सागर। यातायात चालानी कार्रवाई में पारदर्शिता लाने के लिये ई-चालान की व्यवस्था की जा रही है. इसके के लिये POS(POINT OF SALE) मशीन को मध्य प्रदेश के सभी जिलों में प्रारम्भ किया जा रहा है. इस व्यवस्था के बाद ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले वाहन चालक का ट्रैफिक जवान मौके पर ही फोटो खींचेगा और गाड़ी का रजिस्टर्ड नंबर पीओएस मशीन में फीड करेगा. इसके बाद जुर्माने की राशि डिस्प्ले पर आ जाएगी. फिर पेमेंट के तीन ऑप्शन (डेबिट / क्रेडिट कार्ड, यूपीआई एवं नेट बैंकिंग) में से एक को सिलेक्ट कर जुर्माना भरा जा सकेगा.
भुगतान के बाद रसीद मिलेगी : इसके अलावा नगद राशि का भुगतान करके भी मशीन के माध्यम से रशीद प्राप्त कर सकेगा. यदि वह दोनों की स्थिति में जुर्माना नहीं भर रहा है तो उसके बैंक खातें में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक लिंक शेयर की जाएगी. इसके माध्यम से यदि 3 दिन में जुर्माना नहीं भरा तो चालान/ई चालान वर्चुअल कोर्ट में ट्रांसफर हो जाएगा. जहां से वाहन चालक को SMS के माध्यम से समन भेजा जायेगा और साथ ही लिंक के माध्यम से पैसे जमा करने का एलर्ट भी जायेगा. इसके बाद भी जमा नही करने की स्थिति में 15 दिन के बाद चालान एक्चुअल कोर्ट (संबंधित थाना क्षेत्र) में ट्रांसफर हो जाएगा.
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क्या होगा अगर नहीं भरा चालान : सॉफ्टवेयर के माध्यम से किसी वाहन चालक के उसके पूर्व में मोटर व्हीकल एक्ट अंतर्गत काटे गये चालानों की जानकारी भी प्राप्त हो सकेगी, जिससें किसी व्यक्ति के आदतन यातायात नियमों का पालन नही किये जाने की हिस्ट्री की जानकारी भी प्राप्त हो जाती है. ऑनलाइन भरा जाने वाला जुर्माना सीधे शासन के मद में जमा हो जाता है और ऑफलाइन भरे जाने वाले जुर्माना को मेनुअली थाने के द्वारा वर्तमान में संचालित व्यवस्था के अनुसार ही भरा जावेगा. ई-चालान का डेटा ई-कोर्ट से लिंक होगा, चालान काटते ही डेटा शेयर होकर ई-कोर्ट पहुंचेगा. नई व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग वाली कमेटी की देखरेख में शुरू हो रही है. इसकी निगरानी हाईकोर्ट के न्यायाधीश करेंगे. (New system of challaning of vehicles) (challaning of vehicles in Sagar Division) (E challan will be cashless)