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लापरवाही! सागर में सड़ गया हजारों क्विंटल अनाज, जबलपुर में धान खरीदी का मैसेज नहीं आने से परेशान किसान - jabalpur latest news

अधिकारियों की लापरवाही की दो तस्वीरें सामने आई है. एक ओर जहां सागर में गोदाम में पड़ा सरकारी अनाज सड़ (thousands quintals of grain rotted in Sagar) गया. सालों से इसका ना तो उचित रख-रखाव हुआ और ना ही समय पर उठाव. वहीं जबलपुर में किसान धान बेचने को परेशान दिखें. धान खरीदी का मैसेज नहीं आने पर उनके धान सोसाइटी केंद्र के बाहर पड़े रहें.

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सागर में सड़ गया हजारों क्विंटल अनाज
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Published : Jan 15, 2022, 8:56 PM IST

सागर/जबलपुर। सागर में वेयर हाउस कार्पोरेशन की गोदाम से दो साल में चना और उड़द का उठाव ना होने से सरकार को भारी नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है, इसे समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदी गई थी. कलेक्टर ने इस लापरवाही पर जांच के आदेश दिए हैं. वहीं शनिवार शासन की ओर से धान खरीदने का आखरी दिन रहा, बावजूद इसके जबलपुर में सैकड़ों किसान ऐसे हैं जिनकी हजारों क्विंटल धान सोसाइटी केंद्र के बाहर रखी हुई है, किसानों के पास मैसेज ना आने के चलते धान का वजन नहीं हुआ और किसान परेशान नजर आएं.

सागर में सड़ गया हजारों क्विंटल अनाज

अनाज के रखरखाव में भयंकर लापरवाही (thousands quintals of grain rotted in Sagar)
सागर में सरकारी गोदामों में अनाज के रखरखाव में लापरवाही बरती जा रही है. बेपरवाही का आलम ये है कि करोड़ों रुपये का अनाज खराब हो रहा है. दो से ढाई साल बाद भी अनाज का उठाव न होने से लाखों क्विंटल चना और उड़द खराब गए हैं. इस लापरवाही के कारण सरकार को करोड़ों रुपये के नुकसान होने का अनुमान है. सागर कलेक्टर दीपक आर्य ने इस मामले में कार्पोरेशन के जिला प्रबंधक को तलब कर लापरवाही के जांच के निर्देश दिए हैं और अधिकारियों को तत्काल खराब हो रहे चना और उड़द की फसल के उठाव के निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने बताया कि यह अनाज नाफेड का है.

किसानों से मिले शिवराज बोले ऋण वसूली स्थगित, 1 साल तक नहीं होगी कर्ज वसूली, जनवरी में ही मिलेगा मुआवजा

कितना अनाज हो रहा बर्बाद
मिली जानकारी के अनुसार, वेयर हाउस में
-वर्ष 2018-19 में खरीदी उड़द 16 लाख 69 हजार 957.80 किग्रा में से वर्तमान में 14 लाख 4 हजार 492.38 किग्रा का स्टॉक है.
-वर्ष 2018-19 में खरीदे गए 2 हजार 420.48 किग्रा चने में से 2 हजार 420.48 किग्रा स्टॉक है.
-वर्ष 2020-21 में 48 हजार 542.36 किग्रा चना खरीदा गया था, जो पूरा का पूरा ही स्टॉक में रखा है.
अनाज सड़ने से सरकार को घाटा
गौरतलब है कि 2018 से लेकर 2021 तक चना और उड़द की समर्थन मूल्य पर खरीदी के बाद वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के गोदामों में अनाज रखा गया था. लेकिन अनाज के रखरखाव के बेहतर प्रबंध ना होने के कारण ये खराब होने लगा है. अनाज का समय-समय पर निरीक्षण व देखभाल के लिए कीटनाशक दवा आदि का उपयोग किया जाता है. नीलामी कर इसे व्यापारियों को बेच दिया जाता है. लेकिन उड़द व चने के खराब होने से अच्छा भाव मिलने की उम्मीद नहीं है. जिससे सरकार को बड़ा घाटे का अनुमान है.

जबलपुर में किसान धान बेचने को परेशान
जबलपुर में परेशान किसानों ने घेरा कलेक्टर ऑफिस
जबलपुर में समय सीमा के बीच किसानों के पास धान खरीदी का मैसेज ना आने के चलते उनकी धान सोसाइटी के बाहर पड़ी रह गई. एक तो बेमौसम बारिश से कई किसानों की धान खराब हुई है तो वहीं अब मैसेज ना आने के चलते किसान परेशान (Farmers worried about buying paddy) दिखें. परेशान सैकड़ों किसानों ने शनिवार को जबलपुर कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव किया. धान खरीदी की मांग कर रहे किसानों का कहना है कि मैसेज न आने के कारण किसान की धान खरीदी केंद्र के बाहर पड़ी रह गई और तुलाई भी नहीं हुई जबकि शनिवार को धान खरीदी का अंतिम दिन था.

