सागर/जबलपुर। सागर में वेयर हाउस कार्पोरेशन की गोदाम से दो साल में चना और उड़द का उठाव ना होने से सरकार को भारी नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है, इसे समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदी गई थी. कलेक्टर ने इस लापरवाही पर जांच के आदेश दिए हैं. वहीं शनिवार शासन की ओर से धान खरीदने का आखरी दिन रहा, बावजूद इसके जबलपुर में सैकड़ों किसान ऐसे हैं जिनकी हजारों क्विंटल धान सोसाइटी केंद्र के बाहर रखी हुई है, किसानों के पास मैसेज ना आने के चलते धान का वजन नहीं हुआ और किसान परेशान नजर आएं.
अनाज के रखरखाव में भयंकर लापरवाही (thousands quintals of grain rotted in Sagar)
सागर में सरकारी गोदामों में अनाज के रखरखाव में लापरवाही बरती जा रही है. बेपरवाही का आलम ये है कि करोड़ों रुपये का अनाज खराब हो रहा है. दो से ढाई साल बाद भी अनाज का उठाव न होने से लाखों क्विंटल चना और उड़द खराब गए हैं. इस लापरवाही के कारण सरकार को करोड़ों रुपये के नुकसान होने का अनुमान है. सागर कलेक्टर दीपक आर्य ने इस मामले में कार्पोरेशन के जिला प्रबंधक को तलब कर लापरवाही के जांच के निर्देश दिए हैं और अधिकारियों को तत्काल खराब हो रहे चना और उड़द की फसल के उठाव के निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने बताया कि यह अनाज नाफेड का है.
कितना अनाज हो रहा बर्बाद
मिली जानकारी के अनुसार, वेयर हाउस में
-वर्ष 2018-19 में खरीदी उड़द 16 लाख 69 हजार 957.80 किग्रा में से वर्तमान में 14 लाख 4 हजार 492.38 किग्रा का स्टॉक है.
-वर्ष 2018-19 में खरीदे गए 2 हजार 420.48 किग्रा चने में से 2 हजार 420.48 किग्रा स्टॉक है.
-वर्ष 2020-21 में 48 हजार 542.36 किग्रा चना खरीदा गया था, जो पूरा का पूरा ही स्टॉक में रखा है.
अनाज सड़ने से सरकार को घाटा
गौरतलब है कि 2018 से लेकर 2021 तक चना और उड़द की समर्थन मूल्य पर खरीदी के बाद वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के गोदामों में अनाज रखा गया था. लेकिन अनाज के रखरखाव के बेहतर प्रबंध ना होने के कारण ये खराब होने लगा है. अनाज का समय-समय पर निरीक्षण व देखभाल के लिए कीटनाशक दवा आदि का उपयोग किया जाता है. नीलामी कर इसे व्यापारियों को बेच दिया जाता है. लेकिन उड़द व चने के खराब होने से अच्छा भाव मिलने की उम्मीद नहीं है. जिससे सरकार को बड़ा घाटे का अनुमान है.