सागर (Agency, ANI)। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को कई दिनों से आश्रम के खिलाफ शिकायतें मिल रही थीं. इसके बाद आयोग की चार सदस्यीय टीम ने यहां का अचानक निरीक्षण किया. आयोग के अध्यक्ष प्रियंका कानूनगो, ओमकार सिंह, डॉ. निवेदिता शर्मा और रेखा पवार टीम में थे. आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि आश्रम में कई अनियमितताएं पाई गईं हैं. हमें पता चला कि कुछ बच्चों को लंबे समय से यहां रखा गया है और उनके माता-पिता और परिवार के बारे में पूरी जानकारी है, लेकिन उन्हें उनके परिवारों के साथ नहीं लौटाया गया.
विदेशों से फंड लेने की बात : आयोग की टीम का कहना है कि विदेशों से स्पॉन्सरशिप लेकर बच्चों के नाम पर बड़ी मात्रा में विदेशी चंदा इकट्ठा किया गया है. उस फंडिंग के लालच में यहां बच्चों को रखा जाता था. बच्चों के रहन-सहन की स्थिति भी दयनीय है. टीन के शेड लगे हैं और उनमें कई छेद हैं. बच्चों के रहने वाले कमरों में अनाज रखा हुआ था. कानूनगो ने कहा कि बाल गृह बच्चों के रहने योग्य स्थिति में नहीं था. लेकिन वे इस आधार पर बार-बार जमीन पर कब्जा कर लेते हैं कि यहां बच्चे रह रहे हैं.
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धर्म परिवर्तन का शक : आयोग की टीम का कहना है कि वे सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) के आदेश के बिना बच्चों को रखते हैं और यहां बच्चों की सामाजिक जांच रिपोर्ट नहीं मिली. कुल मिलाकर इतनी कमियां पाई गई हैं और हम पुलिस और प्रशासन को कार्रवाई के लिए लिख रहे हैं. उन्होंने बाल गृह में धर्म परिवर्तन की प्रथा पर भी संदेह जताया. एक लड़की जब यहां आई तो उसका नाम हिंदू था, अब वह बालिग हो गई है लेकिन उसका नाम ईसाई लगता है. साथ ही यहां के एक पुजारी ने हमारी एक सदस्य निवेदिता शर्मा के साथ भी बदसलूकी की और उसकी वीडियोग्राफी करने की कोशिश की.