ETV Bharat / state

MP Sagar: बेहद शर्मनाक! खराब डीप फ्रिजर में रख दिया अज्ञात शव, सड़ने से कीड़े पड़े

सागर जिला चिकित्सालय में पोस्टमार्टम के लिए मर्चुरी में रखे शव की आंखें कुतरे जाने का मामला सामने आया था. अब जिले की बीना की सिविल अस्पताल में एक अज्ञात शव के साथ घोर लापरवाही का मामला सामने आया है. दरअसल, बीना थाना द्वारा एक अज्ञात शव सिविल अस्पताल में भेजा गया था, जिसे अस्पताल के कर्मचारियों ने खराब पड़े डीप फ्रीजर में रख दिया. शव खराब फ्रीजर में रखे होने के कारण बुरी तरह से सड़ गया और उसमें कीड़े पड़ गए.

dead body kept in bad deep freezer
खराब डीप फ्रिजर में रख दिया अज्ञात शव सड़ने से कीड़े पड़े
author img

By

Published : Apr 5, 2023, 2:46 PM IST

खराब डीप फ्रिजर में रख दिया अज्ञात शव सड़ने से कीड़े पड़े

सागर। पोस्टमार्टम के लिए शव को फ्रीजर से बाहर निकाला गया तो शव की हालत देख लोग दहशत में आ गए और बदबू के कारण अस्पताल और आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया. शव की शिनाख्त ना हो पाने के कारण नगर पालिका द्वारा अंतिम संस्कार किया जाना था, लेकिन शव की हालत देख नगर पालिका के कर्मचारी भाग खड़े हुए. इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि स्टाफ द्वारा डीप फ्रीजर खराब होने की जानकारी नहीं दी गई थी, इसलिए इस तरह की घटना सामने आई है.

क्या है मामला : बीना थाना प्रभारी कमल निगवाल ने बताया कि रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात करीब डेढ़ बजे सूचना मिली थी कि हींगटी मार्ग पर एक अज्ञात युवक का शव पड़ा है. सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव पंचनामा कार्रवाई कर रात करीब तीन बजे सिविल अस्पताल की मर्चूरी में रखवा दिया. जिसे अस्पताल के स्टाफ ने लापरवाही से करीब 15 दिनों से खराब फ्रीजर में रख दिया. तीन दिन बाद बीना पुलिस थाने का स्टाफ अज्ञात शव के पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल पहुंचा और औपचारिकता पूरी करते हुए जैसे ही शव को मजदूरी के डीप फ्रीजर से निकाला गया,तो शव की हालत देख लोगों के होश उड़ गए और बदबू के कारण हड़कंप की स्थिति बन गयी.

क्षत-विक्षत शव का पोस्टमार्टम : दरअसल डीप फ्रीजर खराब होने के कारण शव में कीड़े पड़ गए थे और बुरी तरह से क्षत-विक्षत हो गया था. वहीं फ्रीजर खुलते ही पूरे अस्पताल परिसर में बदबू फैल गई. हालांकि कानूनी औपचारिकताओं को ध्यान रखते हुए क्षत-विक्षत शव का पोस्टमार्टम कराया गया. जब नगरपालिका के कर्मचारियों से दफनाने के लिए पहुंचे, तो बदबू और शल की हालत देख कर भाग खड़े हुए. पुलिस की लाख समझाइश के बाद नगर पालिका के कर्मचारी शव का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हुए. तब जाकर शव को दफनाया जा सका.

पल्ला झाड़ रहा अस्पताल प्रबंधन : इस मामले में बीना सिविल अस्पताल बीएमओ डॉ.संजीव अग्रवाल जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं. एक तरफ उनका कहना है कि मर्चुरी का डीप फ्रीजर 15 दिन से खराब था. लेकिन स्टाफ द्वारा मुझे जानकारी नहीं दी गयी. अगर मुझे जानकारी दी जाती, तो उसे समय पर सुधरवा दिया जाता. इतना ही नहीं बीएमओ का कहना है कि मर्चुरी के रखरखाव की जिम्मेदारी अस्पताल की नहीं, बल्कि पुलिस के कार्य क्षेत्र में आती है. हमारा स्टाफ सिर्फ पुलिस की शव रखने और पोस्टमार्टम में मदद करता है. अगर मर्चुरी में कोई भी सुधार की जरूरत होती है तो उसे थाना द्वारा कराया जाना चाहिए.

ये खबरें भी पढ़ें...

