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रॉयल टाइगर, गिद्ध और भेड़िए को मिला प्लैनेट पर नया एड्रेस, नौरादेही सेंक्चुरी की यूनिक Logo से बदली काया - Rani Durgavati Tiger

Nauradehi Tiger Reserve: एमपी के नौरादेही अभ्यारण्य अभी तक टाइगर के लिए ही जाना जाता है. लेकिन अब नौरादेही टाइगर रिजर्व में गिद्ध और भेड़िए भी रहेंगे. लिहाजा नौरादेही टाइगर के साथ गिद्ध और भेड़ियों का संरक्षण करेगा.

Nauradehi Tiger Reserve
नौरादेही टाइगर रिजर्व में होंगे भेड़िए और गिद्ध
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 10, 2024, 9:35 PM IST

Updated : Jan 11, 2024, 12:38 PM IST

नौरादेही को मिली नई पहचान

सागर। मध्य प्रदेश के सबसे बडे़ टाइगर रिजर्व के रूप में आकार ले चुके नौरादेही अभ्यारण्य का नाम अब रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व हो गया है. पिछले साल सितंबर माह में नोटिफिकेशन जारी होने के बाद नौरादेही टाइगर रिजर्व अब नए सिरे से अपनी पहचान बना रहा है. कभी सिर्फ भारतीय भेड़ियों को प्राकृतिक आवास के रूप में जाने जाने वाले इस अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने के बाद अब इसके मोनो का लोकार्पण किया गया है. जिसमें टाइगर के अलावा गिद्ध और भारतीय भेडियों को भी स्थान दिया गया है, क्योंकि टाइगर के साथ-साथ पूरे प्रदेश में भारतीय भेड़ियों के संरक्षण और गिद्ध के संरक्षण के लिए नौरादेही का अपनी अलग पहचान है.

Rani Durgavati Tiger Reserve
नौरादेही अब हुआ रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व

नए मोनो में सिर्फ टाइगर नहीं

मध्य प्रदेश के सबसे बडे़ वन्यजीव अभ्यारण्य नौरादेही अभ्यारण्य और दमोह जिले के रानी दुर्गावती अभ्यारण्य को मिलाकर 20 सितंबर 2023 को रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व का नोटिफिकेशन जारी किया गया था. एमपी के सातवें और सबसे बडे़ टाइगर रिजर्व के रूप में आकार ले चुके टाइगर रिजर्व का हाल ही में मोनो जारी किया गया है. इस मोनो में खास बात ये है कि टाइगर के अलावा गिद्ध और भारतीय भेड़िए को भी स्थान दिया गया है, क्योंकि नौरादेही जब तक वन्य जीव अभ्यारण्य था, तो इसकी पहचान भारतीय भेड़ियों के प्राकृतिक आवास के तौर पर थी और इसके मोनो भी भेड़िया बनाया गया था. इसके अलावा गिद्ध को भी मोनो में इसलिए स्थान दिया गया है, क्योंकि नौरादेही ही एक ऐसी जगह है, जहां सभी सात प्रजाति के गिद्ध पाए जाते हैं. जिनमें घरेलू और प्रवासी प्रजाति भी शामिल है. मोनो को टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों ने मिलकर तैयार किया है.

टाइगर रिजर्व में 19 टाइगर

फिलहाल रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 19 है. जिनमें 4 शावक हैं. हालांकि पिछले चार सालों में ही नौरादेही में बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है. इसके पहले 2011 में नौरादेही में आखिरी बार टाइगर देखा गया था. उसके बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण योजना के अतंर्गत 2018 में यहां बाघिन राधा और बाघ किशन को छोड़ा गया और दोनों ने महज चार साल में बाघों का कुनबा 19 पहुंचा दिया. खास बात ये है कि पन्ना टाइगर रिजर्व केन बेतवा लिंक परियोजना के डूब क्षेत्र में आ रहा है, तो वहां के टाइगर नौरादेही ही शिफ्ट किए जाएंगे.