'आगे बढ़े धान खरीदी की तारीख'
कलेक्टर ऑफिस का घेराव करने पहुंचे किसानों से कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने बंद कमरे में बैठक की. किसानों को कहना है कि जब तक धान खरीदी नहीं हो जाती तब तक वह इसी तरह से विरोध-प्रदर्शन करते रहेंगे. किसानों की यह भी मांग है कि धान खरीदी की तारीख को बढ़ाया जाए. बता दें कि जबलपुर जिला प्रशासन ने बीते साल की तुलना में इस साल धान खरीदी के लिए केंद्र बढ़ाए थे, बावजूद इसके सही समय पर मैसेज ना आने के चलते हजारों किवंटल धान की खरीदी अभी भी बाकी है. माना जा रहा है कि धान खरीदी की तारीख आगे बढ़ सकती है.

सागर/जबलपुर। सागर में वेयर हाउस कार्पोरेशन की गोदाम से दो साल में चना और उड़द का उठाव ना होने से सरकार को भारी नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है, इसे समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदी गई थी. कलेक्टर ने इस लापरवाही पर जांच के आदेश दिए हैं. वहीं शनिवार शासन की ओर से धान खरीदने का आखरी दिन रहा, बावजूद इसके जबलपुर में सैकड़ों किसान ऐसे हैं जिनकी हजारों क्विंटल धान सोसाइटी केंद्र के बाहर रखी हुई है, किसानों के पास मैसेज ना आने के चलते धान का वजन नहीं हुआ और किसान परेशान नजर आएं.

सागर में सड़ गया हजारों क्विंटल अनाज

अनाज के रखरखाव में भयंकर लापरवाही (thousands quintals of grain rotted in Sagar)
सागर में सरकारी गोदामों में अनाज के रखरखाव में लापरवाही बरती जा रही है. बेपरवाही का आलम ये है कि करोड़ों रुपये का अनाज खराब हो रहा है. दो से ढाई साल बाद भी अनाज का उठाव न होने से लाखों क्विंटल चना और उड़द खराब गए हैं. इस लापरवाही के कारण सरकार को करोड़ों रुपये के नुकसान होने का अनुमान है. सागर कलेक्टर दीपक आर्य ने इस मामले में कार्पोरेशन के जिला प्रबंधक को तलब कर लापरवाही के जांच के निर्देश दिए हैं और अधिकारियों को तत्काल खराब हो रहे चना और उड़द की फसल के उठाव के निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने बताया कि यह अनाज नाफेड का है.

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कितना अनाज हो रहा बर्बाद
मिली जानकारी के अनुसार, वेयर हाउस में
-वर्ष 2018-19 में खरीदी उड़द 16 लाख 69 हजार 957.80 किग्रा में से वर्तमान में 14 लाख 4 हजार 492.38 किग्रा का स्टॉक है.
-वर्ष 2018-19 में खरीदे गए 2 हजार 420.48 किग्रा चने में से 2 हजार 420.48 किग्रा स्टॉक है.
-वर्ष 2020-21 में 48 हजार 542.36 किग्रा चना खरीदा गया था, जो पूरा का पूरा ही स्टॉक में रखा है.
अनाज सड़ने से सरकार को घाटा
गौरतलब है कि 2018 से लेकर 2021 तक चना और उड़द की समर्थन मूल्य पर खरीदी के बाद वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के गोदामों में अनाज रखा गया था. लेकिन अनाज के रखरखाव के बेहतर प्रबंध ना होने के कारण ये खराब होने लगा है. अनाज का समय-समय पर निरीक्षण व देखभाल के लिए कीटनाशक दवा आदि का उपयोग किया जाता है. नीलामी कर इसे व्यापारियों को बेच दिया जाता है. लेकिन उड़द व चने के खराब होने से अच्छा भाव मिलने की उम्मीद नहीं है. जिससे सरकार को बड़ा घाटे का अनुमान है.

जबलपुर में किसान धान बेचने को परेशान
जबलपुर में परेशान किसानों ने घेरा कलेक्टर ऑफिस
जबलपुर में समय सीमा के बीच किसानों के पास धान खरीदी का मैसेज ना आने के चलते उनकी धान सोसाइटी के बाहर पड़ी रह गई. एक तो बेमौसम बारिश से कई किसानों की धान खराब हुई है तो वहीं अब मैसेज ना आने के चलते किसान परेशान (Farmers worried about buying paddy) दिखें. परेशान सैकड़ों किसानों ने शनिवार को जबलपुर कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव किया. धान खरीदी की मांग कर रहे किसानों का कहना है कि मैसेज न आने के कारण किसान की धान खरीदी केंद्र के बाहर पड़ी रह गई और तुलाई भी नहीं हुई जबकि शनिवार को धान खरीदी का अंतिम दिन था.

'आगे बढ़े धान खरीदी की तारीख'
कलेक्टर ऑफिस का घेराव करने पहुंचे किसानों से कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने बंद कमरे में बैठक की. किसानों को कहना है कि जब तक धान खरीदी नहीं हो जाती तब तक वह इसी तरह से विरोध-प्रदर्शन करते रहेंगे. किसानों की यह भी मांग है कि धान खरीदी की तारीख को बढ़ाया जाए. बता दें कि जबलपुर जिला प्रशासन ने बीते साल की तुलना में इस साल धान खरीदी के लिए केंद्र बढ़ाए थे, बावजूद इसके सही समय पर मैसेज ना आने के चलते हजारों किवंटल धान की खरीदी अभी भी बाकी है. माना जा रहा है कि धान खरीदी की तारीख आगे बढ़ सकती है.
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