सागर। मध्यप्रदेश सरकार के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर वर्ष 2022-23 की कार्य योजना में लंबित विकास परियोजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति करने की मांग की. उन्होंने जिले में नए पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो रहे नौरादेही अभयारण्य से गुजरने वाले राजमार्ग एसएच -21 के 21 किलोमीटर मार्ग को एलिवेटेड कॉरिडोर में तब्दील करने का अनुरोध भी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से किया. उन्होंने कहा कि नौरादेही अभ्यारण्य मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा अभ्यारण्य है. इस अभयारण्य में बाघों को बसाया जा रहा है और टाइगर रिजर्व के रूप में बदले जाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है.
नौरादेही अभयारण्य में चीते बसाने की योजना : गोपाल भार्गव ने बताया कि नौरादेही अभयारण्य में भविष्य में अफ्रीकन चीतों की अगली पीढ़ी को बसाए जाने की भी योजना है. रेहली-जबलपुर मार्ग पर नौरादेही अभ्यारण्य में करीब 21 किलोमीटर सड़क को एलिवेटेड कॉरिडोर में तब्दील किया जाता है तो आवागमन में सुविधा होगी और पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी. मंत्री गोपाल भार्गव ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को बताया कि कार्य योजना 2022- 23 में 4935 करोड़ कि 14 कार्य शामिल किए गए थे, जिनमें से 11 कार्यों की स्वीकृति जारी होना है. उन्होंने केंद्रीय मंत्री से 9 सड़कों के 77 करोड़ और आठ फ्लाईओवर के 512 करोड रुपए की राशि जल्द जारी करने की मांग भी केंद्रीय मंत्री से की है.
ढाना को एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने की मांग : पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री माधवराव सिंधिया से भी मुलाकात की. इस मुलाकात में उन्होंने सागर की 35 साल पुरानी ढाना हवाई पट्टी को एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि सागर में केंद्रीय विश्वविद्यालय, बीना रिफाइनरी सैन्य छावनी स्टेट फॉरेंसिक और डीएनए लैब के अलावा नौरादेही अभयारण्य जैसे महत्वपूर्ण स्थान है और हवाई कनेक्टिविटी की जरूरत है. इसलिए ढाना हवाई पट्टी को एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जाए. मंत्री गोपाल भार्गव ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर कोपरा परियोजना की अनुमति का भी निवेदन किया है.
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चुनाव के मद्देनजर मुलाकात अहम : लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव की केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात को लेकर माना जा रहा है कि चुनावी साल में मध्य प्रदेश सरकार लंबित पड़ी परियोजनाएं जल्द पूरा करना चाहती है. जिन योजनाओं की स्वीकृति बाकी है और जिन योजनाओं का बजट अभी मध्यप्रदेश सरकार को नहीं मिला है, उनकी प्रशासकीय स्वीकृति और राशि आवंटन जल्द हो जाने से इन परियोजनाओं को मूर्त रूप देने में मदद मिलेगी.