Rani Durgavati Tiger Reserve
बाघ

गिद्धों के मामले में प्रदेश में तीसरा स्थान

बाघों के अलावा गिद्ध संरक्षण में भी टाइगर रिजर्व की एक अलग पहचान है. पिछली गणना में नौरादेही अभ्यारण्य प्रदेश में तीसरे स्थान पर था. अब फिर गिद्धों की गणना शुरू की जाएगी. खास बात ये है कि नौरादेही में सात प्रजातियों के गिद्ध रहते हैं. जिनमें कुछ घरेलू और प्रवासी भी हैं. इस बार तो भारी संख्या में प्रवासी गिद्ध भी नौरादेही आए हैं. माना जा रहा है कि गिद्धों की संख्या के मामले में भी टाइगर रिजर्व इस बार की गणना में ऊपरी पायदान पर पहुंचेगा.

भारतीय भेड़िया नौरादेही की पुरानी पहचान

जहां तक इंडियन ग्रे वुल्फ या फिर भारतीय भेड़िए की बात करें, तो नौरादेही अभ्यारण्य की पुरानी पहचान भारतीय भेड़ियों के कारण ही है. नौरादेही अभ्यारण्य के पहले के लोगों को भी देखेंगे, तो उसमें सिर्फ भारतीय भेड़िए का चित्र उकेरा गया था. इसलिए अपनी पुरानी पहचान बरकरार रखने के लिए नए मोनो में भारतीय भेड़िया शामिल किया गया है. खास बात ये है कि भारतीय भेड़िए के कारण ही है, यहां बाघ संरक्षण परियोजना शुरू की गयी और भविष्य में कूनो से चीता यहां बसाए जाने की योजना पर भी भारतीय भेड़ियों की पर्याप्त संख्या के कारण किया जा रहा है, क्योंकि बाघ और चीतों के लिए भारतीय भेड़िया एक अच्छा भोजन है.

Rani Durgavati Tiger Reserve
भेड़िया

धीरे-धीरे आकार ले रहा है टाइगर रिजर्व

रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व की बात करें, तो भले ही नौरादेही अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिल चुका है, लेकिन एक व्यवस्थित स्वरूप में आने में अभी वक्त लगेगा, क्योंकि करीब 60 गांव जो टाइगर रिजर्व के अंदर बसे हैं, उनका विस्थापन अभी चल रहा है. इसके अलावा पर्यटकों के लिए तमाम सुविधाओं को भी धीरे-धीरे विस्तार हो रहा है. जिसमें सफारी, रिसार्ट और बडे़- बडे़ निवेशक होटल खोलने की भी तैयारी में है.

Rani Durgavati Tiger Reserve
नौरादेही में गिद्ध भी रखे जाएंगे

यहां पढ़ें...

नौरादेही को मिली नई पहचान

सागर। मध्य प्रदेश के सबसे बडे़ टाइगर रिजर्व के रूप में आकार ले चुके नौरादेही अभ्यारण्य का नाम अब रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व हो गया है. पिछले साल सितंबर माह में नोटिफिकेशन जारी होने के बाद नौरादेही टाइगर रिजर्व अब नए सिरे से अपनी पहचान बना रहा है. कभी सिर्फ भारतीय भेड़ियों को प्राकृतिक आवास के रूप में जाने जाने वाले इस अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने के बाद अब इसके मोनो का लोकार्पण किया गया है. जिसमें टाइगर के अलावा गिद्ध और भारतीय भेडियों को भी स्थान दिया गया है, क्योंकि टाइगर के साथ-साथ पूरे प्रदेश में भारतीय भेड़ियों के संरक्षण और गिद्ध के संरक्षण के लिए नौरादेही का अपनी अलग पहचान है.

Rani Durgavati Tiger Reserve
नौरादेही अब हुआ रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व

