सागर। कोरोना काल में भारत सरकार ने 'आत्मनिर्भर भारत योजना' की शुरुआत की थी। योजना के तहत अलग-अलग विभागों में अलग-अलग स्कीम लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लाई गई थी. उद्यानिकी विभाग के तहत किसानों को समृद्ध बनाने के लिए 'एक जिला एक उत्पाद योजना' लाई गई थी. योजना के तहत हर जिले की विशेषता के आधार पर उद्यानिकी फसल की प्रोसेसिंग यूनिट के लिए सब्सिडी वाले लोन की सुविधा किसानों को दी जाती है.
टमाटर प्रोसेसिंग यूनिट के लिए चुना गया सागर : आत्मनिर्भर भारत की एक जिला एक उत्पाद के योजना के तहत सागर के लिए टमाटर प्रोसेसिंग यूनिट के लिए चुना गया है. दरअसल जिले में किसान बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती करते हैं. अपने स्वाद और रस के लिए सागर जिले के देशी टमाटर का पूरे बुंदेलखंड और आसपास के इलाकों में काफी नाम है. साथी ही किसान हाइब्रिड किस्मों के टमाटर की खेती कर रहे हैं. जिले में 5000 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर प्रतिबंध से टमाटर का उत्पादन किया जाता है. पिछले सालों के मुकाबले इस साल 10% उत्पादन बढ़ा है.
टमाटर के लिए एक जिला एक उत्पाद में क्या हैं सुविधाएं : टमाटर उत्पादक किसानों को टमाटर से जुड़ी फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए सरकार द्वारा अनुदान दिया जा रहा है। इसके तहत किसान खुद प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर टमाटो सॉस, केचप, सूप, चटनी और पल्प की प्रोसेसिंग यूनिट लगा सकता है. इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ 35% या 10 लाख रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा. उद्यानिकी विभाग सागर से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अब तक 56 लोगों ने टमाटर प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए आवेदन किया है. फिलहाल सिर्फ दो आवेदन अंतिम रूप से स्वीकृत किए जा सके हैं, जिसमें एक यूनिट जिले के विकासखंड और एक यूनिट गढ़ाकोटा में लगाई जाना है. 13 प्रकरण विभाग स्तर पर स्वीकृत हो चुके हैं और अभी बैंक के स्तर की कार्रवाई चल रही है. संभावना है कि जल्दी इन प्रकरणों पर भी फैसला हो जाएगा. इसके अलावा भी 41 प्रकरण विचाराधीन हैं.
भोपाल की बेटी अफ्रीका में दिखाएगी अपनी प्रतिभा, मल्टीनेशनल कंपनी ने दिया 62 लाख का ऑफर
आमदनी का जरिया बढ़ेगा और टमाटर का नुकसान घटेगा : टमाटर एक ऐसी सब्जी है, जिसकी 12 महीने मांग रहती है, लेकिन इसके दामों में काफी उतार-चढ़ाव होता है. कभी टमाटर का भाव सैकड़ा भी पार कर जाता है तो कभी 10 रुपये किलो भी हो जाता है. ऐसी स्थिति में टमाटर की खेती करने वाले किसानों को कई बार काफी नुकसान सहना पड़ता है. मौसम के कालण भी हर साल करीब 25 फीसदी फसल नष्ट हो जाती है. जब टमाटर का बंपर उत्पादन होता है तो उचित दाम ना मिलने के कारण किसान टमाटर को सड़क पर फेंकने के लिए मजबूर होता है. टमाटर प्रोसेसिंग यूनिट लगने से किसानों को आमदनी का एक जरिया तो बन ही जाएगा. साथ में किसान का जो हर साल फसल का नुकसान होता है, वह नहीं होगा.
स्वीकृति में देरी के लिए बैंकिंग प्रक्रिया जिम्मेदार : टमाटर प्रोसेसिंग यूनिट के लिए 56 लोगों ने तो रुचि दिखाई है लेकिन सिर्फ दो लोगों को लोन स्वीकृत होने की बड़ी वजह बैंकिंग प्रक्रिया मानी जा रही है. विभाग स्तर पर तो आवेदन जल्द स्वीकृत हो जाते हैं. लेकिन बैंक स्तर पर भारी भरकम कागजी कार्रवाई और कई तरह की दस्तावेजों की मांग के कारण काफी वक्त लग रहा है. इसके बाद भी आर डी चौबे, तकनीकी अधिकारी,उद्यानिकी विभाग इस योजना को लेकर उत्साहित हैं. (Processing unit related to tomato) (Tomato productivity in Sagar)