर उठी डॉ हरीसिंह गौर को भारत रत्न देने की मांग
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Published : Aug 12, 2023, 11:09 AM IST

Updated : Aug 12, 2023, 11:42 AM IST

गौर यूथ फोरम ने की डॉ गौर को भारत रत्न देने की मांग

सागर। महान विधिवेत्ता, शिक्षाविद और सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. हरिसिंह गौर को भारत रत्न दिए जाने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ा है. दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार को सागर के दौरे पर हैं और सागर में संत रविदास मंदिर का भूमि पूजन करेंगे. साथ ही विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे. ऐसे मौके पर सागर विश्वविद्यालय के पूर्व और वर्तमान छात्रों के संगठन गौर यूथ फोरम ने डॉ. हरि सिंह गौर को भारत रत्न दिए जाने की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है.

कई सालों से की जा रही है मांग: गौरतलब है कि डॉ. हरि सिंह गौर को भारत रत्न दिलाने के लिए कई सामाजिक संगठन और गौर यूथ फोरम कई सालों से प्रयास कर रहा है. इस कड़ी में कई आंदोलन और हस्ताक्षर अभियान चलाए गए हैं. प्रधानमंत्री के सागर आगमन के मौके पर फिर एक बार डॉ. हरि सिंह गौर को भारत रत्न देने की मांग उठी है.

give Bharat Ratna to Dr Harisingh Gaur
फिर उठी डॉ हरीसिंह गौर को भारत रत्न देने की मांग

क्यों दिया जाए डॉ. गौर को भारत रत्न: गौरव यूथ फोरम का कहना है कि ''बुंदेलखंड के सपूत डॉक्टर हरि सिंह गौर की प्रतिभा का लोहा दुनिया भर में माना गया है. वह जितने महान विधिवेत्ता थे, उतने ही महान शिक्षाविद भी थे. वह साइमन कमीशन के सदस्य रहे और भारत के संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने अपने जीवन काल में कानून और शिक्षा से संबंधित कई महत्वपूर्ण विषयों पर किताबें लिखी, जो दुनिया भर में जानी जाती हैं. उन्होंने आजादी के पहले बुंदेलखंड जैसे पिछड़े इलाके में 18 जुलाई 1946 को 20 लाख रुपए दान करके विश्वविद्यालय का निर्माण किया था.

सागर विश्वविद्यालय के लिए लगा दी थी जमा पूंजी: वह सागर विश्वविद्यालय को ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज विश्वविद्यालय की तर्ज पर पूरी दुनिया में मशहूर करना चाहते थे. इसके अलावा उन्होंने अपनी वसीयत के जरिए सागर विश्वविद्यालय को दो करोड़ रुपए दान किए थे. बुंदेलखंड के ऐसे सच्चे सपूत जिसने पिछड़े हुए इलाके में शिक्षा की अलख जगाने के लिए 75 साल पहले विश्वविद्यालय का निर्माण कर दिया था और विश्वविद्यालय निर्माण के लिए अपने जीवन भर की जमा पूंजी लगा दी थी. ऐसे व्यक्ति को भारत रत्न जरूर दिया जाना चाहिए.''

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जिन्हें भारत रत्न मिले, उनके मुकाबले डॉ. गौर कहीं कम नहीं: गौर यूथ फोरम के संयोजक डॉ. विवेक तिवारी का कहना है कि ''डॉक्टर हरिसिंह गौर एक ऐसी हस्ती थे कि जिनको अब तक भारत रत्न से सम्मानित कर दिया जाना था. जिन लोगों को भारत रत्न दिया गया है, उन के मुकाबले डॉक्टर हरिसिंह गौर कहीं कम नहीं थे. भारत रत्न के जो मापदंड होते हैं, उन मापदंडों पर डॉ हरिसिंह गौर कहीं भी कम नहीं है. डॉ हरिसिंह गौर की प्रतिभा का पूरी दुनिया में लोहा माना जाता था और इसी बात से प्रभावित होकर ब्रिटेन ने उन्हें सर की उपाधि दी थी. लेकिन देश में आज तक डॉ. हरिसिंह गौर को उनकी प्रतिभा के मुताबिक सम्मानित नहीं किया गया है. पूरे बुंदेलखंड में डॉ. हरिसिंह गौर को भारत रत्न दिए जाने की मांग कई दशकों से चली आ रही है और कई आंदोलन किए गए. लेकिन अभी तक उन्हें भारत रत्न से नहीं नवाजा गया. हम लोगों की प्रधानमंत्री से मांग है कि डॉ. हरिसिंह गौर को भारत रत्न से सम्मानित कर बुंदेलखंड की जनता की सालों से चली आ रही मांग को पूरा करें.''