नए मोनो में सिर्फ टाइगर नहीं

मध्य प्रदेश के सबसे बडे़ वन्यजीव अभ्यारण्य नौरादेही अभ्यारण्य और दमोह जिले के रानी दुर्गावती अभ्यारण्य को मिलाकर 20 सितंबर 2023 को रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व का नोटिफिकेशन जारी किया गया था. एमपी के सातवें और सबसे बडे़ टाइगर रिजर्व के रूप में आकार ले चुके टाइगर रिजर्व का हाल ही में मोनो जारी किया गया है. इस मोनो में खास बात ये है कि टाइगर के अलावा गिद्ध और भारतीय भेड़िए को भी स्थान दिया गया है, क्योंकि नौरादेही जब तक वन्य जीव अभ्यारण्य था, तो इसकी पहचान भारतीय भेड़ियों के प्राकृतिक आवास के तौर पर थी और इसके मोनो भी भेड़िया बनाया गया था. इसके अलावा गिद्ध को भी मोनो में इसलिए स्थान दिया गया है, क्योंकि नौरादेही ही एक ऐसी जगह है, जहां सभी सात प्रजाति के गिद्ध पाए जाते हैं. जिनमें घरेलू और प्रवासी प्रजाति भी शामिल है. मोनो को टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों ने मिलकर तैयार किया है.

टाइगर रिजर्व में 19 टाइगर

फिलहाल रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 19 है. जिनमें 4 शावक हैं. हालांकि पिछले चार सालों में ही नौरादेही में बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है. इसके पहले 2011 में नौरादेही में आखिरी बार टाइगर देखा गया था. उसके बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण योजना के अतंर्गत 2018 में यहां बाघिन राधा और बाघ किशन को छोड़ा गया और दोनों ने महज चार साल में बाघों का कुनबा 19 पहुंचा दिया. खास बात ये है कि पन्ना टाइगर रिजर्व केन बेतवा लिंक परियोजना के डूब क्षेत्र में आ रहा है, तो वहां के टाइगर नौरादेही ही शिफ्ट किए जाएंगे.

Rani Durgavati Tiger Reserve
बाघ

गिद्धों के मामले में प्रदेश में तीसरा स्थान

बाघों के अलावा गिद्ध संरक्षण में भी टाइगर रिजर्व की एक अलग पहचान है. पिछली गणना में नौरादेही अभ्यारण्य प्रदेश में तीसरे स्थान पर था. अब फिर गिद्धों की गणना शुरू की जाएगी. खास बात ये है कि नौरादेही में सात प्रजातियों के गिद्ध रहते हैं. जिनमें कुछ घरेलू और प्रवासी भी हैं. इस बार तो भारी संख्या में प्रवासी गिद्ध भी नौरादेही आए हैं. माना जा रहा है कि गिद्धों की संख्या के मामले में भी टाइगर रिजर्व इस बार की गणना में ऊपरी पायदान पर पहुंचेगा.

भारतीय भेड़िया नौरादेही की पुरानी पहचान

जहां तक इंडियन ग्रे वुल्फ या फिर भारतीय भेड़िए की बात करें, तो नौरादेही अभ्यारण्य की पुरानी पहचान भारतीय भेड़ियों के कारण ही है. नौरादेही अभ्यारण्य के पहले के लोगों को भी देखेंगे, तो उसमें सिर्फ भारतीय भेड़िए का चित्र उकेरा गया था. इसलिए अपनी पुरानी पहचान बरकरार रखने के लिए नए मोनो में भारतीय भेड़िया शामिल किया गया है. खास बात ये है कि भारतीय भेड़िए के कारण ही है, यहां बाघ संरक्षण परियोजना शुरू की गयी और भविष्य में कूनो से चीता यहां बसाए जाने की योजना पर भी भारतीय भेड़ियों की पर्याप्त संख्या के कारण किया जा रहा है, क्योंकि बाघ और चीतों के लिए भारतीय भेड़िया एक अच्छा भोजन है.

Rani Durgavati Tiger Reserve
भेड़िया

धीरे-धीरे आकार ले रहा है टाइगर रिजर्व

रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व की बात करें, तो भले ही नौरादेही अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिल चुका है, लेकिन एक व्यवस्थित स्वरूप में आने में अभी वक्त लगेगा, क्योंकि करीब 60 गांव जो टाइगर रिजर्व के अंदर बसे हैं, उनका विस्थापन अभी चल रहा है. इसके अलावा पर्यटकों के लिए तमाम सुविधाओं को भी धीरे-धीरे विस्तार हो रहा है. जिसमें सफारी, रिसार्ट और बडे़- बडे़ निवेशक होटल खोलने की भी तैयारी में है.

Rani Durgavati Tiger Reserve
नौरादेही में गिद्ध भी रखे जाएंगे

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Last Updated : Jan 11, 2024, 12:38 PM IST
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