सागर। सागर के छावनी इलाके में पुरानी सदर स्थित पिछले शुक्रवार को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की कई बच्चियां बेहोश होकर गिर गयी थी, उन्हें आनन-फानन में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कुछ बच्चियों की तबीयत घर पहुंचने पर बिगड़ गयी थी और उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पहले तो जिला अस्पताल में बच्चियों को इलाज लिए आईसीयू में भर्ती किया गया, फिर उन्हें जनरल वार्ड में भेज दिया, तो परिजन खुद निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं. दूसरी तरफ प्रशासन ने दिशा निर्देश जारी कर रस्म अदायगी कर पल्ला झाड़ लिया है. कांग्रेस का कहना है कि "जब घटना स्कूल में घटी तो बच्चियों के इलाज और सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन को लेना चाहिए."
क्या है मामला: शुक्रवार दोपहर को सागर कैंट इलाके में पुरानी सदर में स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में दोपहर के वक्त एक-एक करके स्कूल की करीब 6 से अधिक बच्चियां बेहोश हो गयी, जिन्हें एंबुलेंस की मदद से तत्काल जिला अस्पताल भेजा गया. स्कूल प्रशासन कुछ समझ पाता, तब तक स्कूल में वो अभिभावक पहुंचने लगे, जिनके घर की बच्चियां स्कूल से घर पहुंचने पर बीमार हो गयी थी और उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. शुरूआत में माना गया कि गर्मी और उमस के अलावा स्कूल की बाथरुम की सफाई के कारण ऐसा हो गया होगा, लेकिन मामले ने तूल तब पकड़ लिया, जब जिला अस्पताल में भर्ती स्कूली छात्राओं सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया.
इस बात से नाराज परिजन छात्राओं को डिस्चार्ज कराकर निजी अस्पतालों में पहुंच गए. मामला सामने आते ही सागर जिला कांग्रेस शहर की पूर्व अध्यक्ष रेखा चौधरी ने अस्पताल पहुंचकर छात्राओं से मुलाकात की और उनके इलाज में लापरवाही को लेकर सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़े किए है. वहीं रेखा चौधरी का कहना है कि एक तरफ भीषण गर्मी पड़ रही है, दूसरी तरफ आई फ्लू भी फैला है, लेकिन प्रशासन बच्चों की सेहत को लेकर लापरवाह है.
जिला शिक्षा अधिकारी ने पत्र जारी कर झाड़ा पल्ला: दूसरी तरफ घटना सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी निजी और सरकारी स्कूलों को एक पत्र जारी कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है. भीषण गर्मी और उमस के कारण छात्र छात्राओं को अध्यापन कार्य में शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में प्रार्थना धूप में ना कराकर कक्षा में कराएं और छात्र छात्राओं को ज्यादा देर तक खड़ा ना करें. स्कूल में ठंडक बनाए रखने के लिए समुचित व्यवस्था की जाए. खिड़की खुली रखी जाएं, पंखे चालू स्थिति में हो और साफ स्वच्छ पानी का इंतजाम किया जाए. साथ ही बच्चा वर्षा जनित रोगों से पीड़ित हो, तो स्कूल आने पर मजबूर ना किया जाए. निकटतम स्वास्थ केंद्र से बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराएं. ये इंतजाम नहीं किए जाने पर किसी तरह की घटना होने पर जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होगी.