सागर। ऐसा पहला मौका होगा कि एक महीने के बीच सागर में कोई प्रधानमंत्री दूसरी बार आ रहा हो. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 अगस्त को सागर के बडतूमा में संत रविदास मंदिर का भूमिपूजन करने आए थे और ढाना में विशाल आमसभा को संबोधित किया था. अब फिर प्रधानमंत्री के बीना दौरे की तैयारी चल रही है और सितम्बर माह के पहले पखवाड़े में प्रधानमंत्री बीना का दौरा कर सकते हैं. बीना में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बीना रिफाइनरी विस्तारीकरण योजना का शुभारंभ करेंगे. पहले 12 अगस्त को ही प्रधानमंत्री वर्चुअली बीना रिफाइनरी विस्तारीकरण योजना का शुभारंभ करने वाले थे, लेकिन ऐनवक्त पर इस कार्यक्रम को हटा लिया गया और अब प्रधानमंत्री अलग से बीना में ही कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे.
ये है प्रधानमंत्री का संभावित कार्यक्रम : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संभावित दौरे को लेकर प्रशासन और भाजपा ने तैयारियां तेज कर दी है. हांलाकि, अभी तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन माना जा रहा है कि सितम्बर के दूसरे सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बीना का दौरा कर सकते हैं. प्रधानमंत्री सागर जिले के बीना के आगासौद में 2011 से कार्यरत बीना रिफाइनरी के विस्तारीकरण और पेट्रोकेमिकल परियोजना का भूमिपूजन करेंगे. इसमें 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा और हजारों व्यक्तियों को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा. इसके अलावा क्षेत्र में बीना रिफाइनरी से संबंधित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित होंगे. इसके लिए राज्य सरकार ने बीपीसीएल को सीजीएसटी सहित अन्य कई तरह की छूट दी है. नयी परियोजना के अंतर्गत बीना रिफाइनरी में अब गैसोलीन, डीजल, एटीएफ/जेट फ्यूल, पाली प्रोपाईलीन, बिटुमिन, बेंजीन आदि का उत्पादन किया जाएगा, जिसके 2027-28 तक प्रारंभ होने की संभावना है.
प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर भाजपा का ये कहना है: सागर के भाजपा विधायक शैलेन्द्र जैन का कहना है कि "प्रधानमंत्री के सागर जिले में आने के संकेत मिले हैं. सागर जिले में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करने की दृष्टि से ये दौरा काफी महत्वपूर्ण है. इस बात के लिए हम लोगों ने करीब 15 से 20 साल इंतजार किया कि हमारी बीना रिफाइनरी में जब तक नैफ्था क्रेकिंग यूनिट नहीं लगेगा, तब तक हम नए रोजगार के अवसर पैदा नहीं कर पायेंगे. प्रधानमंत्री बीना रिफाइनरी में 50 हजार करोड़ की लागत से बीना रिफाइनरी का विस्तारीकरण करने जा रहे हैं. ये परियोजना भारत ओमान रिफाइनरी का संयुक्त उपक्रम था. ओमान सरकार ने अपनी हिस्सेदारी वापस ले ली, इसलिए बीना रिफाइनरी का सारा आर्थिक बोझ भारत सरकार पर आ गया. इसलिए सारी परियोजना की नए सिरे से योजना बनाई गयी है. हम प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हैं, कि उन्होंने बीना रिफाइनरी के विस्तार के लिए 50 हजार करोड़ के निवेश के लिए हरी झंडी दी. मध्यप्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री के दौरे के लिए भारत सरकार को कुछ तारीख सुझाई है. प्रधानमंत्री कार्यालय से हरी झंडी मिलते ही तारीख तय हो जाएगी."