भोपाल । कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश के कोचिंग इंस्टीट्यूट करीब 4 महीने से बंद हैं. राजधानी में छोटे-बड़े करीब 300 से ज्यादा कोचिंग संस्थान हैं. 4 महीनों से बंद पड़े इन कोचिंग संस्थानों में कई तो ऐसे हैं, जो अब बंद होने की कगार पर आ गए हैं. कोचिंग संस्थानों को लॉकडाउन के चलते करीब 500 से 700 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है. प्रदेश के बड़े शहरों में कई कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाए जाते हैं.
राजधानी के एमपी नगर में ही 200 से ज्यादा बड़े कोचिंग संस्थान हैं और करीब 100 छोटे कोचिंग संस्थान पूरे शहर भर में हैं. आलम यह है कि कुछ संचालकों ने तो अपनी कोचिंग का सामान बेचकर बिल्डिंग खाली कर दी है, तो वहीं कुछ कोचिंग संस्थान बंद होने की कगार पर हैं. अगर कोचिंग खुल भी जाते हैं, तो पेरेंट्स अपने बच्चों को कोचिंग भेजेंगे या नहीं यह भी एक बड़ी परेशानी बनी हुई है. प्राइवेट कोचिंग ऑनर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष संजय तिवारी ने बताया कि कोचिंग संचालक लगातार सरकार से कोचिंग इंस्टीट्यूट खोलने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री को भी पत्र सौंपा गया है, जिसमें निम्न मांगें की गई हैं-
1. लॉकडाउन के दौरान का भवन किराया माफ होना चाहिए.
2. कोचिंग को MSME का दर्जा दिया जाए.
3. जीएसटी से 31 मार्च 2021 तक छूट मिले.
4. लॉकडाउन के दौरान का बिजली बिल माफ हो.
5. जुलाई के प्रथम सप्ताह से 50 फीसदी छात्रों के साथ कोचिंग खोलने की अनुमति दी जाए.
इसके अलावा कोचिंग संचालकों ने कहा कि ज्यादातर कोचिंग इंस्टीट्यूट किराए के भवन में संचालित किए जाते हैं. कोचिंग संस्थान पर कई परिवार निर्भर हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि 50 फीसदी छात्रों के साथ कोचिंग खोलने की अनुमति दी जाए. कोचिंग इंस्टिट्यूट में पूरी तरीके से सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सेनिटाइजर और कोरोना से बचाव के उपाय किए जाएंगे.