क्या कहना है पुलिस का: बीना की सिविल अस्पताल के प्रबंधन की दलील पर बीना थाना प्रभारी कमल निगवाल का कहना है कि मर्चुरी किसी भी अस्पताल का हिस्सा होती है. पुलिस द्वारा मर्चुरी की व्यवस्थाएं कभी नहीं की जाती हैं. जहां तक शव के 3 दिन तक मर्चुरी में पड़े रहने का सवाल है तो अज्ञात शव की स्थिति में 2 दिन तक हम शिनाख्ती का प्रयास करते हैं और फिर तीसरे दिन शव का पोस्टमार्टम कराकर खुद ही अंतिम संस्कार करवा देते हैं. शव अज्ञात होने के कारण 2 दिन तक उसकी शिनाख्ती का इंतजार किया गया था.

खराब डीप फ्रिजर में रख दिया अज्ञात शव सड़ने से कीड़े पड़े

सागर। पोस्टमार्टम के लिए शव को फ्रीजर से बाहर निकाला गया तो शव की हालत देख लोग दहशत में आ गए और बदबू के कारण अस्पताल और आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया. शव की शिनाख्त ना हो पाने के कारण नगर पालिका द्वारा अंतिम संस्कार किया जाना था, लेकिन शव की हालत देख नगर पालिका के कर्मचारी भाग खड़े हुए. इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि स्टाफ द्वारा डीप फ्रीजर खराब होने की जानकारी नहीं दी गई थी, इसलिए इस तरह की घटना सामने आई है.

क्या है मामला : बीना थाना प्रभारी कमल निगवाल ने बताया कि रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात करीब डेढ़ बजे सूचना मिली थी कि हींगटी मार्ग पर एक अज्ञात युवक का शव पड़ा है. सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव पंचनामा कार्रवाई कर रात करीब तीन बजे सिविल अस्पताल की मर्चूरी में रखवा दिया. जिसे अस्पताल के स्टाफ ने लापरवाही से करीब 15 दिनों से खराब फ्रीजर में रख दिया. तीन दिन बाद बीना पुलिस थाने का स्टाफ अज्ञात शव के पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल पहुंचा और औपचारिकता पूरी करते हुए जैसे ही शव को मजदूरी के डीप फ्रीजर से निकाला गया,तो शव की हालत देख लोगों के होश उड़ गए और बदबू के कारण हड़कंप की स्थिति बन गयी.

क्षत-विक्षत शव का पोस्टमार्टम : दरअसल डीप फ्रीजर खराब होने के कारण शव में कीड़े पड़ गए थे और बुरी तरह से क्षत-विक्षत हो गया था. वहीं फ्रीजर खुलते ही पूरे अस्पताल परिसर में बदबू फैल गई. हालांकि कानूनी औपचारिकताओं को ध्यान रखते हुए क्षत-विक्षत शव का पोस्टमार्टम कराया गया. जब नगरपालिका के कर्मचारियों से दफनाने के लिए पहुंचे, तो बदबू और शल की हालत देख कर भाग खड़े हुए. पुलिस की लाख समझाइश के बाद नगर पालिका के कर्मचारी शव का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हुए. तब जाकर शव को दफनाया जा सका.

पल्ला झाड़ रहा अस्पताल प्रबंधन : इस मामले में बीना सिविल अस्पताल बीएमओ डॉ.संजीव अग्रवाल जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं. एक तरफ उनका कहना है कि मर्चुरी का डीप फ्रीजर 15 दिन से खराब था. लेकिन स्टाफ द्वारा मुझे जानकारी नहीं दी गयी. अगर मुझे जानकारी दी जाती, तो उसे समय पर सुधरवा दिया जाता. इतना ही नहीं बीएमओ का कहना है कि मर्चुरी के रखरखाव की जिम्मेदारी अस्पताल की नहीं, बल्कि पुलिस के कार्य क्षेत्र में आती है. हमारा स्टाफ सिर्फ पुलिस की शव रखने और पोस्टमार्टम में मदद करता है. अगर मर्चुरी में कोई भी सुधार की जरूरत होती है तो उसे थाना द्वारा कराया जाना चाहिए.

ये खबरें भी पढ़ें...

क्या कहना है पुलिस का: बीना की सिविल अस्पताल के प्रबंधन की दलील पर बीना थाना प्रभारी कमल निगवाल का कहना है कि मर्चुरी किसी भी अस्पताल का हिस्सा होती है. पुलिस द्वारा मर्चुरी की व्यवस्थाएं कभी नहीं की जाती हैं. जहां तक शव के 3 दिन तक मर्चुरी में पड़े रहने का सवाल है तो अज्ञात शव की स्थिति में 2 दिन तक हम शिनाख्ती का प्रयास करते हैं और फिर तीसरे दिन शव का पोस्टमार्टम कराकर खुद ही अंतिम संस्कार करवा देते हैं. शव अज्ञात होने के कारण 2 दिन तक उसकी शिनाख्ती का इंतजार किया गया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.