गौर यूथ फोरम ने की डॉ गौर को भारत रत्न देने की मांग

सागर। महान विधिवेत्ता, शिक्षाविद और सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. हरिसिंह गौर को भारत रत्न दिए जाने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ा है. दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार को सागर के दौरे पर हैं और सागर में संत रविदास मंदिर का भूमि पूजन करेंगे. साथ ही विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे. ऐसे मौके पर सागर विश्वविद्यालय के पूर्व और वर्तमान छात्रों के संगठन गौर यूथ फोरम ने डॉ. हरि सिंह गौर को भारत रत्न दिए जाने की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है.

कई सालों से की जा रही है मांग: गौरतलब है कि डॉ. हरि सिंह गौर को भारत रत्न दिलाने के लिए कई सामाजिक संगठन और गौर यूथ फोरम कई सालों से प्रयास कर रहा है. इस कड़ी में कई आंदोलन और हस्ताक्षर अभियान चलाए गए हैं. प्रधानमंत्री के सागर आगमन के मौके पर फिर एक बार डॉ. हरि सिंह गौर को भारत रत्न देने की मांग उठी है.

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फिर उठी डॉ हरीसिंह गौर को भारत रत्न देने की मांग

क्यों दिया जाए डॉ. गौर को भारत रत्न: गौरव यूथ फोरम का कहना है कि ''बुंदेलखंड के सपूत डॉक्टर हरि सिंह गौर की प्रतिभा का लोहा दुनिया भर में माना गया है. वह जितने महान विधिवेत्ता थे, उतने ही महान शिक्षाविद भी थे. वह साइमन कमीशन के सदस्य रहे और भारत के संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने अपने जीवन काल में कानून और शिक्षा से संबंधित कई महत्वपूर्ण विषयों पर किताबें लिखी, जो दुनिया भर में जानी जाती हैं. उन्होंने आजादी के पहले बुंदेलखंड जैसे पिछड़े इलाके में 18 जुलाई 1946 को 20 लाख रुपए दान करके विश्वविद्यालय का निर्माण किया था.

सागर विश्वविद्यालय के लिए लगा दी थी जमा पूंजी: वह सागर विश्वविद्यालय को ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज विश्वविद्यालय की तर्ज पर पूरी दुनिया में मशहूर करना चाहते थे. इसके अलावा उन्होंने अपनी वसीयत के जरिए सागर विश्वविद्यालय को दो करोड़ रुपए दान किए थे. बुंदेलखंड के ऐसे सच्चे सपूत जिसने पिछड़े हुए इलाके में शिक्षा की अलख जगाने के लिए 75 साल पहले विश्वविद्यालय का निर्माण कर दिया था और विश्वविद्यालय निर्माण के लिए अपने जीवन भर की जमा पूंजी लगा दी थी. ऐसे व्यक्ति को भारत रत्न जरूर दिया जाना चाहिए.''

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जिन्हें भारत रत्न मिले, उनके मुकाबले डॉ. गौर कहीं कम नहीं: गौर यूथ फोरम के संयोजक डॉ. विवेक तिवारी का कहना है कि ''डॉक्टर हरिसिंह गौर एक ऐसी हस्ती थे कि जिनको अब तक भारत रत्न से सम्मानित कर दिया जाना था. जिन लोगों को भारत रत्न दिया गया है, उन के मुकाबले डॉक्टर हरिसिंह गौर कहीं कम नहीं थे. भारत रत्न के जो मापदंड होते हैं, उन मापदंडों पर डॉ हरिसिंह गौर कहीं भी कम नहीं है. डॉ हरिसिंह गौर की प्रतिभा का पूरी दुनिया में लोहा माना जाता था और इसी बात से प्रभावित होकर ब्रिटेन ने उन्हें सर की उपाधि दी थी. लेकिन देश में आज तक डॉ. हरिसिंह गौर को उनकी प्रतिभा के मुताबिक सम्मानित नहीं किया गया है. पूरे बुंदेलखंड में डॉ. हरिसिंह गौर को भारत रत्न दिए जाने की मांग कई दशकों से चली आ रही है और कई आंदोलन किए गए. लेकिन अभी तक उन्हें भारत रत्न से नहीं नवाजा गया. हम लोगों की प्रधानमंत्री से मांग है कि डॉ. हरिसिंह गौर को भारत रत्न से सम्मानित कर बुंदेलखंड की जनता की सालों से चली आ रही मांग को पूरा करें.''

Last Updated : Aug 12, 2023, 11:42 AM IST
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