सागर। वर्चुअल कान्फ्रेंस के माध्यम से मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की अध्यक्षता में हुई साधिकर समिति की बैठक में सागर की केंद्रीय जेल को चितौरा के पास 200 एकड़ जमीन पर 250 करोड़ रुपए की लागत से तैयार करने के लिए अनुमोदन प्राप्त हुआ. इस अवसर पर कलेक्टर दीपक आर्य, हाउसिंग बोर्ड कार्यपालन यंत्री जीएस दुबे, केंद्रीय जेल अधीक्षक दिनेश नरवारे सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे. कलेक्टर दीपक आर्य ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन की पुनरावृत्तिकरण योजना के तहत सागर स्थित केंद्रीय जेल को सागर शहर से बाहर स्थापित करने के लिए योजना तैयार की गई थी. जिसमें हाउसिंग बोर्ड द्वारा 5000 बंदियों के लिए 200 एकड़ जमीन चितौरा ग्राम के पास चयनित की गई. केंद्रीय जेल सागर 1843 में निर्मित हुई थी. फिलहाल जेल की क्षमता 894 कैदी की है. जबकि करीब 1800 कैदी निरुद्ध रहते हैं.
नेशनल हाइवे 44 पर नवीन जेल का निर्माण : सागर विकासखंड के ग्राम चितौरा में 185.28 हेक्टेयर से 80.00 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की गई है. उन्होंने बताया कि अत्याधुनिक केंद्रीय जेल में जेल प्रशिक्षण केंद्र, आधुनिक मुलाकात कक्ष, सब्जी कोल्ड स्टोरेज, आधुनिक मॉड्यूलर किचन, जेल के अंदर आवासीय परिसर में पार्क, जेल के चारों तरफ वॉच टावर, जेल परिसर में गौशाला का निर्माण, पुस्तकालय का निर्माण 5000 बंदियों के लिए बैरक कार्यालय एवं अन्य भवन साथ में संपूर्ण केंद्रीय जेल की हाईटेक सुरक्षित बाउंड्री वाल जेल परिसर में ही 100 बिस्तर का अस्पताल अस्पताल भवन, भवन में लिफ्ट, फायर फाइटिंग एवं फायर कंडीशन का कार्य भी होगा. अस्पताल भवन में समस्त मेडिकल उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएंगे.
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जेल परिसर में आवास गृह भी बनेंगे : कलेक्टर दीपक आर्य ने बताया कि जेल परिसर में 234 विभिन्न श्रेणियों के आवास गृहों का भी निर्माण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि केंद्रीय जेल परिसर में ही वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम कंट्रोल रूम सभाकक्ष सीसीटीवी कैमरा से युक्त होगा. वहां विद्युतीकरण सबस्टेशन फीडर लाइन, स्पोर्ट्स ग्राउंड एवं परिसर का विकास कार्य किया जाएगा. मौजूदा पुरानी जेल को गिराकर शहर के बीच अत्याधुनिक कमर्शियल काम्प्लेक्स का प्रस्ताव शासन को भेजने की तैयारी है. फिलहाल हाउसिंग बोर्ड ने पुरानी जेल का सर्वे कर प्रस्ताव की तैयारी की है. संभावना है कि सरकार इस योजना का भी अनुमोदन कर सकती है.