सागर। लाखा बंजारा झील में संघ कार्यालय सहित रसूखदारों के अतिक्रमण को लेकर एनजीटी में हुई सुनवाई में सरकार ने हाथ खड़े करते हुए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया और कहा है कि अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है. इस बात को लेकर एनजीटी ने सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. एनजीटी ने कहा कि झील को बचाना सरकार की ही जिम्मेदारी है और अगर अधिकारी लापरवाही कर रहे हैं, तो उनके ऊपर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश भी दिए जा सकते हैं. फिलहाल एनजीटी ने सरकार को 3 हफ्ते का समय देकर रिपोर्ट पेश करने को कहा है. (lakha banjara jheel sagar)
एनजीटी में दायर की थी याचिका
दरअसल सागर की ऐतिहासिक लाखा बंजारा झील में अतिक्रमण को लेकर जया ठाकुर ने एनजीटी में याचिका दायर की थी. इस याचिका में तालाब का सीमांकन कराकर अतिक्रमण हटाने की मांग की गई थी. एनजीटी के आदेश पर जिला प्रशासन द्वारा लाखा बंजारा झील का सीमांकन कराया गया था. जिला प्रशासन की रिपोर्ट में 36 लोगों द्वारा झील पर अतिक्रमण पाया गया था. (ngt verdict on lakha banjara jheel sagar)
एनजीटी ने सरकार को लगाई फटकार
इस मामले की सुनवाई करते हुए दिसंबर 2021 में सरकार को चार हफ्ते का समय देते हुए स्टेट्स रिपोर्ट मांगी थी. आज इसी मामले में हुई सुनवाई में सरकार ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से पल्ला झाड़ लिया है. एनजीटी ने कहा है कि यह जिम्मेदारी हमारी नहीं नगर निगम की है. सरकार की तरफ से सचिन वर्मा पैरवी कर रहे थे. (NGT reprimanded government in sagar)
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सरकार की तरफ से आए जवाब को लेकर एनजीटी ने नाराजगी जाहिर की है. एनजीटी ने फटकार लगाते हुए कहा कि अगर इस मामले में गंभीरता नहीं बरती गई, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए जाएंगे. उन्होंने सरकार से कहा कि यह जिम्मेदारी सरकार की ही है. वह अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती है.
संघ कार्यालय सहित कई रसूखदारों का झील पर कब्जा
गौरतलब है कि एनजीटी के निर्देश पर ही सागर की लाखा बंजारा झील का सीमांकन कराया गया था और सागर के पूर्व सांसद लक्ष्मी नारायण यादव के बेटे सुधीर यादव के अलावा संघ कार्यालय वंदना और कई रसूखदारों का झील पर अतिक्रमण पाया गया था। झील पर अतिक्रमण करने वालों की संख्या 36 बताई गई थी। जिला प्रशासन द्वारा कराई गई सीमांकन की रिपोर्ट एनजीटी के समक्ष पेश की गई थी और एनजीटी ने अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। लेकिन अभी तक लाखा बंजारा झील का जिक्र नहीं हटाया गया है।