सागर। बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेश सरकार 1 जुलाई से 15 जुलाई तक किल कोरोना अभियान चला रही है, इसके माध्यम से हर-घर का सर्वे किया जा रहा है, जिसके लिए गठित दल घर-घर जाकर कोरोना के लक्षणों के आधार पर सर्वे कर रही है. कोरोना के साथ डेंगू और मलेरिया का भी लक्षणों के आधार पर सर्वे किया जा रहा है, लेकिन सर्वे अभियान कारगर साबित होता नजर नही आ रहा है. सर्वे का कार्य कर रहे कर्मचारी खुलकर तो कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं, लेकिन बताते हैं कि सर्वे के दौरान लोग बीमारी के लक्षणों की वास्तविक जानकारी देने से कतरा रहे हैं.
लोगों के मन में खौफ है कि कहीं लक्षणों की जानकारी देने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है या होम क्वारेंटाइन किया जा सकता है. ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे का कार्य कर रहे कर्मचारियों को शासन के आदेशानुसार थ्री लेयर मास्क, हैंड ग्लव्स, सैनिटाइजर उपलब्ध नहीं कराया गया है, ऐसे में कर्मचारी जान जोखिम में डालकर सर्वे करने को मजबूर हैं.