सागर। नौरादेही अभ्यारण्य को हाल ही में वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया गया है. यहां मौजूद 15 बाघों में कुछ ऐसे शावक हैं जो अब व्यस्क हो चले हैं. व्यस्क होते शावक अपनी टैरेटरी बनाने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में इन बाघों की चहलकदमी बढ़ गयी है.आसपास के गांव वाले अब बाघ की दहशत से जंगल में जाने से डरने लगे हैं.
भैंस तलाशने के दौरान बाघ से सामना: नौरादेही अभ्यारण्य के पास बसे मुहली गांव के रहने वाले लालसिंह यादव अपनी भैंस तलाशने साईकिल से जंगल गए थे. जहां लाल सिंह यादव से महज सौ फीट दूरी पर बाघ था. बाघ ने जब पहली बार गुर्राया तो लाल सिंह का ध्यान नहीं गया लेकिन जब दूसरी बार बाघ गुर्राया तो लाल सिंह ने आवाज की दिशा में देखा और देखते ही उसके होश उड़ गए.
साइकिल से भागा युवक: अब जब बाघ कुछ ही दूरी पर था तो लाल सिंह की धड़कनें बढ़ गई. एक पल की देर किए बिना रास्ता बदला और साइकिल से भाग खड़ा हुआ. दहशत में इतनी तेज साइकिल चलाई कि घर पहुंचते ही निढाल हो गया और कुछ ही देर में उसकी तबीयत बिगड़ गयी.
बाघिन के मूवमेंट की पुष्टि: दरअसल टाइगर रिजर्व बनाए जाने की प्रक्रिया में नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य में विस्थापन की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है. टाइगर रिजर्व के भीतर कई गांव पूरी तरह विस्थापित हो चुके हैं तो कई विस्थापित किए जा रहे हैं. ऐसे में व्यस्क हो रहे बाघ अपनी टैरेटरी बढ़ाने या नई टैरेटरी बनाने के लिए खाली हो चुके गांव की तरफ रुख कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से पूरी तरह से विस्थापित हो चुके आंखीखेड़ा गांव में एक बाघिन अपने शावक के साथ देखी जा रही है. कई ग्रामीणों और नौरादेही प्रबंधन ने भी बाघिन के मूवमेंट की पुष्टि की है और मूवमेंट के पगमार्क भी मिले हैं.
नौरादेही प्रबंधन ने बढ़ाई चौकसी: टाइगर रिजर्व स्टाफ ने इलाके की निगरानी बढ़ा दी है. लगातार आसपास के गांव और इलाके से गुजरने वालों को सूचना दी जा रही है. बताया जाता है कि टाइगर रिजर्व में 15 बाघ मौजूद हैं और अक्सर बाघ और इंसानों के आमने सामने आने की सूचना मिल रही है.