भोपाल। सीएम हाउस में आज हर किसी की आंखों में आंसू थे,बहनें तो ऐसी रोईं कि जैसे शादी के बाद मायके से विदा हो रहीं हों. दरअसल सीएम हाउस खाली करने के दौरान उनकी लाड़ली बहनें शिवराज से मिलने पहुंची थी और यहां बहनें बिलख-बिलख कर रोनें लगीं.कई बहनें शिवराज से लिपटकर रोईं और कहने लगीं आप ही हमारे सीएम हैं हमने आपको ही चुना है.शिवराज भी भावुक नजर आए.
ऐसा पहले कभी नहीं हुआ: एमपी में ऐसा पहले कब हुआ है कि किसी मुख्यमंत्री की विदाई पर महिलाएं ऐसे बिलख-िलख कर रोई हों. पिछले 18 सालों में जिस रिश्तों की राजनीति के तार कसे थे शिवराज ने, वो अब इस शक्ल में दिखाई दे रहे हैं. मुख्यमंत्री निवास खाली कर रहे शिवराज से मिलने पहुंची महिलाएं या कहिए कि लाड़ली बहनें उनसे गले मिलकर बिलख बिलखर कर रोने लगीं. कई लाड़ली बहनें शिवराज से लिपटकर रोईं. कहने लगी आप सबसे चहेते हो हम आपको नहीं छोड़गें. उन्होंने कहा कि बहनों ने आपको चुना है. हमने आपको चुना है. आप एमपी से नहीं जाना. शिवराज ने भी जवाब में कहा कि मैं भी कहां जा रहा हूं. मैं भी नहीं छोड़ूंगा.
बहनों ने कहा आप ही हैं हमारे सीएम: शिवराज सिंह चौहान को विदाई देने पहुंची पन्ना जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष मीना राजे पुष्पराज सिंह ने कहा कि प्रदेश भर में लाड़ली बहनों ने शिवराज जी को जिताने के लिए ही वोट दिया था. एक झटके में जैसे वो सीएम पद से गए वो बर्दाश्त नहीं हो रहा. मन बहुत दुखी है ऐसा नहीं होना चाहिए था. हम तो मांग कर रहे हैं कि उन्हें ही फिर से मुख्यमंत्री बनाया जाए.
शिवराज के हटने से सदमे में बहनें: प्रदेश भर से महिलाओं के सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो आ रहे हैं जिसमें महिलाएं भैया शिवराज सिंह चौहान के सीएम पद छिन जाने को लेकर दुखी बताई जा रही हैं. सागर से आए वीडियो में एक महिला कह रही है कि उसे शिवराज के मुख्यमंत्री पद से हट जाने का सदमा लगा है. वो बेहद दुखी है. हमें तो मम्मा चाने. उधर डिंडौरी से आए एक वीडियो में महिला कह रही है कि उन्होंने ही चिंता की बहनों की और उन्हें 1250 रुपये दिलवाए.
लाड़ली बहना योजना का योगदान: वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं कि इसमें दो राय नहीं कि लाड़ली बहना जैसी योजना का जनता पर इफेक्ट हुआ था. बीजेपी की बंपर जीत में मोदी मैजिक के साथ उसका भी योगदान है. वे कहते हैं योजनाओं को कैसे समय से लागू करवाना है और कैसे उसका सियासी लाभ लेना है ये वाकई बीजेपी सरकारों से सीखा जा सकता है.
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क्या कहा शिवराज ने: शिवराज सिंह चौहान ने एमपी में अपने कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि 2008 में जनता के आशीर्वाद से हम फिर सरकार लेकर आए. इसके बाद हमने अपने कार्य से 2013 में भी जनता का आशीर्वाद पाया. 2018 में हमें वोट ज्यादा मिले, लेकिन सीटों के गणित में पिछड़ गए. उन्होंने कहा आज मैं यहां से विदाई ले रहा हूं, मेरा मन आत्मसंतुष्टि से भरा हुआ है. केंद्र और राज्य की कल्याणकारी योजनाओं, लाड़ली लक्ष्मी, लाड़ली बहना की बदौलत इस बार फिर सरकार बनी.
क्या ये संदेश नहीं कि एमपी में 18 साल से मजबूती से जमे शिवराज को हिला पाना इतना भी आसान नहीं. सत्ता में चेहरा बदल तो गया लेकिन सल्तनत में नया चेहरा तैयार करने में बीजेपी को अभी वक्त लगेगा.